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उत्तर प्रदेश के आगरा में सफाई कर्मचारी अरुण वाल्मीकि की पुलिस हिरासत में मौत के बाद सूबे में सियासी माहौल गर्म है. मृतक के परिजनों ने पुलिसवालों पर अरुण की पीट-पीटकर हत्या करने का इल्जाम लगाया है. इस मामले को लेकर विपक्षी दलों ने सरकार पर चौरतफा हमला बोल दिया है. सूबे की योगी सरकार अब डैमेज कंट्रोल करने के लिए पीड़ित परिवार के जख्मों पर मुआवजे का मरहम लगा रही है. आरोपी पुलिसवालों को निलंबित कर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है. आखिर क्या है ये पूरा मामला? आइए हम बताते हैं आपको.
थाने में चोरी, पुलिस की किरकिरी
इस पूरे घटनाक्रम की शुरुआत बीते रविवार को उस वक्त हुई, जब आगरा के जगदीशपुरा थाने में चोरी की बात सामने आई. दरअसल, बीते शनिवार की रात शातिर चोरों ने आगरा के थाना जगदीशपुरा में सेंध लगा दी और मालखाने का पिछला दरवाजे खोलकर अंदर घुस गए. चोरों ने वहां एक बक्से के ताले तोड़कर करीब 25 लाख रुपये और सोना चुरा लिया. चोरी गया कैश 13 अक्टूबर को आवास विकास कालोनी के सेक्टर 3 में रहने वाले रेलवे ठेकेदार प्रेमचंद के घर से चोरी की घटना के खुलासे के बाद पकड़े गए आरोपी से बरामद किया गया था. यह रकम आरोपी ने चोरी का सोना बेचकर जुटाई थी. उसी बक्से में 3.962 किलोग्राम सोना और दो पिस्टल भी थी.
रविवार की सुबह मालखाना प्रभारी हेड मोहर्रिर प्रताप भान सिंह 9 बजे थाने पहुंचे और जब उन्होंने मालखाने में जाकर देखा तो वहां सारा सामान बिखरा पड़ा था और बक्से के ताले टूटे पड़े थे. कैश और सोना चोरी हो चुका था. इस बात की जानकारी प्रताप भान सिंह ने एसएचओ को दी. घटना की जानकारी मिलते ही महकमे में हड़कंप मच गया. चोरी वो भी थाने में. इस बात से पुलिस की खासी किरकिरी हो गई. बात-बात पर एनकाउंटर करने वाली पुलिस को पता ही नहीं चला कि उनके थाने में ही चोरों ने हाथ साफ कर दिया.
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SHO समेत 6 पुलिसवाले निलंबित
जब मामला सुर्खियों में आ गया तो पुलिस के आला अफसर भी बगले झांकने लगे. आनन फानन में आधा दर्जन पुलिसवालों पर एक्शन लिया गया. ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप में थाना प्रभारी अनूप कुमार तिवारी समेत 6 पुलिसकर्मियों को एसएसपी ने फौरन निलंबित कर दिया. इस बात की जानकारी खुद आगरा जोन के एडीजी राजीव कृष्ण ने मीडिया को दी. सस्पेंड किए गए पुलिसवालों में थाना प्रभारी निरीक्षक अनूप कुमार तिवारी के अलावा रात्रि अफसर एसआई रामनिवास, आरक्षी जितेंद्र सिंह, सुखवीर सिंह, महिला सिपाही साजदा और हेड मोहर्रिर प्रताप भान सिंह शामिल हैं.
हिरासत में अरुण वाल्मीकि
घटना सामने आने के फौरन बाद इस संबंध में मुकदमा दर्ज कर चोरों की धरपकड़ के लिए पुलिस टीम लगा दी गई. अब पुलिस हर हाल में चोरों का पता लगाने की कोशिश में थी. इसी दौरान पुलिस ने कई लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी. इस दौरान जगदीशपुरा थाना पुलिस ने सोमवार को शक के आधार पर एक सफाईकर्मी अरुण वाल्मीकि को भी घर से उठा लिया. हिरासत में लिए गए तमाम लोगों के साथ-साथ पुलिस अरुण वाल्मीकि से भी पूछताछ कर रही थी. आरोप है कि इसी दौरान अरुण को पुलिसवालों ने बेरहमी से पीटा और उसे यातनाएं दीं. जिससे उसकी हालत बिगड़ गई.
अरुण वाल्मीकि की मौत
अगले दिन यानी मंगलवार की रात थाने की हवालात में अधमरी हालत में पड़े अरुण वाल्मीकि को देखकर पुलिसवालों के होश उड़ गए. उसके शरीर में हरकत नहीं हो रही थी. आगरा के एसएसपी मुनिराज के मुताबिक रात में अरुण वाल्मीकि अचानक बीमार पड़ गया था. पुलिस फौरन उसे अस्पताल लेकर गई, मगर वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. एसएसपी के मुताबिक अरुण अरुण वाल्मीकि जगदीशपुरा थाने और उसके मालखाने में सफाई का काम करता था. इसीलिए शक के आधार पर शनिवार की रात मालखाने में हुई चोरी के आरोप में ही पुलिस ने उसे हिरासत में लिया था. अरुण वाल्मीकि की मौत से पुलिस के हाथ पांव फूल गए. उन्होंने मृतक के परिजनों को समझाने बुझाने और इस मामले को चुपचाप निपटाने की कोशिश भी की. मगर ऐसा हो ना सका.
विपक्षी दलों ने खोला मोर्चा
सफाई कर्मचारी अरुण वाल्मीकि की पुलिस हिरासत में मौत की खबर आगरा ही नहीं बल्कि पूरे राज्य में आग की तरह फैल गई. सियासी दलों ने इस मौत को लेकर सरकार पर चौतरफा हमला बोल दिया.समाजवादी पार्टी, बसपा और कांग्रेस समेत कई दलों के नेताओं ने योगी सरकार पर सवाल खड़े किए. इसके साथ ही कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा लखनऊ से आगरा रवाना हो गईं, लेकिन लखनऊ से निकलते ही रास्ते में पुलिस ने उन्हें रोक लिया. सड़क पर काफी हंगामा हुआ और आखिुरकार बुधवार की देर रात प्रियंका गांधी आगरा पहुंची और अरुण वाल्मीकि के परिजनों से मुलाकात की. इस दौरान प्रियंका ने अरुण के परिजनों को 30 लाख रुपये की आर्थिक सहायता और परिवार के सदस्य को नौकरी दिए जाने की मांग की.
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10 लाख मुआवजा और सरकारी नौकरी
विपक्षी दलों के हमले बीच राज्य सरकार भी हरकत में आ गई. सरकार की और से एक बीजेपी विधायक समेत कई नेता और स्थानीय अधिकारी बुधवार की शाम ही अरुण वाल्मीकि के घर पहुंचे और उन्हें 10 लाख रुपये का चेक सौंपा और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया. लेकिन इसके बाद एक बार फिर विवाद खड़ा हो गया, जब पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया कि उन्हें 10 लाख रुपये लेकर चुप रहने के लिए कहा गया है.
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से अहम खुलासा
इसी बीच अरुण की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आ गई है. बताया जा रहा है कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में अरुण की मौत की वजह हार्ट अटैक बताई जा रही है. आगरा के एसएसपी मुनिराज ने बताया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक अरुण के पैर में 3-4 पुरानी चोटें मिली हैं. हालांकि, इन चोटों की वजह पता नहीं चली है. हालांकि सूत्रों ने बताया है कि अरुण के शरीर में नई चोटों के कई निशान मिले हैं. लाश के ऊपरी हिस्सों में चोट के निशान नहीं हैं. लेकिन निचले हिस्से में निशान देखे जा सकते हैं. अब अधिकारियों का कहना है कि आरोपी पुलिसकर्मियों से नई चोटों के बारे में पूछताछ की जाएगी.
पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे सपा नेता
अरुण वाल्मीकि हत्याकांड को लेकर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर गुरुवार को एमएलसी दिलीप यादव के साथ आगरा के महानगर उपाध्यक्ष रिज़वान रईस उद्दीन कुरैशी पीड़ित परिवार को सांत्वना देने उनके घर पहुंचे. सपा एमएलसी दिलीप यादव ने कहा अरुण समाजवादी पार्टी का कार्यकर्ता था और सपा उनके परिवार को न्याय दिलाने के लिए लड़ाई लड़ेगी. आंदोलन करेगी. सपा नेताओं ने यूपी सरकार से अरुण के परिवार को 50 लाख रुपये मुआवजा और सरकारी नौकरी दिए जाने के साथ-साथ दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है.