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एक साल, 2 अधजली लाशें, रहस्यमयी हालात... डबल डेथ की इस पहेली में उलझी है कानपुर पुलिस

जली हुई लाश जिस तरह एक खुली जगह पर पड़ी थी और लाश के ऊपर पूरी सफाई से एक बैग रखा हुआ था, उसे देख कर ये साफ था कि ये मामला कम से कम खुदकुशी का तो नहीं है. यानी मामला कत्ल का था. लेकिन कई और ऐसी बातें थीं, जो पुलिस को उलझा रही थी.

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अमित की लाश सुनसान जगह पर अधजली हालात में बरामद हुई
अमित की लाश सुनसान जगह पर अधजली हालात में बरामद हुई

यूपी के कानपुर में सालभर पहले रेलवे लाइन के किनारे एक लड़की की लाश रहस्यमई हालात में बरामद हुई थी. जिसके जिस्म का निचला हिस्सा बुरी तरह से जला हुआ था. लेकिन उस मामले को सबूतों की कमी के चलते आत्महत्या मान लिया गया था. हालांकि मामला अदालत में लंबित है. ठीक उसी तरह से शहर के एक सुनसान इलाके में एक युवक की लाश मिली. युवक के शरीर का निचला हिस्सा जला हुआ था. इन दोनों ही मामलों में भले ही सालभर का फासला है, लेकिन इन लाशों की पहेली ने कानपुर पुलिस को उलझा कर रख दिया है.

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रविवार 18 अगस्त 2022, सुबह 9 बजे
कानपुर के नौबस्ता इलाके में रविवार की सुबह-सुबह लोगों की नजर एक दहलाने वाली चीज पर पड़ी. ये चीज क्या थी? एक नौजवान की बुरी तरह जली हुई लाश थी और लाश के ऊपर एक बैग भी रखा था. आनन-फानन में पुलिस को खबर दी गई. मौका-ए-वारदात पर पहुंची पुलिस ने फौरन मामले की जांच शुरू की. ये जली हुई लाश जिस तरह एक खुली जगह पर पड़ी थी और लाश के ऊपर पूरी सफाई से एक बैग रखा हुआ था, उसे देख कर ये साफ था कि ये मामला कम से कम खुदकुशी का तो नहीं है. 

निर्मम हत्या की आशंका
यानी मामला कत्ल का था. लेकिन कई और ऐसी बातें थीं, जो पुलिस को उलझा रही थी. इनमें एक तो थी मौका-ए-वारदात पर पड़ा एक सुसाइड नोट जिसमें लिखा था "मैं आत्महत्या करने जा रहा हूं और इसके जिम्मेदार ज्योति के घरवाले हैं." जबकि दूसरी थी, लाश की हालत. असल में लाश की हालत सुसाइड नहीं बल्कि कत्ल की तरफ इशारा कर रही थी. क्योंकि लाश की कमर से नीचे का हिस्सा बुरी तरह से जला हुआ था, जबकि जिस्म के ऊपर के हिस्से पर जलने के निशान कम थे, जबकि अगर कोई खुदकुशी करता है, तो आम तौर पर कोई भी तेल या ज्वलनशील पदार्थ वो अपने सिर या जिस्म के ऊपरी हिस्से पर ही डालता है, जिससे आग ऊपर लगती है और जिस्म के ऊपर का हिस्सा ज्यादा जलता है. 

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मरने वाले पर था कत्ल का इल्जाम
ऐसे में पुलिस के लिए इस नौजवान के कातिलों तक पहुंचने की बड़ी चुनौती थी. पुलिस ने लाश को पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवाने से पहले उसके ऊपर रखे बैग की तलाशी ली. लेकिन बैग में रखे पेपर्स से जैसे ही मरनेवाले लड़के की पहचान साफ हुई, एक बारगी पुलिस का भी दिमाग घूम गया. क्योंकि ये लाश अमित नाम के एक ऐसे लड़के की थी, जो महीने भर पहले ही जेल से छूट कर बाहर आया था. अमित जिस इल्जाम में करीब साल भर पहले गिरफ्तार हुआ था, वो इल्जाम भी एक लड़की के क़त्ल का था, जिसे ठीक उसी तरह से जला कर मारा गया था, जैसे अमित की जान ली गई थी.

बदला लेने के लिए कत्ल?
यानी अमित एक लड़की के संदिग्ध कत्ल का मुल्ज़िम था और अब एक साल बाद अमित को भी ठीक वैसी ही मौत मिली थी, जैसी मौत लड़की की मौत हुई थी. और इस बात ने पुलिस को ये सोचने पर मजबूर कर दिया कि कहीं अमित का कत्ल उसी लड़की के कत्ल का बदला लेने के लिए तो नहीं किया गया? यकीनन मामला बेहद पेचीदा था और इस साजिश की तह तक पहुंचने के लिए एक-एक बात की पड़ताल बेहद जरूरी थी.

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साढ़े पांच बजे मां से हुई थी बात
असल में जेल से निकलने के बाद अमित ने पानी साफ करनेवाली आर-ओ मशीन का काम शुरू किया था और अपनी मौत से एक रोज़ पहले यानी शनिवार की शाम को शहर के नौबस्ता इलाके में किसी के घर का आर-ओ ठीक करने के लिए बाहर निकला था. शाम करीब साढे पांच बजे उसकी फोन पर अपनी मां से बात भी हुई थी, तब उसने आधे घंटे में घर लौटने की बात कही थी, लेकिन इसके बाद ना तो वो घर लौटा और ना ही फोन पर उसकी किसी और से बात हो सकी. 

अमित की लाश बरामद
इसके बाद रात साढे दस बजते-बजते उसका मोबाइल फोन भी रहस्यमयी तरीके से स्विच्ड ऑफ हो गया. अमित के घरवालों ने शनिवार को ही इस बारे में पुलिस से शिकायत की थी. पुलिस ने इस मामले में गुमशुदगी का केस दर्ज कर लिया था. लेकिन अगले रोज दिन चढ़ते-चढ़ते अमित की लाश ही मिल गई. एडीसीपी अंकिता शर्मा ने बताया कि अमित की गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखी गई थी. अब लाश मिली है. हम जांच कर रहे हैं.

26 अक्टूबर 2021, भाभा नगर रेलवे ट्रैक, कानपुर
अब इससे पहले कि अमित के कत्ल के बारे में और बात करें, आइए पहले साल भर पहले हुए उस लड़की के कत्ल की वो कहानी समझ लेते हैं, जिसमें अमित का नाम मुल्ज़िम के तौर पर सामने आया था. असल में अमित उन दिनों किसी कंपनी में प्राइवेट जॉब करता था. अमित के साथ ज्योति नाम की एक लड़की भी काम करती थी. रोज की तरह अपना काम काज निपटाने के बाद 25 अक्टूबर की शाम को ज्योति दफ्तर से घर के लिए निकली थी. लेकिन वो घर नहीं पहुंची.

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27 अक्टूबर 2021
अगले दिन सुबह भाभा नगर में रेलवे टैक के पास उसकी अधजली लाश बरामद हुई. ज्योति के घरवालों ने इस सिलसिले में अमित और उसकी गर्लफेंड विमल के खिलाफ कत्ल का केस दर्ज किया था और तब मामले की जांच कर रही पुलिस ने अमित और विमल दोनों को गिरफ्तार कर जेल भी भेज दिया. यानी ये मामला लव ट्रायंगल यानी प्रेम त्रिकोण का था. जिसमें अमित और विमल पर ज्योति के कत्ल का इल्जाम था.

ज्योति की मौत को पुलिस ने बताया खुदकुशी
इस केस में तब एक बडा ट्विस्ट आ गया, जब पुलिस ने तफ्तीश के बाद ज्योति की मौत के मामले को कत्ल से खुदकुशी के केस में तब्दील कर दिया. पुलिस का कहना था कि उसे ज्योति के कत्ल के कोई सबूत ही नहीं मिले. ऊपर से ज्योति ने अपनी मां के मोबाइल फोन से अपने कलीग और दोस्त अमित को जो आखिरी व्हाट्स-एप मैसेज भेजा था, वो उसके सुसाइड करने की तरफ इशारा कर रहा था. 

"तुमने मेरे साथ ग़लत किया"
ज्योति ने लिखा था "मैं तो ये दुनिया और सबकुछ छोड़कर जा रही हूं. अगर तुममें इतनी हिम्मत हो तो दुनिया को सच बताना कि मेरे होते हुए भी तुमने दूसरी लड़की के लिए नीयत बिगाड़ी थी. हवस तुम्हारे मन में आई थी. तुमने मेरे साथ ग़लत किया."

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ज्योति जैसे हाल में मिली अमित की लाश
बाद में पुलिस ने इस सिलसिले में अमित और उसकी गर्लफेंड विमल के खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल कर दी और आगे चल कर ज्योति को खुदकुशी के लिए उकसाने के मामले में अमित और विमल दोनों को ही ज़मानत भी मिल गई. लेकिन अभी अमित को जमानत पर बाहर निकले महीने भर का वक्त ही गुजरा था कि अब अमित की लाश भी ठीक उसी हालत में मिली, जिस हालत में ज्योति की लाश मिली थी. 

कत्ल के बाद एक जैसे हालात
ज्योति और अमित की मौत के मामले में सिर्फ यही एक इत्तेफाक नहीं था कि दोनों की लाश सुनसान जगह पर जली हुई हालत में मिली. बल्कि और भी कई ऐसी बातें थीं, जो मामले को उलझा रही थीं. मसलन- 

1. साल भर पहले अपनी मौत से पहले ज्योति भी शाम को पांच बजे ही गायब हुई थी. और मौत से पहले अमित को भी आखिरी बार शाम साढे पांच बजे ही अपने घरवालों से बात हुई थी.
2. ज्योति की अधजली लाश सुनसान जगह पर रेलवे लाइन के किनारे पड़ी थी. अमित की अधजली लाश भी सुनसान जगह पर पड़ी हुई मिली.
3. दोनों की लाश को देख कर लग रहा था कि दोनों को कहीं और जलाया गया और लाश दूसरी जगह पर ले जाकर फेंक दी गई.
4. दोनों ही लाशों में कमर से नीचे का हिस्सा ज़्यादा बुरी तरह जला हुआ था, जबकि ज्योति और अमित के जिस्म के ऊपरी हिस्से ज्यादा नहीं जले थे.
5. कत्ल से पहले शाम को ही ज्योति का मोबाइल फोन स्विच्ड ऑफ हो गया था. अब अमित के कत्ल से पहले पिछली रात को ही उसका भी फोन बंद हो गया था.

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ज्योति के घरवालों पर अमित के कत्ल का शक
अब ऐसे में अमित के कत्ल का पहला शक ज्योति के घरवालों की तरफ जाना लाज़िमी था और शक गया भी. अमित के घरवालों ने बाकायदा मोर्चा निकाल कर अपने बेटे के कत्ल के मामले में ज्योति के घरवालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की और उनके खिलाफ कत्ल की रिपोर्ट भी लिखवा दी. असल में अपनी मौत से एक दिन पहले शनिवार को अमित की कोर्ट में तारीख भी थी. जिसमें अमित भी हाज़िरी देने पहुंचा था. लेकिन इत्तेफाक से इस तारीख पर ज्योति के घर से कोई भी कोर्ट में नहीं पहुंचा था. अब अमित के घरवाले ज्योति के घरवालों की कोर्ट में तारीख पर इस गैरहाजिरी को भी अपने बेटे के कत्ल की साजिश के तौर पर देख रहे हैं. उन्हें लग रहा है कि कोर्ट में सुनवाई की जगह ज्योति के घरवालों ने अमित से बदला लेने के लिए खुद अपने हाथों से उसका कत्ल कर दिया.

ज्योति के घरवालों ने दिया ऐसा जवाब
जब ज्योति के घरवालों से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने टका सा जवाब दे दिया. उन्होंने कहा कि उन्होंने तो अपनी बेटी की मौत को उसकी नियती मान लिया था. और वो ये मान कर चल रहे थे कि उनकी बेटी के साथ जिसने भी गलत किया, उसे कानून अपने मुताबिक सजा देगा. इसलिए उन्हें किसी का कत्ल करने की भला क्या जरूरत है? ज्योति के घरवालों ने इस मामले की सच्चाई जानने के लिए हर तक की जांच कर लेने की भी चुनौती दे डाली.

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दोनों मामलों की जांच करेगी एसआईटी
यकीनन दोनों ही मौतों का ये मामला बेहद पेचीदा है. जिसका सच सामने आना अभी बाकी है. और ऐसे में अब कानपुर पुलिस ने इन मौतों का राज़ जानने के लिए एक बड़ा फैसला किया है. पुलिस ने दोनों मामलों की जांच के लिए एक एसआईटी बना दी है, जो अमित की मौत के साथ-साथ साल भर पहले हुए ज्योति की मौत के मामले की भी नए सिरे से जांच करेगी. तब जाकर इस मामले का सच शायद सामने आ पाएगा.

 

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