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थाईलैंड में सिरफिरे कातिल का कहर, मैक्सिको में कत्लेआम... जानें इन दो खौफनाक वारदातों की पूरी कहानी

थाईलैंड और मैक्सिको से दिल दहला देने वाली खबरें आई हैं. इन दोनों देशों में दो अलग-अलग शूटआउट हुए, जिनमें कम से कम 52 लोगों के मारे जाने की खबर है.

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इन दोनों हमलों से पूरी दुनिया दहल गई
इन दोनों हमलों से पूरी दुनिया दहल गई

थाईलैंड और मैक्सिको से दिल दहला देने वाली खबरें आई हैं. इन दोनों देशों में दो अलग-अलग शूटआउट हुए, जिनमें कम से कम 52 लोगों के मारे जाने की खबर है. उत्तरी थाईलैंड के एक डे केयर सेंटर में एक सिरफिरे ने अंधाधुंध गोलियां चलाकर कम से कम 34 लोगों की जान ले ली. जिनमें ज्यादातर बच्चे थे. बाद में उसने अपनी बीवी और बच्चे को भी गोली मारकर मौत की नींद सुला दिया. उधर, मैक्सिको के एक सेंटर में कुछ हमलावरों ने अंधाधुंध फायरिंग कर वहां के मेयर समेत कुल 18 लोगों को मौत के घाट उतार दिया.

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दहल गया थाईलैंड
गुरुवार को थाईलैंड से खौफ, अफरातफरी और गोलीबारी की जो तस्वीरें सामने आईं, उन्हें देखकर लोगों का दिल दहल गया. गोलीबारी और नरसंहार के बाद पूरा थाईलैंड सकते में आ गया. वारदात ऐसी थी कि अच्छे अच्छों का दिल दहल जाए. जिसे थाईलैंड के नोंग बुआ लाम्फु शहर में अंजाम दिया गया. जहां 6 अक्टूबर की सुबह ऐसा कोहराम मचा कि थाईलैंड तो क्या, पूरी दुनिया दहल गई.

मासूम बच्चों पर हमला
असल में ये हमला हुआ एक शहर के एक डे केयर सेंटर यानी बच्चों के स्कूल में. जहां एक गुमनाम हथियारबंद हमलावर ने धावा बोल कर ताबड़तोड़ गोलीबारी शुरू कर दी. और तो और जब अंधाधुंध गोलीबारी कर बच्चों को निशाने बनाने के बाद भी उसका जी नहीं भरा, तो उसने डे केयर सेंटर में सो रहे मासूम और बेगुनाह बच्चों पर एक-एक कर चाकुओं से वार करना शुरू कर दिया और इंसान और इंसानियत दोनों की लाशें बिछाता चला गया.

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पत्नी और बेटे का कत्ल
हमले के बाद वो फिर से अपने घर लौटा, वहां उसने अपनी बीवी और मासूम बेटे की जान ली और फिर खुद को मार कर इस भयानक कहानी का दी एंड कर दिया. हालांकि अब तक हमलावर की पहचान हो चुकी थी. 34 साल का पान्या खामराप नाम का वो वहशी दरिंदा थाईलैंड पुलिस का एक ऐसा मुलाजिम था, जिसे नशाखोरी के जुर्म में नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया था. वहां डे केयर सेंटर में हुई गोलीबारी में करीब 30 से ज़्यादा लोग मारे गए और मरनेवालों में दो साल की उम्र तक के मासूम बच्चे भी शामिल थे.

बच्चों को चाकू से भी गोदा
पान्या खामराब ने डे केयर सेंटर पर हमला बोलने के बाद सबसे पहले वहां एक गर्भवती महिला को गोली मारी और फिर जबरन एक बंद कमरे में घुस गया, जहां बच्चे सो रहे थे. यहां उसने गोलियां तो चलाई हीं, एक-एक बच्चों को चाकू भी मारता रहा. अचानक हुए इस हमले से पूरे शहर में कोहराम मच गया. लोग इधर-उधर भागने लगे. आनन-फानन में थाईलैंड पुलिस भी यहां पहुंची, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी. 

सड़क पर अंधाधुंध फायरिंग
डे केयर सेंटर का मंजर एक वक्त ऐसा था जब चारों तरफ लाशें ही लाशें बिछी हुई थीं. उस दरिंदे के सिर पर ऐसा जुनून सवार था कि गोलीबारी की वारदात को अंजाम देने के बाद वो हमलावर वहां से बाहर निकला और सड़क पर अंधाधुंध फायरिंग करने लगा, उसने आस-पास की बिल्डिंग से ये मंजर देख रहे लोगों पर भी गोलियां चलाईं.

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पत्नी-बेटे की जान लेकर की खुदकुशी
एक वैन में मौका-ए-वारदात पर हमला करने पहुंचा ये सिरफिरा वारदात को अंजाम देने के बाद सीधे अपने घर पहुंचा. और वहां भी उसने खून की नदियां बहा दीं. घर पहुंचने के बाद उसने अपनी बीवी और बेटे को भी गोली मार दी और फिर खुद को गोली मार कर जान दे दी. 

35 लोगों के मरने की पुष्टि
थाईलैंड पुलिस ने तकरीबन 35 लोगों की मौत की पुष्टि की है और बताया है कि अकेले डे केयर सेंटर में ही उसे 24 लाशें मिलीं, जिनमें 19 लड़के और 3 लड़कियों की लाशें थीं. इस वारदात में 12 लोग बुरी तरह जख्मी भी हुए, जिनका फिलहाल इलाज चल रहा है. डे केयर में गोलीबारी के बाद पुलिस हमलावर की तलाश में जुट गई थी. लेकिन जब तक पुलिस हमलावर की पहचान कर उसके घर पहुंची, उसने अपनी तरफ से इस खौफनाक कहानी का अंत कर दिया था.

शोक में डूबा थाईलैंड
पुलिस को कातिल के घर के बाहर से इस वारदात में इस्तेमाल किया गया आरोपी का ट्रक जला हुआ मिला, जबकि घर के अंदर उसकी और उसके परिवार की लाशें पड़ी थीं. पुलिस ने लाशें कब्जे में लेकर उन्हें मोर्चरी में भिजवा दिया. लेकिन इस वारदात से पूरे देश में शोक की लहर है.

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पूर्व पुलिसकर्मी था आरोपी दरिंदा
इस वारदात को अंजाम देने वाला दरिंदा खामराप कोई और नहीं बल्कि एक पुलिसवाला था. हमलावर खामराप पास के ही पुलिस स्टेशन में तैनात था, लेकिन ड्यूटी पर नशे की हालत में पहुंचने पर उसे नौकरी से निकाल दिया गया था. 7 अक्टूबर को अदालत में उसके मामले की सुनवाई भी होनी थी, लेकिन इससे पहले 6 अक्टूबर को ही उसने सबकुछ खत्म कर दिया.

थाईलैंड में आसानी से मिल जाते हैं हथियार
थाईलैंड के बारे में कहा जाता है कि वहां आसपास के दूसरे देशों के मुकाबले हथियार आसानी से मिल जाते हैं, हालांकि अधिकारिक आंकड़ों में थाईलैंड में इस्तेमाल किए जानेवाले नाजायज अस्लहों का जिक्र नहीं आता है, जो बड़ी तादाद में हर साल पड़ोसी देशों से तस्करी कर थाईलैंड लाए जाते हैं. थाईलैंड में पहले भी ऐसी मास शूटिंग की वारदात होती रही हैं. पिछले साल थाईलैंड में ऐसी दो वारदात रिपोर्ट की गई थी, जबकि 2020 में तो एक फौजी ने एकाएक 29 लोगों की ही जान ले ली थी. 

मैक्सिको में मातम
थाईलैंड की तरह मेक्सिको में भी क़त्ल-ए-आम की वारदात ने कोहराम मचा दिया. जहां एक क्रिमिनल गैंग ने टाउन हॉल पर धावा बोल दिया. शातिर हमलावरों ने वहां अंधाधुंध गोलीबारी की. और मेयर समेत 18 को मौत के घाट उतार दिया. इस गोलीबारी से इमारत भी छलनी हो गई और हर तरफ लाशें ही लाशें दिख रही थी. वो एक ऐसा खौफनाक मंजर था, जिसे देखकर लोग दहशत से भर गए. इस वारदात से पूरे देश में मातम पसरा हुआ है.

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मैक्सिको के सिटी हॉल की वारदात
थाईलैंड से 14,922 किमी दूर नॉर्थ अमेरिकी देश मैक्सिको में बुधवार को मास शूटिंग की एक वारदात ने दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींच लिया. वहां गोलीबारी की एक वारदात में करीब 18 लोग मारे गए, जिसमें एक शहर के मेयर, उनके बहनोई और मेयर के पिता भी शामिल हैं. इस शूटआउट में हमलावरों ने एक इमारत को अपनी गोलियों से इस कदर छलनी कर दिया था कि गोलीबारी के बाद सामने आई मौका-ए-वारदात की तस्वीरों को देख कर दुनिया सकते में आ गई. 

लॉस टेकिलर्स गैंग पर हमले का इल्जाम 
इस हमले का इल्जाम लॉस टेकिलर्स नाम के एक गैंग पर है. जिससे जुडे बदमाशों ने सोशल मीडिया पर इस हमले की जिम्मेदारी लेते हुए एक वीडियो भी शेयर किया है और दावा किया है, वी आर बैक यानी हम वापस लौट आए हैं. सूत्रों की मानें तो सैन मिगल टोटल-आपेन ड्रग के धंधे के लिए पहले ही काफी बदनाम रहा है और यहां के धंधेबाज अपनी गोटी लाल करने के लिए किसी भी हद तक जाते रहे हैं. खून खराबे और हमले के वाकये यहां पहले भी होते रहे हैं. 

वारदात के वीडियो सोशल मीडिया में वायरल
सोशल मीडिया पर इस वारदात के कुछ वीडियोज़ वायरल हैं, जिनमें हमलावर गोलीबारी के दौरान हथियारों के साथ भागते दिखाई दे रहे हैं, इन वीडियोज़ में लोगों के चीख पुकार की आवाज़ भी कैद है. अमेरिका और मेक्सिको जैसे देशों में ऐसी मास शूटिंग के वाकये पहले भी सामने आते रहे हैं.

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आइए एक नज़र डालते हैं, अमेरिका की पांच ऐसी बड़ी वारदातों पर-

- 1. अमेरिका के इंडियाना में 18 जुलाई को ग्रीनवुड पार्क मॉल में फायरिंग की घटना हुई. इस वारदात में 10 लोग गोलीबारी का शिकार हुए, जिनमें से 3 की मौत हो गई.

- 2. कैलिफोर्निया के दक्षिणी हिस्से में हाउस पार्टी के दौरान 11 जुलाई को एक हमलावर ने अंधाधुंध गोलियां बरसाईं. इस घटना में तीन लोगों की जान चली गई.

- 3. अमेरिका में 4 जुलाई को 246वें स्वतंत्रता दिवस के दौरान शिकागो के हाईलैंड पार्क में परेड के बीच अचानक फायरिंग होने लगी, जिसमें 6 लोगों की मौत हो गई. इसके ठीक अगले ही दिन 5 जुलाई को इंडियाना गैरी इलाके में फायरिंग के चलते 3 लोगों की जान चली गई थी.

- 4. इसी तरह ओकलाहोमा के टुलसा में 1 जून को एक शख्स अस्पताल की बिडिंग में घुस गया और ताबड़तोड़ गोलीबारी कर चार लोगों की जान ली... बाद में उसने खुद को भी गोली मार कर जान दे दी थी.

- 5. सबसे ज्यादा खतरनाक वारदात 15 मई को अमेरिका के टेक्सास में सामने आई, जब उवाल्डे शहर में 18 साल के लड़के ने स्कूल में घुसकर गोलियां बरसाईं और 19 छात्रों समेत 23 लोगों की मौत हो गई. इस हमले में 3 शिक्षक भी अपनी जान गंवा बैठे थे.

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जानकार मानते हैं कि इस तरह की वारदातों के पीछे आसानी से हथियारों का मिल जाना एक बड़ी वजह हो सकता है. जिन देशों में ऐसी वारदातें सामने आती हैं, वहां हथियार आसानी से मिल जाते हैं. जब भी कोई मास शूट की खबर सामने आती है, तो उसमें जानलेवा हथियारों का इस्तेमाल एक बड़ा पहलू होता है.

 

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