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इन 2 गैंगस्टर पर है ढाई-ढाई लाख का इनाम, एक को अमीरी का शौक तो दूसरा शार्पशूटर

बदन सिंह बद्दो और कुख्यात आशुतोष, दोनों ही यूपी पुलिस के मोस्ट वॉन्टेड अपराधी हैं. आखिर कौन हैं ये दोनों शातिर बदमाश? इन पर पुलिस ने क्यों रखा है इतना बड़ा इनाम? यही आपको बताने जा रहे हैं.

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बदन सिंह पिछले साल मेरठ में पुलिस अभिरक्षा के दौरान भाग निकला था (फोटो- फेसबुक)
बदन सिंह पिछले साल मेरठ में पुलिस अभिरक्षा के दौरान भाग निकला था (फोटो- फेसबुक)

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कानपुर में यूपी एसटीएफ के हाथों मारा गया मोस्ट वॉन्टेड विकास दुबे पांच लाख का इनामी बदमाश था. लेकिन उसके जैसे उत्तर प्रदेश के दो कुख्यात बदमाशों पर पुलिस ने पहले से ही ढाई-ढाई लाख का इनाम घोषित कर रखा है. इनमें से एक है बदन सिंह बद्दो और दूसरा है कुख्यात हत्यारोपी आशुतोष. ये दोनों ही यूपी पुलिस के मोस्ट वॉन्टेड अपराधी हैं. आखिर कौन हैं दोनों शातिर बदमाश? इन पर पुलिस ने क्यों रखा है इतना बड़ा इनाम? यही हम आपको बताने जा रहे हैं.

कौन है गैंगस्टर बदन सिंह 'बद्दो'

1970 के दशक में बदन सिंह बद्दो के पिता चरण सिंह जालंधर छोड़कर यूपी के मेरठ में रहने आ गए थे. परिवार का जीवनयापन के लिए उन्होंने ट्रक ड्राइवर के तौर पर काम शुरू करना शुरू किया. धीरे धीरे वो खुद एक ट्रांसपोर्टर बन गए. 7 भाइयों में सबसे छोटे बदन सिंह बद्दो ने भी ट्रांसपोर्ट के कारोबार में कदम रखा. इसी दौरान उसके संबंध इलाके के बदमाशों से हो गए. ट्रांसपोर्ट नगर थाना क्षेत्र में उसने आलीशान घर बनाया. इसी दौरान उसने शराब के कारोबार में हाथ आजमाया. माना जाता है कि 1988 में उसने जरायम की दुनिया में आमद की. इसके बाद उसने पलटकर नहीं देखा. कारोबार और जुर्म दोनों ही जगह उसने अपनी पहचान बना ली.

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उसने साल 1996 में एक वकील की हत्या को अंजाम दिया. साल 2011 में उसने मेरठ जिला पंचायत के सदस्य संजय गुर्जर का मर्डर किया. ये तो बस शुरुआत थी. इसके बाद साल 2012 में उसने एक केबल नेटवर्क के संचालक पवित्र मैत्रे को मौत के घाट उतार दिया. उसके खिलाफ यूपी के बाहर भी लूट और डकैती के मामले दर्ज होने लगे.

बदन सिंह यूपी पुलिस के लिए सिरदर्द बनने लगा था. लेकिन पुलिस उस तक पहुंच नहीं पा रही थी. लिहाजा यूपी पुलिस ने उस पर 1 लाख का इनाम रखा. दिल्ली पुलिस ने भी उसकी गिरफ्तारी पर 50 हजार के इनाम का ऐलान किया. अब बदन सिंह के खिलाफ हत्या जैसे संगीन 34 मामले दर्ज हैं. इसके अलावा लूट और डकैती के कई मामलों में वो नामजद है.

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पुलिस हिरासत से भाग निकला था बदन सिंह

साल 1996 में जब बदन सिंह ने एक वकील का मर्डर किया था तो मामला खूब गरमा गया था. इस मामले में उसे अदालत ने आजीवन कैद की सज़ा सुनाई थी. जब बदन सिंह पकड़ा गया तो उसे जेल में डाल दिया गया. इस दौरान उसने अदालत से कई बार परोल के लिए गुहार लगाई. लेकिन अदालत ने उसके अपराधों को संगीन बताते हुए परोल देने से इनकार कर दिया. तब बदन ने जेल से भागने की योजना बनाई. पिछले साल मार्च में उसने इस योजना को अमली जामा पहनाया. दरअसल वो फतेहगढ़ केंद्रीय कारागार में सजा काट रहा था. उसे एक मामले में गाज़ियाबाद की अदालत में पेश किया जाना था.

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पुलिस अभिरक्षा में उसे गाजियाबाद लाया गया. 28 मार्च 2019 को पेशी के बाद उसने अपनी अभिरक्षा में आए पुलिसवालों को मेरठ होकर जाने के लिए राजी कर लिया. पुलिस टीम उसे लेकर मेरठ के मुकुट महल होटल पहुंची. इस होटल में बदन सिंह का भी शेयर था. वहां सभी पुलिसवालों की जमकर खातिरदारी हुई. उन्हें खाने के साथ-साथ शराब परोसी गई. टीम में शामिल आधा दर्जन पुलिसकर्मियों ने इतनी शराब पी ली कि वो नशे में धुत हो गए. इसी दौरान वहां पहले से लाई गई एक काली लग्जरी कार में बदल सिंह भाग निकला. तब से उसका कोई सुराग पुलिस के हाथ नहीं लग पाया.

लग्जरी लाइफ और महंगे शौक

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुख्यात गैंगस्टर बदन सिंह बद्दो का रहन सहन देखकर कोई भी उसके शौक का अंदाजा आसानी से लगा सकता है. उसकी शानो-शौकत भरी ज़िंदगी देखकर कोई यकीन नहीं करेगा कि वो एक मोस्ट वॉन्टेड अपराधी है. महंगी विदेशी बंदूकें, विदेशी नस्ल के कुत्ते, बुलेटप्रूफ कारों का जत्था, सीसीटीवी समेत आधुनिक सुरक्षा तंत्र, किसी महल जैसा आलीशान घर, लुई विटॉन जैसे महंगे ब्रांड के जूते और कपड़े पहनना बदन सिंह बद्दों को अन्य अपराधियों से अलग बनाता है. उसका लाइफ स्टाइल देखकर आप अंदाजा भी नहीं लगा सकते हैं कि वो एक शातिर अपराधी है. उसने अवैध वसूली करने और फिरौती वसूलने से लेकर हत्या, हत्या की कोशिश, बैंक डकैती और रंगदारी जैसी कई संगीन वारदातों को अंजाम दिया.

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कौन है मोस्ट वॉन्टेड आशुतोष?

कुख्यात अपराधी बदन सिंह के बाद नाम आता है शातिर बदमाश और शूटर आशुतोष का. उसका नाम सुर्खियों में उस वक्त आया था, जब उसने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के अधिकारी तंजील अहमद की हत्या को अंजाम दिया था. वो पश्चिम यूपी के कुख्यात गैंगस्टर मुनीर का शार्पशूटर माना जाता है. देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी के अधिकारी को मौत की नींद सुलाने के बाद आशुतोष यूपी पुलिस और एनआईए के लिए मोस्ट वॉन्टेड बन गया. उसके मामले में सबसे बड़ी परेशानी इस बात की है कि पुलिस के पास उसकी कोई तस्वीर नहीं है.

लिहाजा उसे तलाश करना पुलिस के लिए बड़ी परेशानी का सबब बन गया. आशुतोष को एक ऐसे प्रोफेशनल किलर के तौर पर जाना जाता है, जिसने सुपारी लेकर दिल्ली, गुरुग्राम और मुंबई जैसे बड़े शहरों से लेकर कई राज्यों में हत्या की वारदातों को अंजाम दिया. कई राज्यों की पुलिस उसकी तलाश में हैं. तंजील अहमद की हत्या के बाद यूपी के डीजीपी ने आशुतोष पर ढाई लाख का इनाम घोषित किया था. अभी तक शातिर बदमाश पुलिस की पहुंच से बाहर है.

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