यूपी पुलिस की साख को तार-तार कर देने वाले बुलंदशहर गैंगरेप केस के
मुख्य तीन आरोपियों को पुलिस ने मंगलवार को मीडिया के सामने पेश किया.
जिसमें बावरिया गैंग का सरगना सलीम भी
शामिल था. मगर इस मामले के खुलासे के साथ ही आईजी मेरठ ने पीड़ित का नाम
भी उजागर कर दिया. इस बात लेकर अब नया विवाद खड़ा हो गया है.
मेरठ जोन के आईजी सुजीत पाण्डेय ने बुलंदशहर गैंगरेप के आरोपियों को मंगलवार को मीडिया के सामने पेश किया. एक प्रेस कांफ्रेंस में आईजी पाण्डेय ने बताया कि एसटीएफ ने गैंगरेप के मास्टर माइंड सलीम बावरिया, साजिद और जुबैर को मवाना से गिरफ्तार किया है. ये तीनों बिजनौर भागने की फिराक में थे.
इनसे पूछताछ में पता चला है कि इस वारदात की योजना किठौर में बनाई गई थी. 29 जुलाई के दिन वारदात को अंजाम देने के बाद सभी आरोपी वापस किठौर आए और वहां से झारखंड फरार हो गए थे. वहीं 7 अगस्त को गैंग का मास्टर माइंड सलीम बावरिया, साजिद और जुबैर मेरठ के मवाना में दाखिल हुए, जहां से ये लोग बिजनौर जाने वाले थे. लेकिन उससे पहले ही तीनों पुलिस के हत्थे चढ़ गए. वहीं इस वारदात में शामिल फाती नामक एक शख्स अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है.
आईजी सुजीत पाण्डेय ने कहा कि गिरोह के सरगना सलीम, साजिद और जुबैर के पास से पुलिस को 3400 रुपये, मोबाइल फोन और दो देशी तमंचे बरामद हुए है. बुलंदशहर गैंगरेप केस से जुड़ा लूट का सामान भी इनके पास से बरामद किया गया है, जिसकी पहचान कर ली गई है.
आईजी ने बताया कि पुलिस की पड़ताल यहीं नहीं रुकेगी. सलीम-बावरिया गैंग में 10 से 11 सदस्य हैं. पुलिस उन्हें भी पकड़ना चाहती है. उनके मुताबिक आरोपियों ने वारदात को अंजाम देने के बाद एक दूसरे से मोबाइल पर बात की थी, जिसमें उन्होंने घटना का जिक्र किया था.
आईजी ने उजागर की पीड़ित की पहचान
पुलिस के पास सबूत के तौर पर उस बातचीत की रिकॉर्डिंग मौजूद है. जांच के लिए जल्द ही आरोपियों की आवाज के नमूने भी लिए जाएंगे. पुलिस ने तीनों आरोपियों की पहचान के लिए पीड़ित परिवार को बुलाया है. इसी दौरान आईजी साहब ने शिकायतकर्ता और पीड़ित का नाम भी उजागर कर दिया. जबकि नियमानुसार ऐसे मामलों में पीड़ित या शिकायतकर्ता का नाम उजागर नहीं किया जाता है. इस बात को लेकर पुलिस एक बार फिर घिरती नजर आ रही है.
इस मामले के खुलासे के लिए पुलिस ने 18 टीम बनाई थीं. आरोपियों की धरपकड़ के लिए 28 लोकेशन चिन्हित की गई थीं. वहीं यूपी पुलिस ने ऐसी घटनाओं पर लगाम कसने के लिए प्रदेश के 10 हाईवे चिन्हित किए हैं, जिनमें तीन हाई-वे मेरठ जोन में आते हैं. जिन पर अलग से पुलिस बल तैनाती के साथ ही पेट्रोलिंग बढ़ाई जाएगी.
आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद पीड़ित परिवार का गुस्सा एक बार फिर भड़क उठा. उन्होंने पुलिस से मांग की है कि आरोपियों को उनके हवाले किया जाए, जिससे वो खुद उन्हें सजा दे सकें. जाहिर है बुलंदशहर गैंगरेप केस के आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद कई और राज्यों में हुई घटनाओं का खुलासा भी हो सकता है.