
यूपी के गाजियाबाद में बीटेक की छात्रा कीर्ति सिंह (Kirti Singh) की मौत सबको सन्न कर दिया है. गाजियाबाद के बेखौफ लुटेरों ने महज़ एक मोबाइल के लिए एक लड़की को मार डाला और एक ही झटके में एक परिवार की सारी खुशियां छीन लीं. घर की इकलौती बेटी कॉलेज से पढ़ाई कर ऑटो में घर लौट रही थी, लेकिन बीच रास्ते में वो कुछ ऐसे लुटेरों का शिकार बनी कि दो दिन तक जिंदगी और मौत के बीच झूलती रही और इसके बावजूद आखिरकार अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी जान चली गई.
ऐसे हुआ इंसाफ
अब इसे होनी का नाम दें या फिर कुदरत का इंसाफ कहें. गुनहगारों को दबोचने के दौरान गाजियाबाद पुलिस ने दो में से एक लुटेरे को जहां छात्रा की मौत के महज ढाई घंटे बाद एक एनकाउंटर में ढेर कर दिया, वहीं दूसरे लुटेरे को गोली मार कर अस्पताल पहुंचा दिया.
27 अक्टूबर 2023
इस दर्दनाक कहानी की शुरुआत होती है 27 अक्टूबर की शाम को जब गाजियाबाद के एबीएस इंजीनियरिंग कॉलेज से पढ़ाई कर 19 साल की कीर्ति सिंह ऑटो से अपने घर लौट रही थी. वो ऑटो में एक लड़की के साथ गाजियाबाद से हापुड़ के लिए निकली थी, लेकिन इसी बीच जैसे ही नेशनल हाई वे नंबर 9 के डासना फ्लाईओवर में पहुंची ऑटो के साथ-साथ चल रहे बाइक सवार लुटेरों ने उससे उसका मोबाइल फोन छीनने की कोशिश की और इसी कोशिश में बड़ा हादसा हो गया. कीर्ति ऑटो से नीचे गिर कर बुरी तरह से जख्मी हो गई.
कीर्ति की लास्ट कॉल
इस हादसे से ठीक पहले कीर्ति ने अपने चचेरे भाई को कॉल किया था और कहा था- भैया मैं जल्दी घर पहुंच जाऊंगी. लेकिन घरवालों को मालूम नहीं था कि ये कॉल कीर्ति की जिंदगी की लास्ट कॉल होगी. इसके बाद घरवालों के पास पुलिस की कॉल पहुंची. जिससे घर में सन्नाटा पसर गया. घबराए हुए परिवार वाले तुरंत पुलिस के बताए पते पर पहुंचे. वो पता था हॉस्पिटल का. बेटी को वेंटिलेटर पर पड़ा देख परिवार वाले फूट-फूट कर रोने लगे. पुलिस ने फिर उन्हें संभाला. पूरी बात बताई.
29 अक्टूबर 2023
इसके बाद पहले उसे हापुड़ के एक अस्पताल में भर्ती करवाया गया और उसके बाद वहां से उसे गाजियाबाद के यशोदा अस्पताल ले जाया गया. डॉक्टरों ने भी कीर्ति को बचाने की तमाम कोशिश की. लेकिन दो दिन बाद 29 अक्टूबर की देर शाम आखिरकार कीर्ति की जान चली गई. उसके पूरे परिवार में मातम पसर गया. हर तरफ गम के आंसू और दर्दभरी आंहे थी. पूरा परिवार कीर्ति की मौत से गहरे सदमे में चला गया है.
CCTV कैमरे में कैद हो गई थी वारदात
इत्तेफाक से लूटपाट की ये वारदात फ्लाई ओवर पर लगे सीसीटीवी कैमरों में कैद हो गई थी. जिसके सहारे गाजियाबाद पुलिस ने बाइक नंबर का पता लगा लिया और लुटेरों की तलाश करने लगी. लेकिन कहानी में असली ट्विस्ट तब आया, जब 29 अक्टूबर की रात को ही पुलिस मसूरी थाना इलाके में गंगनहर के पास नाका लगा कर चेकिंग कर रही थी. इस रास्ते पर पुलिस को रात करीब 10 बजकर 30 मिनट पर दो बाइक पर दो लोग आते हुए दिखे.
पुलिस एनकाउंटर में मारा गया एक लुटेरा
पुलिस ने उन्हें रुकने का इशारा किया, लेकिन दोनों ही लड़कों ने ना सिर्फ भागने की कोशिश की, बल्कि पुलिस पर गोली भी चला दी. इत्तेफाक से पुलिस को गोली नहीं लगी, लेकिन पुलिस की गोली से जितेंद्र उर्फ जीतू नाम के एक बदमाश की मौत हो गई, जबकि उसका एक साथी बोबिल उर्फ बलवीर पुलिस की गोली से जख्मी हो गया. ध्यान देने वाली बात ये है कि ये वही दोनों बदमाश थे, जिन्होंने दो दिन पहले कीर्ति सिंह से उसका मोबाइल फोन छीनने के चक्कर में उसे इस कदर जख्मी कर दिया था कि उसकी जान चली गई थी.
ढाई घंटे में इंसाफ
अस्पताल में इलाज के दौरान कीर्ति की मौत 29 अक्टूबर की रात करीब आठ बजे हुई थी और इसके ठीक ढाई घंटे बाद कीर्ति के दोनों गुनहगारों का एनकाउंटर भी हो गया. अदालत तो नहीं, लेकिन अगर पुलिस या कुदरत के इंसाफ की बात करें, तो इस इंसाफ में महज ढाई घंटे लगे.
कीर्ति ने दो बार क्रैक की थी JEE परीक्षा
कीर्ति न सिर्फ घर वालों की चहेती थी. आस-पड़ोस से लेकर कॉलेज के टीचर और स्टूडेंट भी उसे काफी पसंद करते थे. कीर्ति के परिवार ने बताया कि वह हमसे हमेशी यही कहती थी कि अच्छी नौकरी मिलने के बाद ही वो शादी करेगी. उससे पहले नहीं. परिवार के मुताबिक, वह स्कूल के दिनों से ही इंजीनियर बनना चाहती थी. साल 2022 में जेईई क्रैक करने के बाद कीर्ति को लखनऊ के ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय में इंजीनियरिंग में एडमिशन मिला.
इसी साल मिला था ABES में दाखिला
हालांकि, परिवार चाहता था कि बेटी घर के पास रहकर ही पढ़ाई करे. उसने कड़ी मेहनत से पढ़ाई की ताकि जेईई में बेहतर रैंक हासिल कर सके. 2023 में फिर उसे गाजियाबाद के एबीईएस में एडमिशन मिल गया. एडमिशन के बाद कुछ दिनों तक कीर्ति का भाई उसके साथ कॉलेज जाता था. लेकिन जब कीर्ति के कॉलेज में दोस्त बन गए तो वो उनके साथ आने-जाने लगी.
सभी करते थे कीर्ति को पसंद
परिवार ने बताया कि कीर्ति हंसमुख स्वभाव की लड़की थी. उसे खाने का बहुत शौक था. चॉकलेट केक उसका फेवरिट था. पेंटिंग करना भी उसे काफी पसंद था. उन्होंने कहा कि मोबाइल स्नैचर्स ने हमारी बेटी को मारकर हमें जिंदगी भर का दर्द दे दिया है. उधर, एबीईएस कॉलेज के टीचर्स ने भी कीर्ति को एक प्रतिभाशाली छात्रा बताया. पड़ोसियों ने कहा कि कीर्ति एक 'साहसी लड़की' थी. वह किसी भी गलत काम का विरोध जरूर करती थी. इसीलिए, शायद उसने स्नैचरों से लड़ने की भी कोशिश की.