9/11 के बाद हंगामा मचा तो उसने दुनिया को चकमा देने के लिए अपने आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तय्यबा का नाम बदल दिया. नया नाम रखा जमात-उद-दावा इसके बाद मुंबई में 26/11 हुआ तो उसने फिर वही खेल खेला. अबकी जमात-उद-दावा का नाम बदल दिया और फिर एक नया नाम रखा तहरीक-ए-हुरमत-ए-रसूल. पर खेल वही था. आतंक फैलाना. मगर अब लश्कर के चीफ हाफिज़ सईद के चेहेरे से मुखौटा हट गया है. क्योंकि संयुक्त राष्ट्र के बाद अब अमेरिका ने भी जमात-उद-दावा और उसके सहयोगी संगठनों को आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया है.
बेहद पुराना है आतंकवादी संगठन लश्कर का ये पैंतरा, कभी चेहरा, तो कभी ठिकाना, तो कभी नाम बदल कर दुनिया की आंखों में धूल झोंकने का उसका अपना आजमाया फरेब. मगर इस बार उसका मंसूबा नाकाम हो गया.
अमेरिका पर 9-11 हमलों के बाद लश्कर-ए-तैय्यबा पर पाबंदी लगा दी गई थी. जिसके बाद हाफिज सईद ने पहली बार चली थी एक नई चाल. उसने लश्कर को एक नया नाम जमात-उद-दावा दे दिया. इसके बाद इसी नाम से वो पूरे पाकिस्तान और आसपास के इलाके में अपनी जेहादी कार्रवाई चलाता रहा.
फिर मुंबई हमले के बाद दुनिया भर की सुरक्षा एजेंसियों की नजरों से बचने के लिए हाफिज सईद ने वही पुरानी चाल चली. जमात-उद-दावा यानी लश्कर के मजहबी चेहरे को अब एक बार फिर बदल दिया. जमात उद दावा अब बन गया था तहरीक-ए-हुरमत-ए-रसूल. हाफिज सईद का इरादा साफ था जब-जब उसके आतंकवादी संगठन पर पाबंदी लगेगी वो इसी तरह अपना नाम बदल कर जेहाद का जहर उगलता रहेगा. कभी चैरिटी के नाम पर, कभी महजब के नाम पर.
दरअसल मुंबई हमलों के बाद संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद ने पाकिस्तानी संगठन जमात-उद-दावा पर भी पाबंदी लगा दी थी. औऱ उसके लिए इस नाम से दुनिया के किसी कोने में काम करना मुश्किल होने लगा था इसीलिए हाफिज सईद ने नई चाल चली थी. ऐसी चाल जिसे वो पहले भी कई बार कामयाबी के साथ आजमा चुका था. लेकिन उसके इरादे अब भी उतने ही खतरनाक थे. वो अब भी दुनिया भर में जेहाद का डंका पीटना चाहता था. पहले की तरह बदले हुए नाम से.
लेकिन संयुक्त राष्ट्र के बाद अब अमेरिका ने भी जमात-उद-दावा को आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया है. इतना ही नहीं जमात के साथ-साथ इसके सहयोगी संगठन तहरीक-ए-हुरमत-ए-रसूल और अल अनफाल ट्रस्ट को भी आतंकवादी संगठन करार दिया है. इसके साथ-साथ अमेरिका ने इन दोनों संगठनों के लिए फंड जुटाने और नेटवर्क तैयार करने के इलजाम में नजीर अहमद चौधरी और मोहम्मद हुसैन गिल को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी भी घोषित कर दिया है. इन दोनों पर हाफिज सईद के लिए काम करने का इलजाम है.
अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र हाफिज सईद का नाम पहले ही दुनिया के सबसे खतरनाक आतंकवादियों की सूची में डाल चुके हैं. इतना ही नहीं उसके सिर पर अमेरिका ने दस मिलियन डॉलर यानी करीब 60 करोड़ का इनाम भी रखा हुआ है.