25 दिन और 5 कत्ल. हम बात किसी सायको सीरियल किलर की नहीं कर रहे, जो हर पांचवें दिन किसी का कत्ल कर रहा है, बल्कि हम बात कर रहे हैं दिल्ली एनसीआर के उन बुजुर्गों की, जो सिर्फ बुजुर्ग होने की वजह से कातिलों को आसान शिकार बन रहे हैं. अभी इस महीने के 25 दिन ही गुजरे हैं कि दिल्ली एनसीआर में 5 से ज्यादा बुजुर्ग अपनी जान गंवा चुके हैं. इससे भी ज्यादा बेचैन करने वाली बात ये है कि इनमें से ज्यादातर अपने घर में अकेले होने के दौरान लुटेरों का शिकार बने हैं.
दिल्ली के पॉश लाजपत नगर इलाके के इस मकान में रहने वाले अजय आहूजा जब रविवार शाम को अपने घर लौटे, तो मकान के अंदर का मंजर देख कर उनके पैर कांप उठे. घर लॉक था और अंदर 86 साल की बुजुर्ग मां की लहूलुहान लाश पड़ी थी. उनका कत्ल हो चुका था, लेकिन ये हाल के दिनों में दिल्ली की कोई पहली और इकलौती ऐसी वारदात नहीं थी जब घर में अकेली रह रही किसी बुजुर्ग महिला का कत्ल हुआ था, बल्कि 5 बुजुर्गों को इसी तरह घर में घुस कर मौत के घाट उतारा जा चुका है.
लाजपतनगर में विमला आहूजा के सिर पर धारदार हथियार से वार किया गया था. घर की हालत देख कर साफ था कि कत्ल के पीछे का मकसद लूटपाट ही रहा होगा. क्योंकि वारदात के बाद घर से 10 लाख रुपये भी गायब थे, लेकिन जब पुलिस ने मामले की छानबीन शुरू कि तो उसे इस बात के सुराग मिले की कातिल ने घर में फ्रैंडली एंट्री की थी. यानी अंदर आने के लिए उसे विमला मेहरा के साथ कोई जोर जबरदस्ती नहीं करनी पड़ी. ऐसे में पुलिस को शक है कि शायद कातिल कोई जानकार ही हो.
घर के फर्स्ट फ्लोर पर विमला अपने पति के साथ रहती थीं, जबकि बेटे बहू टॉप फ्लोर पर. जब उनके साथ ये वारदात हुई, तब घर में कोई नहीं था. अब पुलिस ने कई टीमें बना कर इस मामले की जांच शुरू की है, लेकिन इस वारदात के साथ ही ये बात फिर एक बार साफ हो गई है कि दिल्ली एनसीआर में बुजुर्ग बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं हैं. हाल ही में मयूर विहार के समाचार अपार्टमेंट में 70 वर्षीय बुजुर्ग विजय कुमार की हत्या भी इस बात की तस्दीक करती है.
6 जुलाई