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'सीबीआई अधि‍कारी' बनकर करते थे लूटपाट, पकड़े गए

कहते हैं कि इंसानी दिमाग से खतरनाक कोई चीज है ही नहीं. लूट, चोरी, डाका, धोखे-फरेब के आपने अब तक न जाने कितने किस्से सुने होंगे, देखे होंगे. उसी कड़ी में यह नई कहानी दिल्ली से आई है, पर यह थोड़ा हटकर है. हटकर इसलिए, क्योंकि अमूमन चोर, ठग, बदमाश, मुजरिम जिस सीबीआई से दूर रहने की कोशिश करते हैं, इस कहानी में उसका उल्टा है.

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वारदात
वारदात

कहते हैं कि इंसानी दिमाग से खतरनाक कोई चीज है ही नहीं. लूट, चोरी, डाका, धोखे-फरेब के आपने अब तक न जाने कितने किस्से सुने होंगे, देखे होंगे. उसी कड़ी में यह नई कहानी दिल्ली से आई है, पर यह थोड़ा हटकर है. हटकर इसलिए, क्योंकि अमूमन चोर, ठग, बदमाश, मुजरिम जिस सीबीआई से दूर रहने की कोशिश करते हैं, इस कहानी में उसका उल्टा है. यहां चोर ही सीबीआई अफसर बने बैठे थे और कहानी ठीक 'स्पेशल 26' जैसी थी.

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फिल्मी पर्दे के बाहर असली जिंदगी में भी तीन अपराधी अपने साथि‍यों के साथ मिलकर एक बड़े कारनामे को अंजाम दे रहे थे. बस इनसे गलती यह हो गई कि छापा मारने की रफ्तार में ये असली सीबीआई वाले से भी कहीं आगे निकल गए. लालच में इतने अंधे थे कि बिना सोचे-समझे दिल्ली के उत्तम नगर इलाके में ताबड़तोड़ छापे मारने शुरू कर दिए. इन छापों से लोग भी घबरा गए कि आखिर सीबीआई को अचानक क्या हो गया है. इसके बाद धीरे-धीरे छापे की बातें बाहर आने लगीं और ये बातें सीबीआई के सचमुच के एक डीएसपी के कानों तक पहुंच गईं.

फिर क्या था, सीबीआई भी घबरा गई और सोच में पड़ गई कि आखिर कौन-से वे तेज-तर्रार अफसर हैं, जो इतने छापे मारे जा रहे हैं. सच्चाई जानने के लिए अब सीबीआई दिल्ली पुलिस की मदद लेती है. दिल्ली पुलिस को सीबीआई बताती है कि उसके नाम पर शायद कोई और छापे मारकर लोगों को लूट रहा है. इसी के बाद दिल्ली पुलिस मामले की जांच करती है. छापे के शिकार लोगों से पूछताछ करती है, तब असली कहानी सामने आती है. कहानी यह कि दल्ली में भी 'स्पेशल 26' की तर्ज पर कुछ शातिर दिमाग सीबीईआई अफसर बनकर छापे के नाम पर लोगों को लूट रहे थे.

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उत्तम नगर पुलिस को सीबीआई के डीएसपी से शिकायत मिली. उसके बाद तीनों अपराधि‍यों को गिरफ्तार किया गया. उनके पास से काफी संख्या में नकली कार्ड मिले. इसके बाद पुलिस सच्चाई तक पहुंची और उधर सीबीआई के सारे सामान दिल्ली पुलिस के एक थाने की मेज पर सज चुके थे.

अब तस्वीर कुछ यूं बनी है कि जो दूसरों को अब तक फर्जी तरीके से गिरफ्तार करने की धौंस दिया करते थे, वो असलियत में खुद गिरफ्तार हो चुके थे. फिलहाल तीन पकड़े गए हैं, पर तीनों ने दिल्ली में अब तक कितनों को ठगा या कितनी जगह सीबीआई के नाम पर छापे मारे, खुद इन्हें इसकी गिनती याद नहीं. पकड़े गए तीनों शातिर में से एक पिछले पांच सालों से नकली सर्टिफिकेट और आईकार्ड बनाने के धंधे में था, जबकि दूसरा कंप्यूटर की डिजाइनिंग में माहिर है और तीसरा प्लानिंग में... तो ऐसी थी दिल्ली की 'स्पेशल 26' वाली टीम.

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