बहन संग रेप करने वाले इस किलर के खौफ से सहम जाते थे लोग
मानवीय इतिहास में सीरियल किलिंग की घटनाएं काफी पुरानी हैं. 'सीरियल किलर' ठग बहराम से लेकर निठारी के 'नर पिशाच' सुरेंद्र कोली तक अनेक नाम हमारे सामने हैं. aajtak.in ऐसी घटनाओं पर एक सीरीज पेश कर रहा है. इस कड़ी में आज पेश है भारत के कुख्यात सीरियल किलर रमन राघव के बारे में, जिसने करीब 40 से ज्यादा लोगों की हत्या की थी.
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सीरियल किलर रमन राघव की खौफनाक कहानी
- नई दिल्ली,
- 17 जून 2016,
- (अपडेटेड 24 जून 2016, 11:36 AM IST)
मानवीय इतिहास में सीरियल किलिंग की घटनाएं काफी पुरानी हैं. 'सीरियल किलर' ठग बहराम से लेकर निठारी के 'नर पिशाच' सुरेंद्र कोली तक अनेक नाम हमारे सामने हैं. aajtak.in ऐसी घटनाओं पर एक सीरीज पेश कर रहा है. इस कड़ी में आज पेश है भारत के कुख्यात सीरियल किलर रमन राघव के बारे में, जिसने करीब 40 से ज्यादा लोगों की हत्या की थी. उस पर फिल्म 'रमन राघव 2.0' बनी है.
कुख्यात सीरियल किलर रमन राघव की खौफनाक कहानी
- साल 1929 में पैदा हुए सीरियल किलर रमन राघव ने 60 के दशक में मुंबई में 40 से ज्यादा हत्याएं करके सनसनी फैला दी थी. यहां तक की उसने अपनी बहन के साथ रेप किया था.
- मुंबई शहर के उत्तरी उपनगरीय इलाकों के गरीब, फुटपाथ पर सोने वाले या झुग्गियों में रहने वाले लोग राघव के शिकार बनते थे.
- राघव अपने शिकार पर रात में सोते समय 'किसी भारी और भोथरे चीज से हमला करता था, जिससे उनकी मौत हो जाती.
- 1968 में क्राइम ब्रांच के पुलिस अफसर रमाकांत कुलकर्णी ने रमन केस की जांच अपने हाथ में लेकर पड़ताल शुरू की थी.
- तमाम प्रयासों के बाद रमाकांत कुलकर्णी की टीम 27 अगस्त 1968 को रमन राघव को पकड़ने में कामयाब हो गई.
- रमन को एक रहस्यमयी हत्यारा माना जाता था, जो किसी रुहानी ताकत से लैस हो. यहां तक की उसे भारत का 'जैक द रिपर' कहा गया.
- उस दौर में सुरक्षा के लिए हजारों पुलिसकर्मी लगाए गए, लेकिन शहर में दहशत कायम थी. शाम होते ही पार्क और सड़कें सूनी हो जाती थीं
- मुंबई में साल 1965 से 1966 के बीच 19 लोगों पर हमले हुए. इसके बाद 1968 में फिर हत्याओं का सिलसिला शुरू हो गया.
- राघव एक तमिल था. कद-काठी से लंबा तगड़ा आदमी था. वह बहुत कम पढ़ा लिखा, लेकिन बेहद ज़िद्दी इंसान था.
- पुलिस हिरासत में पूछताछ के दौरान उसने चिकन, वेश्या और साजो सामान की मांग की थी. उसके बाद अपना मुंह खोला था.
- राघव को पुणे के येरवाड़ा जेल में बंद किया गया था. 1987 में हाईकोर्ट ने उसकी मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया.
- जेल में उम्रकैद की सजा काटते समय किडनी की बीमारी से उसकी मौत हो गई, लेकिन उसके नाम की दहशत आज भी कायम है.
- पुलिस अफसर रमाकांत कुलकर्णी उस पर दो किताब लिखी है - फुटप्रिंट्स ऑन दि सैंड्स ऑफ क्राइम और क्राइम्स, क्रिमिनल्स एंड कॉप्स.
- 24 जून से अनुराग कश्यप निर्देशित और नवाजुद्दीन सिद्दीकी अभिनित फिल्म 'रमन राघव 2.0' में इस दरिंदे की खौफनाक कहानी पर्दे पर दिखाई जा रही है.