पता नहीं वो कौन सा जुल्म है, जिसने आसाराम के दिन का चैन और रातों की नींद हराम कर दी है. मखमली व्यासगद्दी पर बैठकर प्रवचन देने वाले आसाराम को जेल की खुरदुरी जमीन तबाह कर रही है या उनकी वो बीमारी, जिसे उनके अलावा कोई जानता ही नहीं. खुद आसाराम के बेटे नारायण साईं भी नहीं.
आसाराम ने अदालत से कुछ दिनों पहले ही गुहार लगाई थी कि उन्हें एक गंभीर बीमारी है, जिसका इलाज उनकी एक महिला वैद्य नीता ही कर सकती हैं. इस मामले में नीता को अदालत ने बुधवार को बुलाया लेकिन अब उसकी सुनवाई गुरुवार को होगी लेकिन पेशे से वैद्य और आसाराम के पुराने राजदार और हमसाया अमृत प्रजापति ने जो खुलासा किया है, उससे आपके पैरों तले जमीन खिसक जाएगी.
अमृत प्रजापति तो कभी आसाराम के अंधभक्त हुआ करते थे लेकिन एक रोज जब उन्होंने असाराम को अपनी ध्यान की कुटिया में एक लड़की के साथ रंगरेलियां मनाते देखा तो फिर उनकी आंखें खुल गई. इसके बाद भी प्रजापति ने अलग-अलग वक्त पर अलग-अलग लड़कियों के साथ आसाराम को कई बार आपत्तिनजक हालत में देखा और आख़िरकार उन्होंने आसाराम से दूरी बनाना ही ठीक समझा.
प्रजापति के मुताबिक आसाराम अक्सर उनसे कामिनी मर्दन, अश्वगंधा, शिलाजीत, मकरध्वज रस जैसी सेक्सवर्धक दवाएं मंगवाया करते थे और आसाराम अफीम का सेवन भी खूब करते थे. रतलाम से करीब 17 किलोमीटर दूर आसाराम के पंचेड आश्रम में वो खुद अफ़ीम की खेती करवाते और वहां से हमेशा अपने लिए अफ़ीम की खेप मंगवाते लेकिन दुनियावालों की नजरों से बचने के लिए आसाराम ने अफीम के लिए एक नया कोर्ड वर्ड पंचेड बूटी तय कर रखा था.
तो क्या आसाराम को अफीम की लत है, इसका फैसला अदालत करेगी लेकिन 1989 से 2005 तक आसाराम के आश्रम में काम कर चुके प्रजापति का तो यहां तक कहना है कि आसाराम ना सिर्फ खुद यौन शक्ति वर्द्धक दवाओं का इस्तेमाल करते, बल्कि वो जिन लड़कियों से नजदीकी बढ़ाते, उन्हें भी ऐसी दवाएं खिलाया करते थे और ये दवाएं अक्सर लड़कियों को दूध में मिला कर दी जाती थी. वैसे गौर करनेवाली बात यह है कि जिस लड़की ने आसाराम के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई, उस लड़की से भी कथित तौर पर ज्यादती करने से पहले आसाराम ने उसे दूध पीने को दिया था.
जिस पीड़ित लड़की ने आसाराम पर यौन शोषण का आरोप लगाया है, उसका आईपीसी की धारा 161 के तहत पुलिस को दिया गया बयान बेहत सनसनीखेज है. पीड़ित लड़की ने अपने बयान में कहा है कि 6 अगस्त को मैं थोडी बीमार महसूस कर रही थी तो छिंदवाड़ा आश्रम की वार्डन शिल्पी ने मुझसे कहा कि तुम पर भूत-प्रेत का साया है. इसे बापू ही ठीक कर सकते हैं.
लड़की अपने बयान में आगे कहती है कि उसी रात एक लड़की को मेरे सामने बिठाया गया. पूरी रात मुझे जगाकर अनुष्ठान कराया गया और कहा गया कि मैं साध्वी बन जाऊं.
अगले दिन यानी 7 अगस्त को लड़की को आश्रम के प्रमुख शरत के सामने पेश किया गया. शरत ने लड़की को अपना फोन दिया और कहा कि अपने भाई को फोन करके बताओ कि तुम्हारी तबीयत बेहद खराब है. ऐसा सुनना था कि 8 अगस्त को लड़की के माता-पिता छिंदवाडा आश्रम पहुंच गए. जहां से 14 अगस्त को उन्हें जोधपुर ले जाया गया. लड़की अपने बयान में आगे कहती है कि आश्रम में करीब 100 लोग बैठे थे. मुझे देखते ही बापू ने कहा कि वो भूत वाली लड़की तुम्हीं हो. आओ, मैं तुम्हारा भूत उतारता हूं. उन्होंने मुझसे पूछा कि तुम क्या बनना चाहती हो. मैंने कहा कि सीए. इस पर उनका जवाब था कि सीए बनकर क्या करोगी. बड़े-बड़े अधिकारी तो यहां मेरे कदमों में पड़े रहते हैं.
पीड़ित लडकी का कहना है कि 15 अगस्त को आसाराम से दिन में बात हुई लेकिन रात करीब 10 बजे फार्म हाउस के मालिक ने आकर कहा कि आसाराम बुला रहे हैं. लड़की अपने मां-बाप के साथ फार्म हाउस पहुंची जहां उसके मां-बाप को सामने बिठा दिया गया और लड़की को पीछे के चबूतरे पर. लड़की ने पुलिस को बयान दिया कि बापू पिछले दरवाजे से अंदर गए और इशारे से मुझे बुलाया. इलाज के लिए मुझे पलंग पर बिठाया और कोई जल छिड़का. फिर कहा कि पढ़ने-लिखने में होशियार हो तो साध्वी बन जाओ. प्रवचन करो और मेरे साथ रहो. इसके बाद सामने का दरवाजा अंदर से बंद कर दिया. अंदर मैं अकेली थी. उसके बाद लड़की का जो भी आरोप है, वो जगजाहिर है.