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आसाराम के इल्‍जामों की फेहरिस्‍त में जुड़ा नया इल्‍जाम

लगता है आसाराम का बुरा वक्‍त इतनी आसानी से खत्म नहीं होने वाला, क्योंकि आसाराम को यौन शोषण के एक मामले में तो अब तक जमानत मिली नहीं, ऊपर से कई इल्जाम और लग गए. इल्जामों की इस फेहरिस्त में जो सबसे नया और ताजा इल्जाम पीडोफीलिया होने का है.

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लगता है आसाराम का बुरा वक्‍त इतनी आसानी से खत्म नहीं होने वाला, क्योंकि आसाराम को यौन शोषण के एक मामले में तो अब तक जमानत मिली नहीं, ऊपर से कई इल्जाम और लग गए. इल्जामों की इस फेहरिस्त में जो सबसे नया और ताजा इल्जाम पीडोफीलिया होने का है. पीडोफीलिया यानी वो बीमार जहनियत शख्स, जिसे बच्चों के साथ जिस्मानी रिश्ते बनाने की चाहत हो.

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दुनिया भर में घूम-घूम कर भगवत भक्ति की बातें करनेवाले आसाराम को एक अजीब बीमारी है. वो जेहनी बीमारी, जिसका शिकार होने के बाद इंसान रिश्ते बनाने के मामले में बड़े तो बड़े, बच्चों से भी फर्क करना भी भूल जाता है. दूसरे लफ्जों में कहें तो इस दिमागी हालत का शिकार होने के बाद इंसान को बच्चों से जिस्मानी रिश्ते बनाना अच्छा लगने लगता है.

वैसे तो मनोविज्ञान या मेडिकल साइंस की दुनिया में इस बीमारी को पीडोफिलिया कहते हैं, लेकिन हकीकत यही है कि इस पीडोफिलिया के मरीज़ों को तकरीबन पूरी दुनिया में हिकारत की निगाहों से देखा जाता है, क्योंकि पीडोफिलिया के मरीज़ अक्सर उन मासूमों को अपनी यौन हिंसा या कुंठा का शिकार बनाते हैं, जिन्हें दुनिया और दुनियादारी की समझ तक नहीं होती और अब एक धर्मगुरु के बारे में हुए इस नए खुलासे ने सभी को चौंका दिया है.

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आसाराम ने पापा बहुत कहलवा लिया, लेकिन अब पाप के आरोपों की सजा वो जोधपुर जेल में भोग रहे हैं. विदेशी भक्तों के पापा, देसी भक्तों के बापू अब मख्मली बिस्तरों पर नहीं जेल के खुरदरे बिस्तर पर रातें गुजार रहे हैं.

कलंक के कीचड़ से, बदनामी के दलदल से, काले कोर्ट वाले आसाराम को बचाने के लिए इंडिया से लेकर इंग्लैंड तक की दलीलें दे रहे हैं, लेकिन आसाराम पर आरोप बेहद घिनौना है, उस पीड़ित लड़की की आपबीती में छुपी बेबसी की दुहाई, आसाराम की राह में बबूल का वो पेड़ खड़ा कर चुकी है, जिसके कांटे आसाराम को चुभ-चुभ कर बदला ले रहे हैं. आसाराम को कैसे बचाएं? आसाराम को जमानत कैसे दिलाएं? यकीनन आसाराम के वकीलों के माथे पर बल बढ़ते ही जा रहे होंगे. आसाराम की हाईकोर्ट ने ना सिर्फ जमानत खारिज की, बल्कि जोधपुर कोर्ट ने आसाराम की शिष्या शिल्पी को 3 दिन की पुलिस रिमांड में भेज दिया.

वहीं, आसाराम का केस लड़ने वाले जाने माने वकील राम जेठमलानी कहते हैं कि इंग्लैंड के संविधान में कोई भी शख्स जब तक दोषी करार नहीं दिया जाता, तब तक उसे आजादी पाने का हक है. आसाराम एक गणमान्य शख्सियत हैं, ऐसे में जमानत पाना उनका अधिकार है.

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आसाराम के बारे में अगर ये बातें महज उनके किसी विरोधी ने कही होती, तो भी गनीमत थी, लेकिन आसाराम के बारे में ये खुलासा किया है खुद राजस्थान के एडिशनल सॉलिसिटर जनरल आनंद पुरोहित ने और भी कहीं और नहीं बल्कि उसी राजस्थान हाई कोर्ट में जहां आज आसाराम ने अपनी जमानत के लिए अर्जी लगाई थी, लेकिन इससे पहले कि अदालत आसाराम को जमानत देने या ना देने के मसले पर कोई फ़ैसला कर पाती, आनंद पुरोहित ने आसाराम को पीडोफिलिया का शिकार बता कर कोर्टरूम में सनसनी फैला दी.

पुरोहित ने बताया कि पुलिस की अब तक की तफ्तीश में ये बात साफ हुई है कि आसाराम सत्संग और प्रवचन के दौरान अपनी छवि की आड़ में लड़कियों और खासकर बच्चों के साथ गलत हरकतें करते रहे हैं, बल्कि कई बार आसाराम जैसी भाषा का इस्तेमाल करते हैं, वो भी उनकी इसी जेहनियत की तरफ इशारा करती है और तो और पीड़ित लड़की ने अपने साथ आसाराम की ज़्यादती की जो कहानी बयान की है, वो भी आसाराम के पीडोफीलिया बीमारी को साबित करती है. पुरोहित ने बताया कि किस तरह आसाराम ने पूरी साजिश रच कर ना सिर्फ इस लड़की को अपने गलत इरादों का शिकार बनाया, बल्कि अपनी चौकड़ी की मदद से आश्रम की कई दूसरी लड़कियों के साथ भी नाजायज हरकतें कीं.

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वैसे पीडोफिलिया के बारे में कहा जाता है कि इसका अब तक दुनिया में कोई इलाज नहीं है, लेकिन फिर भी इसके शिकार लोगों के पीडोफीलिक व्यवहार को कम करने या रोकने के लिए उनकी काउंसिलिंग की कोशिश की जाती है. किसी धर्म गुरु पर यौन शोषण का इल्जाम अपने-आप में किसी भी शख्स को दहलाने के लिए काफी होता है, लेकिन यहां तो आसाराम पर ना सिर्फ यौन शोषण, बल्कि बच्चों के साथ यौन शोषण की बात सामने आई है और इस इल्जाम ने सिर्फ आसाराम के भक्तों को ही नहीं, बल्कि सभी को अंदर से हिला दिया है.

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