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पहले बेपनाह मोहब्बत, फिर जेंडर चेंज और माशूका की बेवफाई... हैरान कर देगी दो लड़कियों के इश्क की ये दास्तान

ये मामला उत्तर प्रदेश के झांसी जिले का है. जहां सरकारी नौकरी करने वाली लड़की पर इश्क का जुनून इस कदर चढ़ा कि उसने अपनी पहचान तक बदल डाली. जेंडर चेंज कराकर वो लड़की से लड़का बन गई. मगर उसकी माशूका ने कुछ ऐसा कर दिया कि वो कहने को मजबूर हो गई 'सोनल बेवफा है.'

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सोनल के प्यार में पागल सना अपना जेंडर चेंज कराकर सोहेल बन गई थी
सोनल के प्यार में पागल सना अपना जेंडर चेंज कराकर सोहेल बन गई थी

एक मकान मालिक की बेटी, तो दूसरी लड़की किराएदार. महज कुछ महीनों की मुलाकात में ही दोनों लड़कियां अच्छी दोस्त बन गईं. लेकिन उनका ये रिश्ता सिर्फ दोस्ती तक ही नहीं रुका, बल्कि उससे भी आगे निकल गया. उनकी दोस्ती कब प्यार में बदल गई, ख़ुद उन्हें भी पता नहीं चला. अभी साल भी पूरा नहीं हुआ था कि किराएदार लड़की ने वो मकान छोड़ दिया और दूसरी जगह रहने चली गई.

मकान मालिक की लड़की उससे जुदाई सह नहीं पाई और 4 दिन बाद अपना घर छोड़कर उसी लड़की के घर जा पहुंची, जिसे वो मोहब्बत करती थी. दूसरी लड़की ने भी प्यार का मान रखा और जेंडर चेंज कराकर अपनी महबूबा का आशिक बन गई. मगर ये इस कहानी का अंजाम नहीं था. बल्कि इस मामले में कुछ ऐसा हुआ जो आपको हैरान कर देगा.

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आपको शायद ऐसा लग रहा होगा कि मैं आपको कोई फिल्मी कहानी सुना रहा हूं या दो समलैंगिक लड़कियों की रुमानी दास्तान... मगर ऐसा नहीं है, ये सिर्फ कोई फसाना नहीं बल्कि हकीकत है. एक ऐसा वाक्या जो, जिसने भी सुना हैरान रह गया. पहले शिद्दत से मोहब्बत फिर बेवफाई. जी हां, इस केस में कुछ ऐसा ही है. ये मामला है उत्तर प्रदेश के झांसी जिले का. जहां सरकारी नौकरी करने वाली लड़की पर इश्क का जुनून इस कदर चढ़ा कि उसने अपनी पहचान तक बदल डाली. जेंडर चेंज कराकर वो लड़की से लड़का बन गई. मगर उसकी माशूका ने कुछ ऐसा कर दिया कि वो कहने को मजबूर हो गई 'सोनल बेवफा है.' ये कहानी है झांसी के सोहेल उर्फ सना और उसकी बेवफा माशूका की.

कौन है सना खान उर्फ सोहेल खान?

32 साल की सना खान उर्फ सोहेल ने बताया कि वो मूल रूप से दतिया, मध्य प्रदेश की रहने वाले हैं. उन्होंने एम. कॉम तक की पढ़ाई वहीं से की और उसके बाद ग्वालियर से नर्सिंग का कोर्स किया. साल 2012 में सना का चयन यूपी हेल्थ डिपार्टमेंट में हो गया था. अब उनकी तैनाती झांसी जनपद में है. उनके परिवार में उनकी मां और एक भाई हैं. मां पेंशन पर हैं और दतिया में ही रहती हैं. जबकि सना के भाई खुद सरकारी नौकरी में हैं. उनकी तैनाती भी यूपी के बांदा जिले में है.

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ऐसे हुई थी सोनल से मुलाकात

सना के मुताबिक, साल 2016 में उनकी तैनाती झांसी में हो गई थी. मगर उन्हें सरकारी क्वार्टर अलॉट नहीं हुआ था. लिहाजा, वो रहने के लिए किराए पर जगह तलाश रही थीं. तभी उन्हें झांसी के ग्राम आरामशीन इलाके के तिलकनगर में एक परिवार मिला. जिसमें माता-पिता और दो बहनें थीं. उन दो बहनों में से एक थी सोनल. जिसका घर का नाम बिट्टू था. सना उनके घर में पीजी के तौर पर रहने लगी थीं. वो घर दो मंजिला था. नीचे सोनल और उनका परिवार रहा करता था. ऊपर के कमरे में सना खान अपनी एक सीनियर की साथ रहने लगी थीं.

एक-दूसरे के करीब आ गए थे सोनल और सना

सना खान जब वहां रहने लगीं तो सोनल अक्सर उनके पास आया-जाया करती थी. इस दौरान दोनों के बीच अच्छी दोस्ती हो गई. सना बताती हैं कि करीब चाह महीने के दौरान उन्हें लगने लगा था कि वे दोनों एक दूसरे को पसंद करने लगे हैं. दोनों का रिश्ता दोस्ती से आगे बढ़ चुका था. सना के मुताबिक इसी बीच उन्होंने पाया कि सोनल का परिवार थोड़ा रूढ़ीवादी था. उन्हें सना का वहां रहना पसंद नहीं आ रहा था.

सना को अलॉट हो गया था सरकारी क्वार्टर 

वो बताती हैं कि वहां का माहौल देखकर वो भी कोशिश कर रहीं थी कि उन्हें रहने के लिए जल्द से जल्द दूसरी जगह मिल जाए. इसी दौरान अगस्त 2017 में सना को सरकारी क्वार्टर अलॉट हो गया. जिसके चलते उन्होंने 10 अगस्त 2017 को सोनल का घर छोड़ दिया और अपने सरकारी क्वार्टर में शिफ्ट कर लिया. अब वो वहां रहने लगी थीं. सना का पता अब वही था.

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घर छोड़कर सना के पास आ गई थी सोनल

सना को सोनल से अलग रहने का दुख तो था, लेकिन अब वो अपने क्वार्टर में आकर खुश थीं. सना ने हमें बताया कि अभी उसे अपने सरकारी आवास में रहते हुए केवल 4 दिन ही बीते थे कि 14 अगस्त 2017 को अचानक सोनल उनके घर आ गई. उसने सना को बताया कि वो उसके बिना नहीं रह सकती. और वहीं रहने की जिद करने लगी. सना के मुताबिक, उन्होंने सोनल को समझाने की बहुत कोशिश. उसे वापस लौट जाने के लिए कहा लेकिन वो नहीं मानी. उसने सना से कहा कि अगर वो घर वापस गई तो घरवाले उसके साथ मारपीट करेंगे और उसे कभी घर से निकलने नहीं देंगे. फिर वो दोबारा कभी नहीं आ पाएगी. 

सोनल घर तो गई, लेकिन उसी शाम सना के पास लौटी

इसके बाद सोनल के घरवालों ने 15 अगस्त 2017 को सना के फोन पर कई बार किया. सना ने फोन रिसीव कर लिया और सोनल को घर भेजने के लिए कहा. जिस पर सना ने सोनल से कहा कि घरवालों से मिल तो लो और उसे घर भेज दिया. उस दिन सोनल गयी तो, लेकिन उसी शाम को ही वो लौटकर वापस सना के घर आ गई. उसके जीजा यानी बड़ी बहन सोनम के पति उसे लेकर आए थे.

उन्होंने सना से कहा कि सोनल को घर नहीं रहना, इसे तुम्हारे पास ही रहना है सना. फिर वो उसे सना के पास छोड़कर चले गए. सना का कहना है कि इसके बाद सोनल के परिवार ने एक महीने तक उसकी सुध नहीं ली.

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ऐसे आया था सर्जरी का आइडिया

जब सोनल और सना एक घर में कपल की तरह रहने लगे तो उसी दौरान उन दोनों जिंदगी साथ बिताने का फैसला कर लिया. इसके लिए उन्हें जेंडर सर्जरी का आइडिया आया. फिर उन दोनों ने मिलकर इंटरनेट पर सर्च किया. सना कहती हैं कि वहीं से उन्हें दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल के बारे में पता चला था. दोनों वहां से काउंसलिंग लेने का इरादा कर लिया.

हालांकि इस दौरान सना ने सोनल से कहा कि उनकी सरकारी नौकरी है, बड़ी दिक्कत हो जाएगी. मगर सोनल ने कहा कि कोई बात नहीं, एक बार चांस लेकर देखो. उस वक्त सोनल कोई जॉब नहीं करती थी. आगे चलकर वो सरकारी जॉब करना चाहती थी. सैटल होना चाहती थी. इसके बाद सना और सोनल अगस्त में ही दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल पहुंचे और डॉक्टर राजीव मेहता ने उनकी काउंसलिंग की. उन्होंने जांच के बाद सना को जेंडर चेंज सर्जरी के लिए फिट करार दिया. उन्होंने ये भी बताया कि यह स्टेप बाए स्टेप होगा. हालांकि उन्होंने उसी वक्त ब्रेस्ट सर्जरी के लिए बोल दिया था. पर सना ने काउंसलिंग चलाने की बात कही थी.

पुलिस ने सोनल को सना के साथ भेजा

सना उर्फ सोहेल बताते हैं कि 14 सितंबर 2017 को सोनल के परिवार ने झांसी के महिला थाने में शिकायत कर दी कि वो उनके घर में पीजी रहती थी और उसी दौरान उनकी बेटी सोनल को बहला फुसला दिया. जिससे लड़की घर छोड़कर चली गई. उनकी शिकायत पर सना और सोनल को थाने में बुलाया गया. पुलिस ने जब दोनों से पूछा तो सोनल ने खुद ही पुलिस को सारी बात बता दी. सोनल ने पुलिस से कहा कि मुझे तो सना के साथ ही रहना है. सना को वहां कुछ कहने की ज़रूरत नही नहीं पड़ी. क्योंकि दोनों बालिग थे. पुलिस ने सोनल को सना के साथ ही भेज दिया. फिर वे दोनों साथ रहने लगे. 

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22 जून 2020 को हुई थी सना की सर्जरी

इस तरह से वे दोनों एक कपल की तरह तीन साल तक साथ रहते रहे. उनकी जिंदगी में सबकुछ ठीक चल रहा था. दोनों खुश थे. इसी दौरान सना ने सोनल की बात मानकर सर्जरी कराने का फैसला कर लिया. तब पूरे देश में कोरोना का आतंक था. बावजूद इसके 21 जून 2020 को सना और सोनल दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल जाने के लिए निकले और अगली ही सुबह वे दिल्ली पहुंच गए. वहां डॉक्टरों ने सना की सर्जरी के लिए पूरी तैयारी कर रखी थी. जांच के बाद 22 जून 2020 को ही सना की सर्जरी कर दी गई. हालांकि कोरोना काल के चलते महज 48 घंटे में ही सना को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई. सोनल, सना को लेकर वापस झांसी आ गई.

सोनल ने वाइफ के तौर पर साइन किए थे दस्तावेज

सना ने बताया कि जब कोई भी जेंडर चेंज कराने जाता है तो उसमें पार्टनर की ज़रूरत रहती है. ऐसे में सर्जरी से पहले सारे दस्तावेजों और कागजों पर सोनल ने वाइफ के तौर पर साइन किए थे. जो हलफनामा अस्पताल में दिया जाता है, वो भी सोनल की तरफ से ही दाखिल किया गया था. इस सर्जरी के बाद सना सोहेल खान बन चुके थे. वो कहते हैं कि सोनल ने एक पत्नी की तरह उनकी पूरी देखभाल की. उनका ख्याल रखा. काफी सपोर्ट भी किया. वो चाहती थी कि हम जल्द से जल्द ठीक हो जाएं. इस दौरान सना ने सोनल को संविदा पर अपने विभाग में भी रखवाया था. सोनल ने कुछ माह वहां काम किया.

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अचानक बदला सोनल का मूड

सोहेल उर्फ सना बताते हैं कि सर्जरी के दो साल बीत गए. लेकिन अभी तक उनकी सर्जरी के कई जख्म हैं, जो पूरी तरह से नहीं भरे हैं. उनका इलाज चल रहा है. वो कहते हैं कि इस दौरान दोनों अच्छी तरह से साथ रह रहे थे. सबकुछ अच्छा था. मगर वो खुद भी समझ नहीं पाए कि अचानक ऐसा क्या हुआ कि किसी को देखकर सोनल ने यूं मूड बदल लिया. वो कहते हैं कि उन्होंने अपनी जिंदगी तो सोनल के पीछे ही कुर्बान कर दी.

नौकरी लगने के बाद बदला सोनल का बर्ताव 

सोहेल ने बताया कि वो चाहते थे कि लाइफ में कुछ ना कुछ होते रहना चाहिए. साल 2022 में ही झांसी से लगे एमपी के ओरछा में मौजूद यथार्थ अस्पताल में एक फ्रंट ऑफिस जॉब निकली थी. सोहेल ने वहां सोनल को अप्लाई करा दिया और वहां सोनल की जॉब लग गई. अब वे दोनों ही अपने-अपने काम पर जाने लगे थे. वहां दो शिफ्ट में काम चलता था. सोहेल के पहले का समय ठीक निकला. मगर मई आते-आते उन्हें लगने लगा कि सोनल उनसे दूरी बढ़ा रही है. वो घर का काम भी नहीं कर रही थी. इस बात को लेकर दोनों के बीच कहा सुनी भी होने लगी. सोनल अक्सर अपने काम से भी देरी से लौटने लगी थी. ये सारी बातें सोहेल उर्फ सना को अंदर से खाए जा रही थीं.

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फोन पर ग्रुप कॉलिंग कर रो रही थी सोनल

फिर अचानक एक रात जब ये दोनों घर में सो रहे थे, तो सोहेल को सोनल के रोने की आवाज़ आने लगी. सोहेल ने देखा कि वो कान के नीचे फोन दबाकर किसी से बात कर रही थी. सोहेल ने पूछा कि रो क्यों रही हो? क्या हुआ है? इस दौरान सोहेल ने सोनल के कान के नीचे से फोन निकाल लिया, जिस पर कॉल चल रही थी. मगर सोनल ने ध्यान नहीं दिया कि कॉल कनेक्ट है. सोनल ने सोहेल से कहा कि उसे घरवालों की याद आ रही है. सोहेल को समझ नहीं आया कि अचानक रात में 11 बजे वो भी इतने साल बाद सोनल को घरवाले कैसे याद आ गए? क्योंकि वो अक्सर घर में अपनी बहन और पिता से बात कर लिया करती थी.

तभी सोहेल की नजर सोनल के मोबाइल की स्क्रीन पर पड़ी, जो उसके हाथ में था. उसमें GTS नाम से ग्रुप कॉल चल रही थी. सोहेल ने देखा कि उस ग्रुप कॉल में सोनल के अलावा दो और लोग लाइन पर थे, एक ट्विंकल और दूसरा ज्ञान. जब सोहेल ने इनके बारे में पूछा तो सोनल ने कहा कि ट्विंकल उसकी बहन बनी है और ज्ञान उसके सर हैं. असल में ज्ञान नाम का वो शख्स उस अस्पताल का एडमिनिस्ट्रेटर था, जहां सोनल काम कर रही थी. सोहेल तब माजरा समझ नहीं पाए. उन्होंने सोनल से कहा कि अभी आराम करो, सुबह इस बारे में बात करेंगे.

'सना खान हम तुम्हें छोड़ सकते हैं ज्ञान को नहीं'

सोहेल उर्फ सना के मुताबिक, सुबह उन्होंने सोनल को समझाया और उसी दिन से रोक टोक शुरू कर दी. जब वो सोनल को फोन करते थे, उसका फोन बिजी जाने लगा. गृहस्थ जीवन था. बहुत सारे काम होते थे. लेकिन वो शिफ्ट से पहले ही चली जाती थी. फिर 25 मई 2022 को सोहेल ने सोनल से कहा कि वो उस अस्पताल से नौकरी छोड़ दे. कहीं और नौकरी लगवा देंगे. झांसी में कई अस्पताल थे. मगर सोनल का कहना था कि सना खान हम तुम्हें छोड़ सकते हैं लेकिन वो हॉस्पिटल नहीं छोड़ेंगे. उसने सोहेल के मुंह पर कहा कि वो जॉब नहीं छोड़ेगी. ज्ञान को नहीं छोड़ेगी. ये सुनकर सोहेल को गहरा धक्का लगा. सोहेल ने कहा कि क्या बोल रही हो, किसके बहकावे में बोल रही हो. इस पर सोनल ने जवाब दिया कि तुम मेरा शोषण करते हो. मुझे जाने नहीं देते हो. मुझ पर पाबंदी लगाते हो. मुझे उस हॉस्पिटल में ही रहना है. सोहेल ने कहा कि हमारा खुद का घर है, तो तुम्हें हॉस्पिटल में क्यों रहने दें? ये कहासुनी हुई उस दिन.

सोनल ने कहा- सर्जरी से मेरा कोई लेना देना नहीं

फिर दो दिन बाद यानी 27 मई 2022 सोनल ने सोहेल से फाइनली ये कह दिया कि हम घर छोड़ देंगे, लेकिन ज्ञान को नहीं छोड़ेंगे. सोहेल के मुताबिक, सोनल की इस बात ने उनको बेहद तकलीफ और चितन में डाल दिया. उन्होंने अपने रिश्ते और गृहस्थी को बचाने की पूरी कोशिश की. सोहेल उर्फ सना ने सोनल से कहा कि ये सर्जरी तुम्हारे लिए कराई है, मगर सोनल ने रूखा सा जवाब देते हुए कहा कि इस सर्जरी से मेरा क्या लेना देना?

सोहेल को सदमा लगा था. वो जबरन तो सोनल को रोक नहीं सकते थे और वहां तमाशा भी नहीं करना चाहते थे. लिहाजा, उन्होंने सोनल से कहा कि ठीक है, तुम जाना चाहती हो, लिखकर जाओ कि तुम मुझे छोड़कर जा रही हो. सोनल ने एक नोट लिखा कि वो सोहेल उर्फ सना को छोड़कर जा रही है और अपना सारा सामान भी छोड़कर जा रही है. इसके बाद सोनल वहां से चली गई. 

28 मई 2022 की सुबह छोड़ा था सना का घर 

जब सोनल घर से चली गई तो सोहेल उसी दिन दोपहर को यथार्त अस्पताल जा पहुंचे और वहां जाकर सोनल को समझाया कि घर लौट चलो, ऐसा करने से कोई फायदा नहीं. सोनल ने वहां सोहेल से कुछ नहीं कहा और उनके संग घर लौट आई. रात में दोनों ने खाना खाया. इस दौरान सोहेल ने सोनल को फिर से समझाने की कोशिश की. और यहां तक कह दिया कि ठीक है उसी अस्पताल में नौकरी कर लो, मगर टाइम से घर आओ. मगर सोनल के दिमाग में कुछ ओर ही चल रहा था. उसने सोहेल की बातों का कोई जवाब नहीं दिया. 28 मई की सुबह वो 5 बजे उठी, अपना एक छोटा सा बैग पैक किया. सोहेल ने जब पूछा कि बैग क्यों लिया, तो सोनल ने कहा कि मैं शाम 5 बजे तक आ जाऊंगी, तुम परेशान न हो. सोहेल ने भरोसा कर लिया और जाकर उसे इलेक्ट्रिक बस में बैठाया और वो चली गई.

सोनल की बहन बोली- 'अब आपसे कोई लेना देना नहीं'

इसके बाद शाम को सोहेल उर्फ सना उसका इंतजार करते रहे, लेकिन वो नहीं लौटी. सोहेल उर्फ सना ने उसके मोबाइल पर कई बार कॉल किया, लेकिन सोनल का फोन बंद आ रहा था. इसके बाद परेशान होकर सोहेल ने सोनल की बड़ी बहन सोनम को कॉल किया. सोहेल ने सोनम से कहा कि दीदी सोनल अभी तक घर नहीं आई है. क्या वो आपके घर पहुंच गई है? उधर से सोनम ने सख्त लहजे में कहा कि जी हां सना, सोनल हमारे घर आ गई है. अब आपसे कोई लेना देना नहीं है. अब आप कॉल मत करिएगा. इतना कहकर उन्होंने फोन काट दिया. सोहेल फिर भी प्रयास करते रहे लेकिन फोन नहीं लगा.

आप से सीधे तू पर आ गई थी सोनल

इसके बाद सोहेल ने ज्ञान को भी फोन किया. उसे कहा कि उसने उनका घर बर्बाद कर दिया. अगर इंसानियत है तो सोनल से कहो कि वो मुझसे बात कर ले. क्योंकि अब वो आपकी ही बात मानती है. इस बात का असर ये हुआ कि कुछ देर बाद ही सोहेल के पास सोनल का फोन आ गया. उसने कहा कि मेरे सर को फोन करके परेशान ना करो. मुझे वापस नहीं आना है. फिर कहा कि तू कहीं का नहीं रहेगा. वो आप से सीधे तू पर आ गई.

सोहेल के खिलाफ की थी शिकायत

इसके बाद 30 मई 2022 को सोनल और उसके परिवार ने सोहेल उर्फ सना के खिलाफ एक शिकायत दर्ज कराने की कोशिश भी की. सोहेल पर रेप, अपहरण और शोषण के आरोप लगाए. पुलिस ने सोहेल उर्फ सना खान को तलब किया. एसएसपी के सामने जब सना की पेशी हुई तो सबूतों के साथ सना उर्फ सोहेल ने अपना दर्द बयां किया. जिसे सुनकर और सारे सबूतों को देखकर पुलिस ने माना कि सोनल की शिकायत झूठी थी. सना को बाइज्जत से वहां से भेज दिया गया. सोनल बाद में सना उर्फ सोहेल के घर से अपने सामान के साथ-साथ वो गहने भी ले गई, जो सोहेल ने उसके लिए बनवाए थे.

सोहेल ने खटखटाया अदालत का दरवाजा

मगर ये सारा वाकया सोहेल उर्फ सना के दिलों दिमाग पर चोट कर गया. उसके अभिमान को भी ठेस पहुंची. लिहाजा, उसने इस मामले को कानून के दर पर ले जाने का फैसला किया. और अधिवक्ता भागवत शरण तिवारी के जरिए अदालत का दरवाजा खटखटाया. अब यह मामला अदालत में है. इससे पहले सना खान ने हमें बताया कि सोनल मनाली घूमना चाहती थी, इसलिए वो दोनों वहां घूमने गए थे. वो जहां कहती थी, वो वहीं जाते थे. सोहेल ने अपनी हैसियत के मुताबिक उसकी हर ख्वाहिश को पूरा करने की कोशिश की. लेकिन उसे वफा रास नहीं आई.

पहले सोनल की गिरफ्तारी, फिर जमानत

पीड़िता सना खान के वकील भागवत शरण तिवारी का कहना है कि दोनों पहले लड़कियां कई साल से रिलेशनशिप में रहीं और सना खान ने अपने प्यार के लिए दिल्ली में अपनी सर्जरी करा ली और मगर जिसके लिए सोहेल ने सब किया, वही उससे शादी नहीं करना चाहती है. उसकी जिंदगी में कोई ओर आ गया है. जे.एम. 2 कोर्ट ने इस मामले में सोनल को समन जारी किया. घरवालों ने समन लेने से इनकार कर दिया और वो अदालत नहीं पहुंची. फिर अदालत ने सोनल के लिए जमानती वारंट जारी किया. वो तब भी नहीं आई. फिर अदालत ने सोनल के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया. पुलिस ने दबिश दी और 18 जनवरी को सोनल पुलिस के हत्थे चढ़ गई. शाम को उसे कोर्ट ले जाया गया. मगर उसका मेडिकल नहीं हो पाया था, लिहाजा रातभर वो पुलिस कस्टडी में थाने में रही, अगले दिन सुबह यानी 19 जनवरी उसका मेडिकल कराया गया. उनके वकील ने जमानत के लिए याचिका लगाई. शाम को अदालत ने उसकी जमानत मंजूर कर ली. अब इस मामले की अगली सुनवाई 23 फरवरी को होनी है.

(ये पूरी कहानी पीड़िता सना खान उर्फ सोहेल खान से की गई बातचीत पर आधारित है)

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