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एक- एक कर दो विदेशी बेली डांसर्स का कत्ल!

लेट नाइट पार्टी, खूबसूरत हसीनाएं, बेली डान्सर्स और बेइंतहा मौज मस्ती, लेकिन महानगरों के इस हैप्पनिंग नाइट लाइफ के पीछे कई बार इतना अंधेरा होता है कि जब रात गुजरती है, तो दिन भी स्याह नजर आने लगता है.

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दो डांसर्स की हत्या
दो डांसर्स की हत्या

लेट नाइट पार्टी, खूबसूरत हसीनाएं, बेली डान्सर्स और बेइंतहा मौज मस्ती, लेकिन महानगरों के इस हैप्पनिंग नाइट लाइफ के पीछे कई बार इतना अंधेरा होता है कि जब रात गुजरती है, तो दिन भी स्याह नजर आने लगता है.

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विदेशी हसीनाओं का कत्ल
दिल्ली में कुछ ऐसी ही रातों की चकाचौंध के बाद जब सुबह हुई तो जुर्म की वो कहानी सामने आई कि सुनने वालों के रौंगटे खड़े हो गए. लेट नाइट पार्टी की जान बनने वाली ऐसी ही दो खूबसूरत और दिलकश विदेशी हसीनाओं का कत्ल हो चुका था.

उज्बेकिस्तान से आई एक बेली डांसर एक रोज अचानक गायब हो जाती है. पुलिस उसे ढूंढने की तमाम कोशिश करती है, पर वो नहीं मिलती. फिर एक रोज अचानक उसकी लाश मिलती है. इसके बाद कत्ल की तफ्तीश शुरू होती है.

बेली डांसर की एक दोस्त कातिल
तफ्तीश के बाद पुलिस उसी बेली डांसर की एक दोस्त को कातिल करार देकर उसकी तलाश शुरू कर देती है. मगर बाद में पता चलता है कि जिसे पुलिस कातिल मान रही थी, खुद उसका भी कत्ल हो चुका है. सेक्स रैकेट के इर्द-गिर्द बुनी गई दोहरे कत्ल की इस साजिश में दौलत, शोहरत, नफरत, धोखा सब कुछ है.

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इनमें एक लड़की शखनोजा की अधजली लाश पुलिस ने दिल्ली से दूर हरियाणा के पानीपत इलाके में एक सुनसान जगह से बरामद की तो, दूसरी लड़की नाज की लाश भी दिल्ली से बाहर यूपी के हापुड़ इलाके से मिली. इत्तेफाक देखिए कि ये दोनों ही लड़कियां एक ही दिन दिल्ली से रहस्यमयी तरीके से गायब हो गई थीं, लेकिन दोनों की लाश एक-दूसरे से काफी दूर और अलग अलग तारीखों को मिली.

दिल्ली के किशनगढ़ में रह रही शखनोजा 24 सितंबर की रात अपने ड्राइवर के साथ कहीं जाने के लिए निकली थी, लेकिन इसी बीच कुछ ऐसा हुआ, जो कोई सोच भी नहीं सकता था. जब वो साउथ एक्स इलाके में पहुंची, तो उसे किसी ने अगवा कर लिया.

जिस वक्त शखनोजा को अगवा किया गया, वो मोबाइल फोन पर उज्बेकिस्तान में मौजूद अपनी मां से बात कर रही थी और जैसे ही उसके साथ जोर-जबरदस्ती हुई, उसने चिल्लाना शुरू कर दिया. उसकी चीख दिल्ली से हजारों मील दूर उज्बेकिस्तान भी पहुंची. मगर, कुछ ही देर में मोबाइल फोन के स्वीच ऑफ होने की सूरत में ये चीख घुट कर रह गई.

शखनोजा की मां ने दिल्ली में मौजूद अपने रिश्तेदारों को फोन पर अपनी बेटी के साथ हुए इस हादसे की खबर दी और उसे ढूंढ़ने को कहा. रिश्तेदारों ने उसी वक्त दिल्ली पुलिस से शिकायत की, लेकिन पुलिस ने तब मामले को गंभीरता से नहीं लिया.

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पुलिस के पास शखनोजा को अगवा किए जाने के पुख्ता सुराग थे क्योंकि शखनोजा की मां के बताने पर उसके रिश्तेदारों ने यहां पुलिस को उसे अगवा करनेवाले कुछ लोगों के नाम भी बताए थे और इन्हीं नामों में एक थी शखनोजा की हमवतन दोस्त और पार्टी आर्गेनाइजर नाज अताजनोवा. लेकिन इसके बावजूद पुलिस ने तब इस मामले में एक अदद रिपोर्ट तक दर्ज नहीं की.

पुलिस की लापरवाही भी मौत की वजह
बाद में पुलिस की यही काहिली ना सिर्फ शखनोजा बल्कि उसकी दोस्त नाज की भी मौत की वजह बन गई. अगवा किए जाने के अगले दिन यानी 25 सितंबर को पानीपत पुलिस ने शखनोजा की लाश लावारिस हालत में बरामद की, जबकि हापुड़ पुलिस को इसके ठीक 11 दिन बाद यानी 6 अक्टूबर को नाज की लाश भी गुमनाम हालत में मिली.

अपनी बेटी के अपहरण से परेशान अब उसकी मां सीधे उज्बेकिस्तान से दिल्ली आ पहुंची और इसके बाद थाने से लेकर डीसीपी ऑफिस तक के अनगिनत चक्कर लगाने के बाद आखिरकार 8 अक्टूबर को कोटला मुबारकपुर की पुलिस ने शखनोजा के अपहण की रिपोर्ट दर्ज की.

अपहरण के चंद घंटो बाद मिली लाश
उधर, अपहरण किए जाने के चंद घंटे बाद ही दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर कातिलों ने शखनोजा का ना सिर्फ गला घोंट कर कत्ल कर दिया, बल्कि लाश को एक सूटकेस में डाल कर पानीपत में जला भी दिया. हरियाणा पुलिस ने शखनोजा की लाश को लावारिस लाश मान कर उसका पोस्टमार्टम करवाने और विसरा रखने के बाद उसका अंतिम संस्कार कर दिया.

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शखनोजा की मां ने पुलिस को बताया कि उसकी बेटी को अगवा करने वालों में नाज के साथ-साथ गगन नाम का एक शख्स भी अपने कुछ दोस्तों के साथ शामिल था. इनमें गगन और बाकी के दोस्त तो पुलिस के सामने आकर शखनोजा के घरवालों के तमाम इल्जामों को झुठलाते रहे, लेकिन नाज कभी सामने नहीं आई. पुलिस ने जब-जब गगन से शखनोजा और नाज के बारे में पूछा, गगन पुलिस को बताता रहा कि दोनों अपनी मर्जी से ही कहीं चली गई हैं.

जब 50 दिन से भी ज्यादा का वक्त गुजरने के बाद दोनों लड़कियों का कुछ पता नहीं चला, तो अब तक मामले को हल्के में ले रही पुलिस गगन से सख्ती पर उतर आई और बस यहीं गगन ने एक ऐसी बात बताई कि पुलिस के पैरों तले जमीन खिसक गई. उसने बताया कि शखनोजा के कत्ल में नाज भी उसके साथ शामिल थी, लेकिन वारदात को अंजाम देने के बाद वहीं कहीं और भाग गई. इस तरह पुलिस ने पहली लड़की यानी शखनोजा के अपहरण और कत्ल का मामला तो सुलझा लिया था, लेकिन उसे अब भी नाज की तलाश थी, जो शखनोजा के अगवा होनेवाले दिन से ही गायब चल रही थी.

सेक्स रैकेट का खुलासा
इसी बीच पुलिस को शखनोजा के घरवालों ने एक ऐसा खत हाथ लगा, जिसने नाज की गुमशुदगी की सारी कहानी पलट दी. उज्बेक लैंग्वेज में लिखा ये खत नाज का था. खत में लिखा था, ' हिंदुस्तान आने के बाद से लगातार गगन मेरा शोषण कर रहा है. मुझे वो बड़े और अमीर लोगों के सामने पेश कर रहा है. मैं उसके सेक्स रैकेट में बुरी तरह फंस चुकी हूं. ऐसे में अगर मेरे साथ कुछ होता है, तो उसका जिम्मेदार गगन ही होगा.'

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पैसों का लेन- देन मौत की वजह
पहले कत्ल के खुलासे के ठीक तीन दिन बाद गगन ने दूसरा खुलासा किया. गगन ने बताया कि उसने 5 अक्टूबर को नाज का कत्ल करने के बाद उसकी लाश भी हापुड़ में जला दी थी. गगन ने पुलिस को बताया कि शखनोजा को नाज से 8 लाख रुपए मिलने थे. नाज ये रुपए नहीं दे पा रही थी और यही रुपए दोनों के बीच दुश्मनी की वजह बन गई.

शखनोजा ने नाज का पासपोर्ट गिरवी रखवा कर कुछ ज्वेलरी की खरीददारी कर ली थी और शखनोजा के अपहरण के रोज दोनों ने उसे मामला सैटल करने के लिए ही बुलाया था. लेकिन इसके बाद हालात कुछ ऐसे बने कि गगन ने पहले नाज के साथ मिल कर शखनोजा का कत्ल किया और फिर धोखे से नाज को भी मार डाला.

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