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हादसा, सुसाइड या मर्डरः गर्ल्स हॉस्टल में टीचर के टॉर्चर के किस्सों से और उलझ गई मौत की मिस्ट्री

चेन्नई से करीब 270 किलोमीटर दूर कल्लाकुरिची जिले के कनियामूर में मौजूद एक रेसिंडेशियल स्कूल में एक छात्रा की रहस्यमयी मौत के बाद लोग गुस्से में थे. स्कूल में हुई 12वीं की छात्रा की मौत के बाद सिर्फ कनियामूर ही नहीं बल्कि पूरे कल्लाकुरिची जिले के तमाम निजी स्कूल बंद कर दिेए गए थे.

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मृतक छात्रा 12वीं कक्षा की छात्रा थी
मृतक छात्रा 12वीं कक्षा की छात्रा थी

तमिलनाडु में पिछले माह एक स्कूल के हॉस्टल के बाहर एक छात्रा की लाश मिलती है. लाश जमीन पर पड़ी थी. मौके पर मौजूद लोगों ने अंदाजा लगाया कि छात्रा की मौत तीसरी मंजिल से गिरने हुई है या उसने कूदकर जान दी है या फिर उसे गिराकर उसकी जान ली गई है. छात्रा के कमरे की छानबीन के दौरान एक सुसाइड नोट बरामद होता है. सुसाइड नोट के सामने आते ही शहरभर के छात्र सड़कों पर उतर आते हैं और इसी वजह से ये मामला देशभर में चर्चा का विषय बना.

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कनियामूर के रेसिंडेशियल स्कूल में छात्रा की मौत
चेन्नई से करीब 270 किलोमीटर दूर कल्लाकुरिची जिले के कनियामूर में मौजूद एक रेसिंडेशियल स्कूल में एक छात्रा की रहस्यमयी मौत अपने-आप में वहां के हालात बयान करने के लिए काफी है. स्कूल में हुई 12वीं की छात्रा की मौत के बाद सिर्फ कनियामूर ही नहीं बल्कि पूरे कल्लाकुरिची जिले के तमाम निजी स्कूल बंद कर दिेए गए. हालत ये हुई कि इस मामले में सूबे के डीजीपी से लेकर मुख्यमंत्री तक को दखल देना पड़ा और यहां तक कि तामिलनाडु हाई कोर्ट ने मारी गई छात्रा के दोबारा पोस्टमार्टम का हुक्म दिया लेकिन छात्रा की मौत बाद शुरू हुआ बवाल फिलहाल थमता हुआ नहीं दिखाई दे रहा है.

13 जुलाई 2022, सुबह 7 बजे, शक्ति मैट्रिकुलेशन स्कूल, कनियामूर
तामिलनाडु के कल्लाकुरिची ज़िले में मौजूद है शक्ति मैट्रिकुलेशन स्कूल. इस रेज़िडेंशियल स्कूल का वैसे तो काफ़ी नाम है. सूबे के दूर दराज इलाकों से लोग यहां अपने बच्चों को पढ़ने के लिए भेजते हैं. कहने की ज़रूरत नहीं है कि इंटरनेशनल स्टेटस होने की वजह से इस स्कूल की गिनती भी इलाके के हाई प्रोफाइल स्कूल्स में होती है. लेकिन 13 जुलाई की सुबह यहां हुई एक वारदात ने सिर्फ इस स्कूल को नहीं बल्कि पूरे ज़िले को एकाएक सुर्खियों में ला दिया. हुआ यूं कि गर्ल्स हॉस्टल की इमारत के पास हॉस्टल के चौकीदार को एक लड़की ज़मीन पर संदिग्ध हालत में पड़ी हुई मिली. आनन-फ़ानन में लड़की को उठाकर अस्पताल ले जाया गया. लेकिन अस्पताल में लड़की ब्रॉट डेड यानी मुर्दा करार दिया गया. देखने से लग रहा था कि शायद लड़की की मौत ऊंचाई से गिरने की वजह से हुई है. शक ये था कि ये वारदात 12 और 13 जुलाई की दरम्यानी रात को हुई, जब लड़की ऊपर से नीचे आ गिरी.

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12वीं की स्टूडेंट थी श्रीमति
लड़की यहीं इसी रेसिडेंशियल स्कूल की 12वीं की स्टूडेंट श्रीमति थी. उसके इस रहस्यमयी हालत में हॉस्टल के ऊंचाई से नीचे गिरने के वाकये ने स्कूल प्रशासन के हाथ-पांव फुला दिए. जल्द ही इस वारदात की खबर लड़की के घरवालों को दी गई. पहले उन्हें लड़की को जिंदा बताया गया और अस्पताल ले जाने की बात कही गई. लेकिन अगले आधे घंटे के अंदर जब उन्हें लड़की की मौत की खबर मिली, तो ये सदमा उनके बर्दाश्त से बाहर था.

छात्रा के रूम से मिला सुसाइड नोट 
चूंकि मामला हॉस्टल परिसर में एक छात्रा की रहस्यमयी मौत का था, पुलिस ने इस सिलसिले में अस्वाभाविक मौत का मामला दर्ज किया और तफ्तीश शुरू कर दी. लेकिन जब मामले की जांच कर रही पुलिस ने लड़की के हॉस्टल रूम की तलाशी ली, तो वहां मिले एक सुसाइड नोट ने मामले का एक नया ट्विस्ट दे दिया. हॉस्टल की टॉप फ्लोर यानी तीसरी मंजिल से लड़की के नीचे गिरने की ये वारदात महज एक हादसा नहीं बल्कि खुदकुशी थी. क्योंकि लड़की ने अपने सुसाइड नोट में ना सिर्फ अपनी जान देने का जिक्र किया था बल्कि इसके लिए स्कूल की ही दो टीचर को अपनी मौत का जिम्मेदार भी बताया था.

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छात्रा को टॉर्चर करती थीं दो टीचर
लड़की ने अपने सुसाइड नोट में स्कूल की दो टीचर श्रीप्रिया और कृतिका का नाम लिखा था और कहा था कि इन दोनों ने उसे पढ़ाई-लिखाई के बहाने इतना टॉर्चर कर किया कि उसके सामने मौत को चुनने के सिवाय और कोई रास्ता ही नहीं बचा. चूंकि इल्जाम संगीन था और सुसाइड नोट ने मौत की पीछे की वजह पेचीदा कर दी थी, पुलिस ने दोनों टीचर्स के साथ-साथ स्कूल मैनेजमेंट के भी कई लोगों को हिरासत में लिया और पूछताछ शुरू कर दी. पुलिस सूत्रों की मानें तो टीचर्स ने छात्रा को समझाने-बुझाने की बात तो मानी, लेकिन टॉर्चर करने जैसे किसी भी बात से इनकार दिया. केमेस्ट्री की टीचर हरिप्रिया और गणित की टीचर कृतिका का कहना था कि उन्होंने छात्रा को गंभीरता से पढ़ाई करने के लिए ज़रूर कहा था, क्योंकि 17 साल की श्रीमती अपनी स्टडी को लेकर थोड़ी लापरवाह थी, लेकिन उसे टॉर्चर करने जैसी कोई बात नहीं थी. 

उधर, सूत्रों की मानें तो लड़की की पोस्टमार्टम रिपोर्ट उसे मौत से पहले लगी कुछ चोटों की तरफ इशारा कर रही थी. 17 साल की श्रीमति की मौत लेकर स्कूल प्रबंधन का चाहे जो भी कहे, लड़की की मौत को लेकर अपने-आप में बेशुमार सवाल थे. 

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छात्रा की मौत पर अनगिनत सवाल
लड़की के घरवालों का कहना था कि श्रीमती 1 जुलाई को ही अपने घर से हॉस्टल पहुंची थी. 13 जुलाई को उसकी मौत की ख़बर आ गई. पहले स्कूल प्रबंधन ने उसे अस्पताल ले जाने की बात कही और उसे जीवित बताया. लेकिन आधे घंटे के बाद ही उन्हें दोबारा फोन कर बताया गया कि लड़की की मौत हो चुकी है. घरवालों का कहना है कि आख़िर अचानक ऐसे कैसा हो सकता है? घरवालों ने अपनी बच्ची की लाश की हालत पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि लड़की के सिर में चोट लगी थी और उसके कपड़े भी फटे हुए थे. लेकिन उसके हाथ और पांव में किसी तरह के कोई भी चोट के निशान नहीं थे. ऐसा कैसे हो सकता है?
घरवालों का ये भी कहना था कि मौका-ए-वारदात पर जहां उनकी बेटी के गिरने की बात कही गई, वहां किसी तरह का कोई निशान या ख़ून का धब्बा तक नहीं था.
 
छात्रा के जिस्म पर मौत से पहले चोट के निशान!
घरवालों ने बताया कि उन्होंने बच्ची को पहली बार देखनेवाले डॉक्टरों से भी बात की, लेकिन डॉक्टरों का कहना था कि बच्ची को जब अस्पताल लाया गया था, तब तक उसकी जान जा चुकी थी. लड़की के घरवालों का कहना है कि उसके जिस्म पर मौत से पहले चोट के निशान थे, जो इस मौत के पीछे किसी साज़िश की तरफ़ इशारा करते हैं. इतना ही नहीं घरवालों का ये भी इल्ज़ाम है कि स्कूल में इससे पहले भी ऐसे ही तकरीबन 7 स्टूडेंट्स की रहस्यमयी हालात में मौत हुई है. लेकिन ये तो रही 17 साल की छात्रा की रहस्यमयी मौत और उसे लेकर उठ रहे सवालों की बात. श्रीमति की मौत को लेकर वैसे तो उसके घरवालों ने पहले ही दिन विरोध प्रदर्शन किया था, लेकिन तब पुलिस ने समझा बुझाकर मामले को शांत कर दिया था. इसके बाद कई रोज़ गुज़र गए. लेकिन रविवार को जो कुछ हुआ, उसने सारे नियम कानूनों की धज्जियां उड़ा दी.

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छात्रा के स्कूल पर गुस्साई भीड़ का हमला
17 जुलाई को करीब दो हज़ार से ज़्यादा लोगों की उग्र भीड़ ने स्कूल पर हमला कर ऐसी भयानक तोड़ फोड़ की, जिसे देख कर लोग कांप उठे. पूरे स्कूल के दफ्तर से लेकर क्लासरूम, पिंसिपल चेंबर्स और दूसरी जगहों पर तो तोड़फोड़ की ही गई, गुस्साई भीड़ ने दसियों स्कूल बसों को आग के हवाले कर दिया. और इस तरह देखते ही देखते चंद मिनटों में करोड़ों का नुकसान हो गया. आनन-फानन में जिले के आला अफसर मौके पर पहुंचे और हालात को काबू करने की कोशिश शुरू कर दी गई. साथ ही शासन ने साफ कर दिया कि इस तरह हमला करनेवाले लोगों से सख्ती से निपटा जाएगा.

छात्रा के परिजनों ने हाई कोर्ट से लगाई इंसाफ की गुहार
उधर, इस बवाल के बीच लड़की के घरवालों ने इंसाफ मिलने तक अपनी बेटी की लाश लेने और उसका अंतिम संस्कार करने तक से इनकार कर दिया था. लड़की के पिता ने इस सिलसिले में तामिलनाडु हाई कोर्ट में गुहार लगाई थी. जिस पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने 18 जुलाई को लड़की की लाश के दोबारा पोस्टमॉर्टम का हुक्म दिया और कहा कि डॉक्टरों का एक बोर्ड पोस्टमॉर्टम करे और पोस्टमॉर्टम की पूरी प्रक्रिया की वीडियोगाफी करवाई जाए. इस दौरान लड़की के पिता को भी उनके वकील के साथ पोस्टमॉर्टम हाउस में मौजूद रहने की इजाजत दी जाए. हाई कोर्ट ने ना सिर्फ इस मामले की जांच सीबी-सीआईडी के करवाने का हुक्म दिया बल्कि ये भी कहा कि आइंदा भी स्कूलों में अगर ऐसी कोई मौत होती है, तो उसकी जांच सीबी-सीआईडी के हवाले ही की जाएगी.

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पुलिस कर रही है मामले की तफ्तीश
वैसे मौत की जांच अपनी जगह है, हाई कोर्ट स्कूल में तोडफोड़ और हिंसा फैलानेवाले लोगों के खिलाफ़ भी काफी सख्त दिखाई. हाई कोर्ट का कहना था कि ये सबकुछ सोची समझी साज़िश के तहत किया गया है. जिसकी जांच होनी चाहिेए. बहरहाल, अब इस मामले में हाई कोर्ट के आदेश के बाद उम्मीद है कि बेशक लोगों का गुस्सा थोड़ा कम हो जाए, लेकिन पुलिस की जांच से छात्रा की मौत का सच कब तक सामने आता है, ये देखनेवाली बात होगी.

 

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