तबरेज अंसारी लिंचिंग केस में झारखंड पुलिस ने हत्या की धारा को हटा दिया है. पुलिस का कहना है कि डॉक्टरों की रिपोर्ट में तबरेज की मौत तनाव और कार्डियक अरेस्ट की वजह से हुई थी. इसके आधार पर हम चार्जशीट दाखिल करेंगे. हत्या की धारा 302 के हटने से अब अभियुक्तों को मौत की सजा नहीं मिलेगी.
करीब चार महीने पहले राज्य के सरायकेला-खरसावां में चोरी का कथित आरोप में भीड़ द्वारा पीटे गए 22 वर्षीय तबरेज अंसारी की मौत हो गई थी. पुलिस ने आईपीसी की धारा 302 के तहत 11 आरोपियों पर दर्ज मामले को खारिज कर दिया है.पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का हवाला देते हुए कि कहा गया है कि अंसारी की कार्डियक अरेस्ट से मृत्यु हुई और यह कहा गया है कि यह पूर्व नियोजित हत्या का मामला नहीं है.
बता दें कि पुलिस ने पिछले महीने चार्जशीट में धारा 304 के तहत मामला दर्ज किया था. पुलिस ने इससे पहले अंसारी की पत्नी की शिकायत पर दर्ज एफआईआर में आरोपियों पर हत्या का आरोप लगाया था.
इससे पहले कहा गया था कि बाइक चोरी करने के संदेह में बेरहमी से पीटे गए तबरेज अंसारी की मौत ब्रेन हैमरेज के कारण हुई थी. पुलिस सूत्रों के अनुसार, डॉक्टरों द्वारा जमा कराई गई पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कहा गया है कि अंसारी के सिर की हड्डी टूट गई थी जिससे ब्रेन हैमरेज हुआ और उनकी मौत हो गई.
इस साल जून में बाइक चोरी में हाथ होने की आशंका के चलते लोगों के एक समूह ने अंसारी को पीटा और उनसे 'जय श्री राम' का नारा लगाने को कहा था. घटनास्थल से उनके दो साथी भागने में कामयाब हो गए थे. मारपीट की घटना के एक हफ्ते बाद अंसारी की पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी. उनकी हत्या के मामले में 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया था.