स्कॉलरशिप पर अमेरिका में पढ़ाई करने वाली सुदीक्षा भाटी की मौत का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है. इस मामले में कई पेंच फंस रहे हैं. हालांकि पुलिस इसे अब एक एक्सीडेंट करार दे रही है. पुलिस के मुताबिक घटना के वक्त बाइक सुदीक्षा का भाई चला रहा था. वो नाबालिग है और उसने हेलमेट भी नहीं लगा रखा था. इसी वजह से उसके चाचा ने खुद बाइक चलाने की बात कही. लेकिन उनकी मोबाइल लोकेशन घटना के वक्त दादरी की है.
सुदीक्षा की मौत को 24 घंटे से ज्यादा का वक्त बीत चुका है. मगर ये मामला सुलझने के बजाय उलझता जा रहा है. सुदीक्षा की मौत को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं. मसलन हादसे के वक्त सुदीक्षा के साथ कौन था? सुदीक्षा जिस बाइक या स्कूटी पर सवार थी, उसे कौन चला रहा था? क्या कोई उनका पीछा कर रहा था? बुलेट पर सवार लड़के कौन थे? पुलिस की पड़ताल अभी तक इस मामले में कहां तक पहुंची?
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अलग-अलग है पुलिस और परिवार का दावा
सुदीक्षा के चाचा ने सबसे पहले यह दावा किया था कि बुलंदशहर के औरंगाबाद जाते वक्त मनचलों ने सुदीक्षा के साथ छेड़खानी की. बुलेट से उनकी बाइक के आगे पीछे घूमते रहे. और आगे जाकर जब बुलेट उनके ठीक सामने अचानक रोकी तब टक्कर हुई. उसी टक्कर में सुदीक्षा की मौत हो गई. लेकिन पुलिस सूत्रों के मुताबिक एक रोड एक्सीडेंट है. पुलिस की जांच में सुदीक्षा के चाचा की मोबाइल लोकेशन घटना के वक्त दादरी की है.
पुलिस का कहना है कि घटना के वक्त सुदीक्षा का भाई बाइक चला रहा था. लेकिन वह नाबालिग है. उनमें से किसी ने भी हेलमेट नहीं लगा रखा था. यही वजह है कि चाचा ने खुद को आगे कर दिया. जबकि घटना के वक्त लड़की के भाई का एक वीडियो भी सामने आया है. जिसमें उसने सुदीक्षा के साथ होने की बात कही है. अब बुलंदशहर के डीएम, एसएसपी और राज्य के डीजीपी तीनों लोगों ने इस घटना को एक एक्सीडेंट करार दिया है.
परिवार ने तहरीर देकर वापस ली
बुलंदशहर पुलिस का कहना है कि छेड़छाड़ की कोई सूचना किसी प्रत्यदर्शी या मृतक छात्रा के साथ रहे लोगों ने तत्काल नहीं दी. पुलिस का कहना है कि मृतक पक्ष ने सोमवार को एक तहरीर दी थी. बाद में उसे वापस भी ले लिया था. अभी तक कोई तहरीर नहीं दी गई है. इसलिए मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है. लेकिन फिर भी पुलिस संज्ञान लेकर विधिक कार्रवाई कर रही है.
सुदीक्षा के चाचा का बयान
घटना के बारे में सुदीक्षा के चाचा ने कहा, हम बच्चे को स्कूटी से लेने जा रहे थे. चौराहा पार करते ही बुलंदशहर गांव पड़ता है, वहां एक बुलेट थी जिसने कई बार हमें ओवरटेक किया. हमने अपनी स्कूटी धीमी कर ली. फिर वह बुलेट वाला स्टंट मारने लगा. उसने आगे जाकर एकदम से हमारे आगे ब्रेक मार दी. हमारी स्कूटी की उसमें सीधी टक्कर लगी और मैं गिर गया. मेरी भतीजी सिर के बल पीछे गिरी. मैं बुलेट वाले को पहचान नहीं पाया. बुलेट पर जाट लिखा हुआ था. घटना के बाद वह चला गया.
सुदीक्षा के भाई का बयान
इस बारे में सुदीक्षा के भाई ने कहा, हमारी स्पीड 30 की रही होगी. हमने एकदम से ब्रेक मारी. सामने बुलेट थी जिस पर जाट लिखा था. यूपी-13 की बाइक थी. इमरजेंसी में नंबर नहीं नोट कर पाया. दीदी पीछे गिर गई और मैं आगे गिरा लेकिन मुझे चोट नहीं आई. सुदीक्षा के घर पर एक अन्य व्यक्ति ने कहा, पुलिस आधे घंटे बाद घटनास्थल पर पहुंची. इसे छुपाने की पूरी कोशिश हो रही है. पुलिस को क्या पता कि गाड़ी चाचा चला रहे थे या भाई चला रहा था. घटना हो गई उसके आधे घंटे बाद पुलिस पहुंची.
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घर के साथ पूरे इलाके में मातम
ग्रेटर नोएडा के एक गांव में रहने वाले गरीब परिवार की होनहार बेटी सुदीक्षा भाटी की मौत से पूरा इलाका मातम मना रहा है. भाटी परिवार गरीब है, लेकिन बेटी इतनी होनहार थी कि अमेरिका में पढ़ाई के लिए उसे स्कॉलरशिप मिली थी. वो वहीं पढ़ती थी. छुट्टियों के कारण वह अमेरिका से घर आई थी. घटना के वक्त सुदीक्षा चाचा या भाई के साथ बाइक पर दादरी से बुलंदशहर अपने मामा के घर जा रही थी. दरअसल वह अमेरिका लौटने से पहले ननिहाल वालों से मिलना चाहती थी. लेकिन बुलंदशहर के करीब वो सड़क हादसे का शिकार हो गई.
सुदीक्षा के पिता का आरोप
सुदीक्षा भाटी के पिता ने पुलिस पर कोई एक्शन नहीं लेने का आरोप लगाया है. सुदीक्षा भाटी के पिता जितेंद्र भाटी ने आजतक से बातचीत में कहा कि पुलिस ढंग से काम नहीं कर रही है. पुलिस उल्टे पूछ रही है कि बाइक कौन चला रहा था. बाइक कोई भी चला रहा हो, लेकिन मैं कह रहा हूं कि जिसने स्टंट किया, जिसने बेटी को गिराया पुलिस उन तक क्यों नहीं पहुंच रही है. पुलिस ने अभी तक कुछ नहीं किया. घटना को 24 घंटे से ज्यादा हो गए लेकिन पुलिस की तरफ से अभी तक कुछ नहीं किया गया.
जितेंद्र भाटी ने कहा कि हमारा गम नहीं दिखा रहा है और उल्टा हम पर ही सवाल उठाए जा रहे हैं. अभी तक कोई शिकायत दर्ज नहीं की गई है. हादसे को 24 घंटे से ज्यादा समय हो चुके हैं. लेकिन पुलिस ने अभी तक कोई एक्शन नहीं लिया है. पुलिस अपने मन से बयानबाजी कर रही है. पुलिस अपने पास से बयान दे रही है. हमसे कोई बात नहीं हुई.
आरोपियों के पहचानने के सवाल पर सुदीक्षा के पिता ने कहा कि घटना घर से 60 किलोमीटर दूर हुई है, हम कैसे पहचानते हैं. थोड़ा चेहरा सामने आएगा तभी तो पहचानेंगे. बुलेट सवार लड़के गिरे, लेकिन वो उठकर फौरन भाग गए. जितेंद्र भाटी ने कहा कि बुलेट सवार लड़कों की सड़क पर एक दुकान वाले से बातचीत हुई थी. शायद दुकान वाले लड़कों को पहचानते हों.
20 को जाना था अमेरिका
सुदीक्षा को 10 दिन बाद यानी 20 अगस्त को वापस अमेरिका जाना था. मगर इससे पहले ही सड़क हादसे में उसकी दर्दनाक मौत हो गई. बता दें कि देश की टॉप आईटी कंपनी की तरफ से सुदीक्षा को अमेरिका में पढ़ने के लिए 3.80 करोड़ रुपये की स्कॉलरशिप दी गई थी.
कौन थी सुदीक्षा भाटी
गौतमबुद्ध नगर जिले की दादरी तहसील में रहने वाली सुदीक्षा भाटी एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखती थी. सुदीक्षा के पिता छोटा सा ढाबा चलाते हैं. सुदीक्षा ने बेसिक शिक्षा विभाग के परिषदीय स्कूल से कक्षा पांच तक पढ़ाई की. प्रवेश परीक्षा के जरिये सुदीक्षा का एडमिशन एचसीएल के मालिक शिव नाडर के सिकंदराबाद स्थित एक मशहूर स्कूल में हुआ था. सुदीक्षा ने कक्षा 12 में बुलंदशहर टॉप किया और इसके बाद उच्च शिक्षा के लिए उसका चयन अमेरिका के एक कॉलेज में हुआ. पढ़ाई के लिए सुदीक्षा को एचसीएल की तरफ से 3.80 करोड़ रुपये की स्कॉलरशिप दी गई थी. इलाके के लोग उसकी उपलब्धि का खूब बखान करते थे. लेकिन आज वही इलाका उसके जाने का मातम मना रहा है.