Meerut Saurabh Kumar Murder Case: यूपी के मेरठ में अंजाम दिए गए सौरभ कुमार मर्डर केस की चर्चा पूरे देश में हो रही है. पहले इस कत्ल के पीछे पति, पत्नी और वो कहानी सामने आई. फिर कातिल पत्नी मुस्कान की करतूत बेनकाब हुई और अब मुस्कान के प्रेमी साहिल शुक्ला के बारे में एक बाद एक कई खुलासे हो रहे हैं, जो बेहद हैरान करने वाले हैं. साहिल का अपनी 'मुर्दा' मां से बातें करना और सौरभ की हत्या के बाद उसकी हथेलियों और सिर को काटकर साथ ले जाना इस मामले को और पेचीदा बना देता है. दरअसल, साहिल अपनी माशूका मुस्कान को शिद्दत से चाहता था. मगर उन दोनों के रिश्ते में एक ही कांटा था. और वो था सौरभ कुमार.
पहली मुलाकात, दोस्ती और शादी
ये कहानी है तीन लोगों की हैं. 29 साल के सौरभ कुमार, 26 साल की मुस्कान रस्तौगी और 28 साल के साहिल शुक्ला की. साल 2016 में सौरभ की मुलाकात मेरठ में मुस्कान से हुई थी. मुलाकात दोस्ती में बदल गई और फिर दोस्ती प्यार में. सौरभ ने मुस्कान को बताया था कि वो मर्चेंट नेवी में काम करता है और लंदन में पोस्टेड है. मुस्कान शादी के लिए तैयार थी. लेकिन सौरभ के घर वाले मुस्कान से उसकी शादी के लिए तैयार नहीं थे. लिहाजा, सौरभ ने घर वालों की मर्जी के खिलाफ जाकर मुस्कान से शादी कर ली. शादी के बाद वो छह महीने के लिए लंदन चला गया. बाद में पता चला कि सौरभ मर्चेंट नेवी में नहीं, बल्कि लंदन की किसी बेकरी में काम करता है. उसकी माली हालत भी ज्यादा अच्छी नहीं थी.
मुस्कान और साहिल की नजदीकियां
इधर, सौरभ और मुस्कान को तब तक एक बेटी हो चुकी थी. बेटी होने के बाद अब सौरभ के घर वाले भी उसके करीब आने लगे थे. मगर तभी कहानी में एक नया ट्विस्ट आ जाता है. सौरभ ज्यादातर लंदन में रहता था और मुस्कान अकेली अपनी बेटी के साथ किराए के मकान में. इसी दौरान मुस्कान की मुलाकात उसी मोहल्ले में रहने वाले साहिल शुक्ला से होती है, जो स्कूल के दिनों से मुस्कान को जानता था. देखते ही देखते दोनों बेहद करीब आ गए अब साहिल अकसर मुस्कान के घर आने-जाने लगा. यहां तक कि दोनों घर में शराब भी पीते थे और नशा भी करते थे. इत्तेफाक से मकान मालिक उन दोनों के रिश्ते को भांप गया.
दो साल बाद घर आया था सौरभ
साल 2021 में जब सौरभ लंदन से मेरठ आया, तब मकान मालिक उसे मुस्कान और साहिल का सच बताया. इस बीच दोनों के कुछ चैट पर भी सौरभ की नजर पड़ी. फिर सौरभ और मुस्कान में झगड़ा हो गया. बात तलाक तक पहुंची. सौरभ मुस्कान को अब तलाक देना चाहता था. इन्ही झगड़ों के बीच 2023 में सौरभ फिर से लंदन चला गया. अब मुस्कान और साहिल आजाद थे. फिर पूरे दो साल बाद फरवरी 2025 में ये आजादी खत्म होने वाली थी. क्योंकि सौरभ 24 फरवरी को लंदन से दो साल बाद मेरठ अपने घर लौट रहा था.
मुस्कान के बर्थडे पर कत्ल का प्लान
25 फरवरी को मुस्कान का बर्थडे था. वो उसका बर्थडे मनाने के लिए आ रहा था. लेकिन इधर मुस्कान कुछ और ही प्लान कर के बैठी थी. उसका इरादा ठीक बर्थडे वाले दिन यानी 25 फरवरी को ही सौरभ को मार डालने का था. मगर ऐसा हो ना सका. 25 फरवरी वाली प्लानिंग फेल हो गई और सौरभ बच गया. मगर मुस्कान और साहिल अगली प्लानिंग में जुट गए थे. मुस्कान की बेटी का एग्जाम चल रहा था. तीन मार्च को एग्जाम खत्म होते ही मुस्कान ने अपनी बेटी को अपनी मां के घर भेज दिया. और तीन मार्च का दिन सौरभ के कत्ल के लिए चुना.
पहले मुस्कान, फिर साहिल ने किए चाकू से वार
उस दिन रात को जैसे ही सौरभ अपने कमरे में सोने गया, मुस्कान ने साहिल को बुला लिया. इसके बाद पहले मुस्कान ने सौरभ के सीने पर तेजधार खंजर से वार किया. क्योंकि साहिल चाहता था कि सौरभ के सीने पर पहला वार उसकी पत्नी मुस्कान ही करे. फिर साहिल चाकू लेकर सौरभ पर टूट पड़ा. सौरभ पूरी ताकत से लड़ने की कोशिश कर रहा था, लेकिन वो हार गया. मुस्कान उसकी मौत का तमाशा देखती रही. कुछ ही मिनटों में सौरभ की सांसें थम चुकी थी.
ड्रम में डाली सौरभ की लाश
कत्ल के बाद अब लाश ठिकाने लगाने की बारी थी. तो उसकी प्लानिंग भी पहले से हो चुकी थी. इसके बाद साहिल और मुस्कान ने मिलकर एक प्लास्टिक का बड़ा ड्रम खरीदा. फिर उन दोनों ने बाथरूम में सौरभ की लाश के टुकड़े किए. उन्हें एक बोरे में भरा और उस बोरे को बड़े ड्रम में डाल दिया. फिर उस ड्रम को सीमेंट का घोल डालकर भर दिया. यानी वो ड्रम सौरभ की ठोस कब्र बन चुका था.
लाश को ठिकाने लगाने के बाद घूमने गए थे दोनों कातिल
इसके बाद वो दोनों साहिल के घर जाकर आराम से सो गए. फिर चार मार्च की सुबह हुई. लाश वाला ड्रम कमरे में रखकर अब मुस्कान साहिल के साथ हिमाचल की वादियों में घूमने जा रही थी. चार मार्च की शाम को ही दोनों एक कैब बुक करते हैं और शिमला, मनाली और कसौल घूमने निकल जाते हैं. उस वक्त मुस्कान अपने साथ कुल 84 हजार रुपए लेकर निकली थी. 14 दिन बाद जब पैसे खत्म हो गए तो दोनों ने वापस मेरठ आने का फैसला किया.
कत्ल की दूसरी कहानी
हालांकि एक दूसरी कहानी ये भी है कि पैसा खत्म होने के बाद मुस्कान सौरभ के अकाउंट से पैसे निकालना चाहती थी. पैसे निकले नहीं तो उसने अपनी मां को फोन किया. मां ने कहा जब सौरभ तुम्हारे साथ ही घूमने गया है तो पैसे कि क्या जरूरत? इस पर मुस्कान अपनी मां को बताती है कि उसने सौरभ को मार डाला है. तब उसकी मां पहली बार पुलिस को ये सच्चाई बताती है. इसी के बाद 18 मार्च को पुलिस मुस्कान के इस घर में पहुंचती है और फिर नीले रंग के इस ड्रम से सौरभ की सच्चाई बाहर आती है.
कत्ल की सनसनीखेज प्लानिंग
ये तो थी कत्ल की कहानी. पर कत्ल की इस कहानी से कहीं ज्यादा सनसनीखेज है कत्ल की प्लानिंग और मुस्कान-साहिल के इश्क की दास्तान. तो पहले इश्क की कहानी. मुस्कान की बेटी प्ले स्कूल में पढ़ती थी. बेटी को स्कूल लाने ले जाने के दौरान ही मुस्कान की मुलाकात साहिल से हुई थी. सौरभ चूंकि ज्यादातर बाहर रहता था और मुस्कान अकेली तो जल्दी ही दोस्ती प्यार में बदल गई. घर में कोई था नहीं तो दोनों जब-तब घर में ही मिल लेते थे.
अंधविश्वासी है साहिल शुक्ला
साहिल शुक्ला अंधविश्वासी था. उसकी मां नहीं थी. मगर उसने अपनी मां के नाम पर स्नैप चैट पर एक अकाउंट खोल रखा था. उसे लगता था कि उसकी मुर्दा मां उससे बात करती है. ये बात मुस्कान को भी पता थी. मुस्कान ने अपने भाई के मोबाइल नंबर पर एक अकाउंट खोला. उसी नंबर के जरिए वो साहिल को उसकी मां बन कर मैसेज करती थी कि मुस्कान अच्छी लड़की है तू उसके साथ खुश रहेगा. इस वजह से साहिल मुस्कान से और ज्यादा प्यार करने लगा था. शायद मां वाली बात और अंधविश्वास का ही असर था कि अब वो मुस्कान से शादी करना चाहता था. और इसके लिए वो सौरभ को रास्ते से हटाना चाहता था.
पिछले साल नवंबर में किया था सौरभ के मर्डर का इरादा
इतना ही नहीं इसी अंधविश्वास के चक्कर में वो मुस्कान को ये भी कहता था कि सौरभ का वध वही करेगी. मुस्कान भी अब सौरभ से पीछा छुड़ाना चाहती थी. इसी के बाद दोनों ने पिछले साल नवंबर में ही तय कर लिया था कि इस बार सौरभ के मेरठ आते ही उसे मार डालेंगे. और नवंबर से ही कत्ल की प्लानिंग शुरू हो गई थी. सबसे पहले दोनों ने इस बात की प्लानिंग की कि कत्ल के बाद लाश का क्या करेंगे. आखिर में तय किया कि लाश को जमीन में गाड़ देंगे. पर कैसे ये उन्हें नहीं पता था. इसके लिए अब दोस्तों से पूछथाछ करने लगे थे. मगर दूसरी तरह से.
साहिल ने दिया था ड्रम में लाश छुपाने का आइडिया
जब लाश दफनाने वाला आइडिया काम नहीं आया, तब उन्होंने दो और आइडियाज़ पर काम किया. पहला लाश के टुकड़े कर बैग में रख कर कहं फेंक आएंगे या फिर उसे ड्रम में डाल कर सीमेंट के घोल से उसे बंद कर देंगे. ड्रम वाला आइडिया साहिल का था. 25 फरवरी को मुस्कान का जन्म दिन आता है. लिहाजा, सौरभ ने 24 फरवरी को लंदन से मेरठ लौटने का प्लान बनाया. ये बात मुस्कान ने साहिल को बताई. इसी के बाद तय हुआ कि ठीक बर्थडे वाले दिन ही सौरभ का कत्ल होगा. प्लानिंग ये थी कि शऱाब में बेहोशी की दवा मिला कर उसे पिला देंगे फिर मार डालेंगे. मगर उस रात सौरभ ने शराब पी ही नहीं.
मुर्गा काटने के नाम पर खरीदे थे दो बड़े चाकू
25 फरवरी वाला आइडिया यानी पहली कोशिश नाकाम रही. अब मौत की दूसरी तारीख 3 मार्च तय की गई. क्योंकि उस दिन मुस्कान और सौरभ की बेटी का एग्जाम खत्म होना था और फिर बेटी को मुस्कान को अपनी मां के घर भेजना था. प्लान के तहत मुस्कान पहले से ही दुकान से आठ सौ रुपए में दो चाकू खऱीद कर लाई थी. दुकानदार को शक ना हो इसलिए कहा कि मुर्गा काटने के लिए चाकू चाहिए. फिर 3 मार्च की रात आई. इस बार शराब की जगह मुस्कान ने सौरभ का पसंदीदा खाना कोफ्ता बनाया और उसी में बेहोशी की दवा मिला दी.
सिर और हथेलियां काटकर साथ ले गया था साहिल
जब सौरभ बेहोश हो गया. तब देर रात मुस्कान ने साहिल को घर बुलाया और फिर सौरभ के सीने पर पहला वार मुस्कान ने ही किया. क्योंकि सौरभ अंधविश्वासी था और चाहता था कि सौरभ का वध मुस्कान करे. ये साहिल का अंधविश्वास ही था कि उसने कत्ल के बाद सौरभ की दोनों हथेलिय़ां काटी थीं और फिर उसका सिर और हथेलियां अपने साथ बैग में रख कर घर ले गया था. दोनों ने ये भी पहले से तय कर लिया था कि कत्ल के बाद वो शिमला चले जाएंगे और सबको यही लगेगा मुस्कान और सौरभ साथ घूमने गए हैं.
बदल सकती थी खूनी कहानी
कत्ल के बाद सौरभ का फोन भी मुस्कान के पास था. वो सौरभ के फोन से ही उसके भाई बहन को मैसेज करती या मैसेज का रिप्लाई देती. ताकि सभी को यह लगे कि मैसेज सौरभ भेज रहा है. पर किस्मत का खेल कहिए या फऱेब, बकौल मेरठ पुलिस मुस्कान सौरभ का कत्ल तो करना चाहती थी. पर वो साहिल से शादी नहीं करना चाहती थी. और साहिल ये सब कुछ सिर्फ मुस्कान से शादी करने के लिए कर रहा था. यानी कहानी का क्लाइमेक्स शायद कुछ और भी हो सकता था.