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जेल में दोस्ती, कत्ल की सुपारी और 90 करोड़ की प्रॉपर्टी का विवाद... देहरादून के मंगेश हत्याकांड की इनसाइड स्टोरी

मंगेश हत्याकांड की वजह पुलिस ने 90 करोड़ की प्रॉपर्टी का विवाद और कमीशन बताया है. लेकिन इस पूरे हत्याकांड की कहानी का एक सिरा अतीत में मिलता है. दरअसल, सुपारी किलर अर्जुन खुद भी मंगेश के लिए ही काम करता था. रिटायर्ड फौजी संजय भी मंगेश का पार्टनर था.

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देहरादून हत्याकांड
देहरादून हत्याकांड

Mangesh Murder Conspiracy Disclosure: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में प्रॉपर्टी डीलर मंगेश की हत्या ने सनसनी फैला दी है. हैरानी की बात ये है कि इस वारदात में कत्ल किसी और का होना था. टारगेट वो शख्स था, जिसके लिए मंगेश ने खुद सुपारी दी थी. लेकिन इस पूरे मामले को सुपारी किलर्स ने ही पलट दिया. उन्होंने सुपारी देने वाले मंगेश को ही मौत के घाट उतार दिया. अब पुलिस के हत्थे चढ़े आरोपियों ने पूछताछ में अहम खुलासा किया है.  

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मंगेश के लिए ही काम करता था अर्जुन
मंगेश हत्याकांड की वजह पुलिस ने 90 करोड़ की प्रॉपर्टी का विवाद और कमीशन बताया है. लेकिन इस पूरे हत्याकांड की कहानी का एक सिरा अतीत में मिलता है. दरअसल, सुपारी किलर अर्जुन खुद भी मंगेश के लिए ही काम करता था. रिटायर्ड फौजी संजय भी मंगेश का पार्टनर था. कहने को तो ये सभी प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करते थे. लेकिन कहीं ना कहीं इन सबके अतीत पर जुर्म के दाग हैं.  

जमानत पर बाहर आए थे अर्जुन और सचिन
जानकारी के मुताबिक, इस हत्याकांड का शिकार बना मंगेश पहले से ही आपराधिक प्रवत्ति का था. उसने साल 2016 में देहरादून के एक बैंक की कैश वैन लूटी थी. इसी तरह मंगेश की हत्या को अंजाम देने वाला अर्जुन हरिद्वार जिले के भगवानपुर से एक जुर्म के सिलसिले में जेल जा चुका है. और दूसरा आरोपी सचिन एक हत्या के मामले में पहले भी जेल की हवा खा चुका है. ये दोनों ही जमानत पर रिहा होकर बाहर आए थे.

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जेल में हुई थी दोस्ती
पुलिस की छानबीन के दौरान पता चला है कि अर्जुन और सचिन की मुलाकात जेल में ही हुई थी. वहीं दोनों के बीच दोस्ती हो गई थी. इसके बाद मंगेश का आपराधिक इतिहास होने के चलते जेल के अंदर ही अर्जुन खुद मंगेश के संपर्क में आया और फिर मंगेश के लिए ही काम करने लगा था. कुल मिलाकर देखा जाए तो इन तीनों की मुलाकात जेल के भीतर ही हुई थी.

पार्टनर संजय के साथ था मंगेश का विवाद
देहरादून पुलिस ने इस मामले में खुलासा किया है कि इस हत्याकांड की जड़ में 90 करोड़ की संपत्ति और कमीशन का विवाद था. यह विवाद प्रॉपर्टी डीलर मंगेश और उसके पार्टनर रिटायर्ड फौजी संजय के बीच चल रहा था. इसी वजह से मंगेश ने अपने पार्टनर संजय की हत्या के लिए अर्जुन और उसके साथी सचिन को सुपारी दी थी. वो जल्द से जल्द संजय को रास्ते से हटाना चाहता था. 

ऐसे पलट गया पूरा गेम
लेकिन पुरानी कहानी उस वक्त उलट गई, जब दोनों सुपारी किलर्स ने संजय को उसकी हत्या की सुपारी लेने की बात बता दी. ये बात सुनकर संजय ज्यादा हैरान तो नहीं था. लेकिन उसे बहुत गुस्सा आ रहा था. क्योंकि वो भी मंगेश को रास्ते से हटाना चाहता था. लिहाजा, उसने एक दांव खेला. जिसके चलते अर्जुन और सचिन ने लालच में आकर संजय के साथ 10 करोड़ रुपये में एक सौदा कर लिया और वो सौदा था मंगेश की मौत का. यही से पूरी कहानी पलट गई.

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किराए के कमरे में कत्ल
इसके बाद नतीजा ये हुआ कि अर्जुन और सचिन ने पूरी तैयारी के साथ मंगेश को बात करने के बहाने अपने किराए के कमरे पर बुलाया. मंगेश वहां पहुंचा तो उसे बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था कि उसकी मौत वहां उसका इंतजार कर रही थी. अचानक अर्जुन और सचिन ने उसे पीछे से पकड़ लिया और जूता बांधने वाले फीते को उसे गले में लपेटकर खींच दिया. और तब तक खींचते रहे, जब तक उसकी सांसे बंद नहीं हो गई. 

वारदात के बाद फरार हो गए थे कातिल
कत्ल की वारदात को अंजाम देकर दोनों वहां से फरार हो गए. इसके बाद पुलिस को कत्ल की सूचना मिली. खबर मिलते ही पुलिस मौका-ए-वारदात पर जा पहुंची. पुलिस ने मौके पर पाया कि कमरे में 42 साल के मंगेश की लाश पड़ी थी. पुलिस ने कानूनी कार्रवाई पूरी करने के बाद उसकी लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. इसके बाद मामले की तफ्तीश शुरू की गई.

चार आरोपी गिरफ्तार
देहरादून के एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि यह मामला लालच और विश्वासघात का है. इस संबंध में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. जिनमें सुपारी किलर्स अर्जुन और सचिन के साथ रिटायर्ड फौजी संजय और अफजल नाम का एक शख्स शामिल है. पुलिस ने बताया कि अफजल ने हत्या के बाद आरोपियों को भागने में मदद की थी.

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