हरियाणा के सोनीपत के करेवड़ी गांव में अजय उर्फ कन्नू आज पूरे गांव में मौत का दूसरा नाम बन चुका है. अपने ही गांववालों, अपनी ही बिरादरी का कातिल बने कन्नू ने ये खूनी शपथ पंचायत चुनाव में मिली करारी हार के बाद ली है. पहले से ही आपराधिक फितरत के अजय के भाई को चुनाव में शिकस्त मिली, तो वह सीरियल किलर बन बैठा है.
कभी गांव के घर-घर में हाथ जोड़कर घूमने वाला अजय कछारा उर्फ कन्नू अब खौफ और दहशत बनकर पूरे गांव में चस्पा हो गया है. जिन गलियों में कल तक उसके साथ लोग बेफिक्री से घूमते थे. आज उन गलियों में कन्नू की गैरमौजूदगी के बावजूद उसके खूनी खेल का खौफ जारी है. उसने पूरे गांव को मौत के घाट उतार दने की खूनी सौगंध खाई है.
अपनी खूनी सौगंध को अंजाम देने के लिए वो अबतक तीन घरों में मौत का तांडव मचा चुका है. वो भी बाकायदा एलान करके. आज भी हर घर में ये दहशत है कि न जाने अब किसकी बारी है. लोग शाम ढले तो दूर दिन-दहाड़े घरों से निकलने में खौफ खाते हैं. उसके नाम की दहशत का आलम ये है कि कुछ लोग गांव छोड़कर जाने की सोचने लगे.
कन्नू के दिल में गांववालों के लिए इतनी नफरत की वजह सोनीपत के करेवड़ी गांव में हुआ पंचायत चुनाव है. इस चुनाव में अपने भाई को मिली शिकस्त से इस कदर बौखला गया कन्नू कि सीरियल किलर बन गया. गांव वालों के मुताबिक 17 जनवरी 2016 को करेवड़ी गांव में सरपंच के लिए वोटिंग हुई. अजय का भाई संजय भी चुनाव में खड़ा था.
कन्नू गांव वालों को डराकर अपने भाई के पक्ष में वोट डलवाना चाहता था. उसने वोटिंग से पहले लोगों को धमकाया भी था. लेकिन गांव वालों ने कन्नू के भाई संजय को वोट नहीं दिए. चुनाव हारने के कुछ दिनों बाद सड़क हादसे में कन्नू के भाई और पिता की मौत हो गई. इसके बाद कन्नू ने पूरे गांव की हत्या करने का ऐलान कर दिया.
8 मई को उसने पहली बार हमला किया. उसके बाद से अब तक 3 मर्डर कर चुका है. कन्नू के निशाने पर ज्यादातर वही लोग हैं, जिन्होंने चुनाव में उसके भाई को वोट नहीं दिया. अपने हर कत्ल के बाद कन्नू अगले शिकार को भी धमकी दे देता है. उसके गांव के आसपास ही छिपे होने की आशंका है. तीनों हत्याएं गांव की सीमा के पास ही हुई हैं.
वह गांव से बाहर आने-जाने वालों को निशाना बना रहा है. पुलिस की टीमें गांव के आसपास हर जगह उसकी तलाश में छापे मार रही हैं. लेकिन अब तक कन्नू और उसके साथियों का कुछ पता नहीं चला है. कन्नू के खूनी खेल. और सोनीपत के इस गांव के खौफ ने सबसे बड़ा सवाल हरियाणा पुलिस पर खड़ा किया है.