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Badaun innocent children double murder: एक शख्स एक जानकार के घर जाता है. फिर वहां मौजूद महिला से अपनी बीवी की बीमारी के नाम पर पांच हजार रुपये उधार लेता है. इसके बाद वो शख्स उसी महिला के दो बच्चों को खेलने के नाम पर अपने साथ छत पर ले जाता है. फिर वो दोनों का बेरहमी के साथ कत्ल कर देता है.
बाद में लोगों की भीड़ कातिल को पकड़कर पुलिस के हवाले कर देती है. मगर वारदात के कई घंटे बीत जाने के बाद भी बच्चों के घरवालों को तो क्या, पुलिस को भी नहीं मालूम कि कातिल ने उन मासूम बच्चों को क्यों मारा? हालांकि इस मामले के सह-आरोपी के गिरफ्त में आने से इस सवाल का जवाब मिलने की कुछ उम्मीद जगी है. आइए आपको बताते हैं बदायूं कांड की पूरी कहानी.
मंगलवार, 19 मार्च 2023, शाम 7 बज कर 45 मिनट, बदायूं
शहर की बाबा कॉलोनी के इस मकान से अचानक चीख-पुकार की आवाज़ें आने लगीं. घर की महिलाएं बुरी तरह शोर मचा रही थी, एक बच्चा भी लहूलुहान और बदहवास चिल्लाए जा रहा था. आनन-फानन में लोगों का ध्यान जब मकान की तरफ गया तो उन्होंने देखा कि घर के बाहर एक लड़का बाइक पर बैठा है. लोगों ने जब उससे वहां होने की वजह पूछी तो वो भागने की कोशिश करने लगा. और आखिरकार किसी तरह लोगों को गच्चा दे कर वो भागने में कामयाब रहा.
दोनों बच्चों पर किया था चाकू से हमला
एक भयानक कहानी की ये तो बस शुरुआत थी. असल में इस मकान में कोई ऐसा घुस आया था, जिसने मकान के अंदर मौजूद दो बच्चों पर चाकू से जानलेवा हमला किया था. और घर के दूसरे लोगों को भी मारने की कोशिश कर रहा था. लेकिन घर में मौजूद एक तीसरा बच्चा, उसकी मां और उसकी दादी किसी तरह समझदारी से काम लेते हुए मकान से बाहर निकल आए थे और उन्होंने ही बाहर से घर का गेट बंद कर दिया था. और इस तरह हमलावर मकान के अंदर ही कैद हो चुका था.
खौफनाक था घर का मंजर
चूंकि घर के अंदर एक हमलावर मौजूद था, जिसने चाकू से घर के बच्चों को निशाना बनाया था, घर के बाहर जुटी अब बच्चों की मदद के लिए अंदर गई. लेकिन अंदर का मंजर देख कर हर कोई ठिठक गया. घर की दीवार पर, फर्श पर, सीढ़ियों पर. हर तरफ खून ही खून बिखरा पड़ा था. जबकि हमलावर अब भी चाकू लिए सीढ़ियों पर खड़ा था. उसे लोगों ने फौरन काबू कर लिया और चाकू छीन लिया.
छत पर पड़ी थी मासूम बच्चों की लाशें
लेकिन जब खून के धब्बों का पीछा करते हुए लोग मकान की छत पर पहुंचे, तो यहां उन्हें अपनी जिंदगी की सबसे भयानक और सबसे दर्दनाक मंज़र देखा. छत की हालत देख कर लोगों का तो गला ही सूख गया. छत पर इस परिवार के दो बच्चों की हमलावर ने गला रेत कर हत्या कर दी थी. बच्चे अपने ही खून की धार पर ठंडे पर चुके थे. इन बच्चों में एक था 12 साल का आयुष जबकि दूसरा उसका 6 साल का छोटा भाई अहान प्रताप.
आखिर क्यों किया गया बच्चों का कत्ल?
लेकिन फिर सवाल था कि आखिर घर में घुस आए हमलावर ने इन मासूमों को निशाना क्यों बनाया? और भी वो भी इतने भयानक तरीके से? इस परिवार के साथ आखिर हमलावर की ऐसी क्या दुश्मनी थी?
बच्चों के परिवार से नहीं थी कोई दुश्मनी
दो-दो मासूम बच्चों के कत्ल की ये वारदात काफी डरावनी और अजीब तो थी ही लेकिन उससे भी ज्यादा अजीब था कातिल के तौर पर पकड़े गए शख्स की पहचान. ये आदमी कोई अजनबी नहीं बल्कि इस परिवार का जानकार था. और उनके घर के पास ही सैलून चलाता था. और सैलून चलाने वाला साजिद इस वारदात को अंजाम देने से पहले अपने भाई जावेद के साथ यहां पहुंचा था. लेकिन उसने ऐसा किया क्यों, ये किसी को भी समझ में नहीं आ रहा था. क्योंकि साजिद और जावेद के साथ मारे गए बच्चों के घरवालों की कोई दुश्मनी नहीं थी.
लेडीज ब्यूटी पार्लर चलाती है बच्चों की मां
वारदात का शिकार बने परिवार में कुल छह लोग हैं. परिवार का मुखिया यानी इन बच्चों के पिता विनोद कुमार, जो एक ठेकेदार हैं और अक्सर अपने काम से घर से बाहर रहते हैं. जबकि उनके अलावा घर में उनकी बुजुर्ग मां, पत्नी और तीन बच्चे हैं. जिनमें से दो बच्चों की अब साजिद जान ले चुका था. असल में बच्चों की मां संगीता अपने घर में ही एक कॉस्मेटिक शॉप और लेडीज ब्यूटी पार्लर चलाती हैं.
बिजनेस राइवलरी की थ्योरी भी फेल
ऐसे में एक बारगी लोगों को ये लगा कि शायद एक सैलून वाले ने बिजनेस राइवलरी के चलते ब्यूटी पार्लर चलाने वाली महिला के बच्चों की जान ले ली. लेकिन फिर यहां गौर करने वाली बात ये थी कि संगीत के पार्लर में सिर्फ लड़कियां की कस्टमर थी. यानी वो किसी मेल कस्टमर को एंटरटेन नहीं करती थी, जबकि सैलून में किसी फीमेल कस्टमर की जगह नहीं थी..ऐसे में बिजनेस राइवलरी की थ्योरी भी फेल हो गई.
साजिद ने संगीता से उधार लिए थे पांच हजार रुपये
इस अफरातफरी के बीच अब वारदात का सिलसिला साफ होने लगा. पता चला कि साजिद और जावेद दोनों बाइक पर ही विनोद के घर पहुंचे थे. जावेद बाइक खड़ी कर बाहर इंतजार करता रहा, जबकि साजिद अंदर चला गया. अंदर जाकर उसने विनोद की पत्नी संगीता से अपनी पत्नी के अस्पताल में होने की बात कह कर उससे पांच हजार रुपये उधार मांगे. संगीता ने अपने पति विनोद से फोन पर बात की और साजिद को पांच हजार रुपये दे दिए.
बच्चों को घूमाने के बहाने छत पर ले गया था साजिद
इस बीच साजिद छत पर घूम आने की बात कह कर ऊपर चला गया. और अपने साथ घर के दो बच्चों 12 साल के आयुष और 6 साल के अहान को भी लेकर गया. लेकिन इन मासूमों को क्या पता था कि वो जिस अंकल के साथ छत पर घुमाने लेकर जा रहे हैं, वही अंकल ऊपर पहुंच कर उसकी जान ले लेंगे. साजिद ने ऊपर जाकर पहले चाकू से आयुष का गला रेत दिया और जब ये सबकुछ देख कर उसका छोटा भाई अहान चीखने लगा, तो उसने अहान का भी वही हश्र किया.
ऐसे बची मझले बेटे की जान
तब तक विनोद और संगीता का मंझला बेटा 9 साल पीयूष अपने भाइयों की आवाज सुन कर छत की तरफ भागा, ऊपर उसने देखा कि साजिद अंकल उसके दो भाइयों की जान ले चुके हैं. जब साजिद ने उसे ऊपर आता हुआ देखा तो उसे पकड़ने की कोशिश की, लेकिन खुशकिस्मती से पीयूष खुद को साजिद के कब्जे से छुड़ाने में कामयाब रहा और भाग कर नीचे कमरे में चला आया. यहीं उसने शोर मचा कर अपनी दादी और मां को बुलाया.
ऐसे पकड़ा गया था कातिल
तब तक साजिद सीढ़ियों पर आकर खड़ा हो चुका था. उसके साथ में चाकू था और कपड़े खून से सने थे. ये देख कर बच्चों की मां और दादी पीयूष के साथ घर से बाहर निकल आए और उन्होंने घर का गेट बाहर से बंद कर दिया. जिसके बाद साजिद के लिए भागना मुमकिन नहीं हुआ. और आखिरकार लोगों ने उसे मौके से ही पकड़ लिया. जिसे बाद में पुलिस के हवाले कर दिया गया.
डबल मर्डर के बाद शहर में तनाव
हालांकि तब तक दो मासूम बच्चों के क़त्ल की इस वारदात से बदायूं शहर गुस्से में उबलने लगा था और सड़क पर आगज़नी शुरू हो गई. लोग दोनों गुनहगारों को भीड़ के हवाले करने की मांग कर रहे थे.
पकड़े जाने के कुछ घंटों बाद साजिद का एनकाउंटर
लेकिन अभी लोगों का गुस्सा और भड़कता, तब तक बदायूं पुलिस ने साफ कर दिया कि बच्चों का कत्ल करते रंगे हाथ पकड़े गए साजिद को पुलिस ने एक एनकाउंटर में ढेर कर दिया है. ये एनकाउंटर मौका-ए-वारदात से करीब 8 दूर इलाके में हुआ था. लेकिन जो शख्स पुलिस की गिरफ्त में था, आखिर उसका एनकाउंटर कैसे हो गया? बच्चों के कत्ल के मोटिव के साथ-साथ अब ये नए सवाल मामले को पेचीदा बना रहे थे.
साजिद के एनकाउंटर से कमजोर पड़ गया केस
अब तक ये साफ नहीं हुआ है कि आखिर साजिद ने विनोद और संगीता के दो मासूम बच्चों की गला रेत कर जान क्यों ले ली? और अब साजिद के एनकाउंटर के साथ वारदात के पीछे की इस वजह पर से पर्दा हटाने की उम्मीद भी काफी कमजोर पड़ गई है. लेकिन एक सवाल ये भी है कि जिस साजिद को मौका-ए-वारदात से पकड़ कर लोगों ने पुलिस के हवाले किया, चंद घंटों के बाद पुलिस ने आखिरकार उसी साजिद का एनकाउंटर कैसे कर दिया?
ये है साजिद के एनकाउंटर का सिक्वेंस
आइए, साजिद के एनकाउंटर के सिक्वेंस को समझने की कोशिश करते हैं. रात करीब 8 बजे के आस-पास लोगों ने साजिद को पुलिस के हवाले किया. और दो घंटे गुजरते गुजरते पुलिस ने उसे शेखुपुर के जंगलों में ढेर कर दिया. पुलिस का कहना था कि उसने पुलिस के कब्जे से छूट कर भागने की कोशिश की थी और पुलिसवालों पर गोली भी चलाई, जिसके बाद जवाबी कार्रवाई में वो मारा गया.
पुलिस कस्टडी में साजिस का कहां से मिला था तमंचा?
लेकिन सवाल ये है कि पुलिस की हिरासत में होने के बावजूद आखिर वो शेखुपुर के जंगलों में कैसे पहुंचा? और सबसे अहम ये हिरासत में होने के बावजूद उसके पास तमंचा कहां से आया? क्योंकि वारदात तो वो चाकू लेकर करने पहुंचा था. लोगों ने उसे पकड़ा भी था. तब अगर उसके पास तमंचा होता, तो वो भीड़ के हाथ लग चुका था. फिलहाल, डीएम ने इस मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं.
साजिद की पत्नी ने किया बड़ा खुलासा
उधर, अब साजिद की बीवी सना का बयान भी सामने आ गया है. साजिद ने सना के प्रेगनेंट होने और उसके अस्पताल में होने की बात कह कर बच्चों की मां संगीता से पांच हजार रुपये मांगे थे. लेकिन अब सना ने बताया है कि वो तो प्रेगनेंट है ही नहीं, अस्पताल में भर्ती होना तो दूर की बात है. ऐसे में अब पांच हजार रुपये मांगने के लिए साजिद का संगीता के घर में घुसने की थ्योरी भी कमजोर पड़ गई है. सवाल ये है कि मासूमों के कत्ल की असली वजह क्या है?
बरेली में पकड़ा गया साजिद का भाई जावेद
इस वारदात का दूसरा आरोपी यानी साजिद का भाई जावेद भी अब पुलिस के हत्थे चढ़ गया है. पुलिस ने जावेद को बरेली से गिरफ्तार किया है. जावेद को एक ऑटो में कुछ लोगों ने पहचान लिया और उससे पूछताछ शुरू कर दी. इसके बाद जावेद ने उन लोगों से गुहार लगाई कि उसे पुलिस के हवाले कर दिया जाए, वह निर्दोष है. इसके बाद उसे पुलिस के हवाले कर दिया गया. बदायूं पुलिस को जावेद की तलाश थी. घटना के बाद से ही वह फरार चल रहा था. उस पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया था.
पुलिस के सामने बोला जावेद- इस कांड कोई लेना देना नहीं
जावेद ने पूछताछ के दौरान बताया कि घटना के बाद वहां बहुत भीड़ थी. मैं सीधा दिल्ली भाग गया था. अपने आप को सरेंडर करने के लिए वहां से बरेली आया. उसने कहा कि इस दौरान मेरे पास कई फोन आए कि तुम्हारे भाई ने कांड किया है. मैंने फोन ऑफ कर दिया. मैं बहुत सीधा शरीफ आदमी हूं. वो (साजिद) मेरा बड़ा भाई था, उसने किया है. इसमें मेरा कुछ नहीं है.
साजिद ने ऐसा क्यों किया, जावेद को नहीं पता
उसने लोगों से कहा कि मेरा नाम मोहम्मद जावेद है. मेरा जिला बदायूं है. मुझे पुलिस के हवाले करवा दो, क्योंकि मैं बिल्कुल निर्दोष हूं. जिस घर में मर्डर हुआ है, वहां उन लोगों से बहुत अच्छे ताल्लुकात थे. लेकिन मुझे यही नहीं पता चला कि क्या हुआ है.