इसे तकदीर का सितम कह लें या फिर कुछ और, केंद्रीय मंत्री शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर जीते जी जितनी सुर्खियों में रहीं, अब मौत के बाद भी वो उतनी ही सुर्खियों में हैं. गरज ये कि सुनंदा की मौत कोई मामूली मौत नहीं है. अपने पति के साथ रिश्तों के तनाव से गुजर रही सुनंदा की जान तो सोते-सोते गई, लेकिन क्या ये महज एक इत्तेफाक था या फिर शराब और नींद की गोलियां ही सुनंदा की मौत की वजह बन गईं?
दिल्ली के होटल लीला से 17 जनवरी की रात मौत की एक ऐसी पहेली बाहर निकली, जो अब सुलझाए नहीं सुलझ रही है. हालांकि शुरुआती पोस्टमार्टम रिपोर्ट और अब तक की छानबीन से ये बात साफ हो गई है कि मौत से पहले सुनंदा ने शराब पी थी और साथ में नींद की गोलियां भी ली थीं, लेकिन क्या शराब और नींद की यही गोलियां उनकी मौत की वजह बनी या फिर मौत की वजह कुछ और रही. ये सवाल अब भी अनसुलझा है.
एम्स के डॉक्टरों ने पोस्टमार्टम के बाद सुनंदा का विसरा जांच के लिए भिजवाया है और उनका कहना है कि विसरा रिपोर्ट के सामने आते ही मौत की असली वजह भी साफ हो जाएगी, लेकिन एसडीएम की छानबीन से ये साफ हुआ है कि सुनंदा और शशि थरुर के बीच आखिरी दिनों में रिश्ते कोई बहुत अच्छे नहीं थे. बल्कि पाकिस्तानी पत्रकार मेहर तरार को लेकर मौत से चंद घंटे पहले तक दोनों के बीच तीखी झड़प होती रही और ये सबकुछ घंटों रह-रह कर चलता रहा. सूत्रों की मानें तो 15 जनवरी को सुनंदा अपने पति के साथ तिरुअनंतपुरम से दिल्ली पहुंची थी और रास्तेभर दोनों के बीच मेहर को लेकर लड़ाई होती रही. और तो और दिल्ली पहुंचने के बाद सुनंदा और थरूर के बीच लड़ाई कुछ इतनी बढ़ी कि सुनंदा एयरपोर्ट पर ही फूट-फूट कर रोने लगी और उसने खुद को एयरपोर्ट के वॉश रूम में बंद कर लिया.
हालांकि तब थरूर भी कुछ देर तक वॉश रूम के बाहर सुनंदा का इंतजार करते रहे, लेकिन सुनंदा नहीं निकली. इसके बाद जब थरूर वहां से इंतजार कर चले गए, तब सुनंदा बाहर निकलीं और एयरपोर्ट से सीधे होटल लीला पैलेस पहुंचीं. यहां उन्होंने अपने लिए कमरा बुक करवा लिया. हालांकि कुछ देर बाद थरूर भी होटल लीला पहुंचे, लेकिन ये रिश्तों की कड़वाहट ही थी कि पत्नी के उसी होटल में होने के बावजूद उस दिन दोनों अलग-अलग कमरों में ठहरे.
अगले दिन हालात थोड़े बदल चुके थे. थरूर सुनंदा को मनाने में थोड़ा कामयाब हुए और इस दिन दोनों ने उसी होटल में एक कमरा नंबर 345 बुक करवा लिया. इसके बाद दोनों साथ रहे और फिर 17 जनवरी को शशि थरूर एआईसीसी की मीटिंग में शामिल होने के लिए होटल से बाहर चले गए, लेकिन सुनंदा के दिल में अब भी उथल-पुथल चल रही थी. लिहाजा, इस दिन भी उन्होंने ज्यादा किसी से मिलना-जुलना ठीक नहीं समझा और होटल के कमरे में ही आराम करती रही.
सुनंदा पहले ही बीमार थीं और काफी कमजोर भी हो गई थीं. ऊपर से लड़ाई-झगड़ों की वजह से भी वो काफी परेशान चल रही थी. हाल के दिनों में वो सिगरेट के साथ शराब भी पी रही थी और उन्होंने ठीक से खाना तक नहीं खाया था, लेकिन 17 जनवरी को शाम होते-होते जो कुछ हुआ, उसने सिर्फ़ थरूर परिवार ही नहीं, बल्कि पूरे देश को सकते में डाल लिया. अचानक उस कमरे से सुनंदा पुष्कर का शव मिला.
सुनंदा पुष्कर की मौत की खबर से पूरे होटल में हड़कंप मच चुका था. शशि थरूर ने फौरन एक डॉक्टर को जांच के लिए बुलवाया, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी. उधर, थरूर ने अपने पीएस अभिनव कुमार को फोन पर इसकी इत्तिला दी और अभिनव ने पुलिस को सुनंदा की मौत के बारे में बताया. तब तक होटल के कमरा नंबर 345 से निकली सुनंदा की मौत की खबर देश भर में फैल चुकी थी.
मौत के बाद छानबीन के दौरान ये भी साफ हुआ कि 16 और 17 की दरम्यानी रात को सुनंदा ने टेलीफोन पर दो महिला पत्रकारों से बात की थी. इनमें से एक वरिष्ठ पत्रकार नलिनी सिंह ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा है कि उस वक्त सुनंदा अपनी सेहत और थरूर से रिश्तों से लेकर परेशान थीं और फोन पर रो भी रही थीं.
फिलहाल एसडीएम ने इन दोनों पत्रकारों के साथ-साथ सुनंदा के पति और केंद्रीय मंत्री शशि थरूर के बयान भी दर्ज किए हैं. इसके साथ ही शशि थरूर के भाई और उनके पीए, जबकि सुनंदा और शशि थरूर के दो अटैंडेंट नारायण और बजरंगी भी अपने बयान भी दर्ज हो चुका है और इन तमाम बयानों, फारेंसिक सुबूतों और हालात के मद्देनजर अब जांच अधिकारी अब सुनंदा की मौत की असली वजह जानने की कोशिश कर रहे हैं.