दो दिन पहले दुनिया ने एक ऐसा वीडियो देखा था जिसे देख कर हर कोई सिहर उठा. इस वीडियो में आईएसआईएस के आतंकवादी एक अमेरिकी पत्रकार का सर कलम करते दिखाए गए हैं. साथ ही इस वीडियो में एक और अमेरिकी पत्रकार को दिखाते हुए ये धमकी दी गई है कि अगर अमेरिका ने हवाई हमले बंद नहीं किए तो उसका सर भी कलम कर दिया जाएगा. मगर अब इस कत्ल के पीछे की जो कहानी सामने आई है, वो और भी ज्यादा चौंकानेवाली है. नए खुलासे के मुताबिक अमेरिकी पत्रकार जेम्स फोले का कत्ल आतंकवादियों को आठ अरब रुपए की फिरौती ना देने की वजह से किया गया.
एक बेगुनाह पत्रकार को यूं बड़े ही खौफनाक तरीके से मौत के घाट उतारने पर अगर दुनिया एक तरफ सुन्नी आतंकवादी संगठन आईएसआईएस पर लानत बरसा रही है, तो दुनिया की सबसे ताकतवर मुल्क यानी अमेरिका की बराक ओबामा सरकार भी आलोचनाओँ से घिरी है. वजह ये कि ये तस्वीरें ना सिर्फ आईएसआईएस की हिमाकत का सुबूत हैं, बल्कि अमेरिकी तंत्र को भी मुंह चिढ़ाती हैं. लेकिन अब खुद अमेरिकी अधिकारियों, फोले के घरवालों और उनके एम्प्लॉयर ग्लोबल पोस्ट ने ये माना है कि उनकी रिहाई के लिए आतंकवादियों ने 132 मीलियन डॉलर यानी तकरीबन 8 अरब रुपये की मांग की थी.
वैसे पश्चिमी देशों से अल कायदा जैसे आतंकवादी संगठनों की फिरौती वसूली कोई नई बात नहीं हैं. इससे पहले कई नागरिकों को छोड़ने के एवज में अल कायदा समेत दूसरे कई संगठन कई मुल्कों से अरबों डॉलर की वसूली कर चुके हैं.. और इसी रवायत पर चलते हुए आईएसआईएस ने इस बार भी फिरौती में 8 अरब रुपए की भारी-भरकम रकम मांगने के साथ-साथ अमेरिका से फौरन इराक में हवाई हमले बंद करने की बात कही थी. लेकिन ऐसा हो ना सका.
एक तरफ आठ अरब की फिरौती ना देने पर एक पत्रकार का कत्ल और दूसरी तरफ आतंकवादियों के साथ अमेरिका की सौदेबाजी. जिस अमेरिका ने 9/11 के बाद फिर कभी आतंकवादियों के साथ कोई समझौता नहीं करने की बात कही थी, उसी अमेरिका ने गुपचुप तरीके से आतंकवादियों के साथ सौदेबाजी कर अपने एक बोवी रॉबर्ट बर्गेडेल सैनिक को छुड़ा लिया था.
किसी गुमनाम रेगिस्तानी ठिकाने पर जेम्स फोले का सिर कलम किए जाने की वारदात बदनसीब पत्रकार डेनियल पर्ल की याद दिलाती है, जिसे अल कायदा ने ठीक इसी तरीके से 12 साल पहले मौत के घाट उतार दिया था. तब से लेकर अब तक एक लंबा वक्त गुजर चुका, कहने को दुनिया बहुत बदल गई. लेकिन अब फोले की मौत ने साबित कर दिया कि हम आज भी वहीं खड़े हैं, जहां 12 साल पहले खड़े थे.