पिछले 6 महीने से गाजा में बम बरसा रहे इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने आलोचना की है. एक टीवी इंटरव्यू में राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा कि जिस तरह से गाजा में आम लोगों की जान जा रही है, वो इजरायल के लिए अच्छा नहीं है.
जो बाइडेन ने कहा कि गाजा में जंग के लिए बेंजामिन नेतन्याहू का नजरिया इजरायल की मदद करने से ज्यादा नुकसान पहुंचा रहा है. उन्होंने कहा कि इजरायल को अपनी रक्षा करने का अधिकार है. हमास के खात्मे का भी अधिकार है, लेकिन उन्हें निर्दोष फिलिस्तीनियों की जिंदगी पर भी ध्यान देना चाहिए.
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि एक रेड लाइन होनी चाहिए. ऐसे ही 30 हजार लोगों की जान नहीं ली जा सकती. गाजा के रफाह में करीब 13 लाख फिलिस्तीनियों ने शरण ली है, इजरायल के लिए इस क्षेत्र पर हमला रेड लाइन है. नेतन्याहू को तत्काल फिलिस्तीनियों पर हमले बंद करना चाहिए.
जोनाथन केपहार्ट को दिए इंटरव्यू में जो बाइडेन ने जहां नेतन्याहू की कार्यशैली पर सवाल उठाए तो वहीं हमास के खिलाफ कार्रवाई के इजराइल के अधिकार के प्रति समर्थन भी जताया. इसके बावजूद माना जा रहा है कि बाइडेन की ताजा टिप्पणी नेतन्याहू के साथ उनके तनावपूर्ण होते संबंधों की ओर इशारा करती है.
बाइडेन ने गाजा में लोगों के बड़ी संख्या में मारे जाने के सवाल पर कहा कि इजरायल जिसके लिए प्रतिबद्ध है, ये उसके विपरीत है और मुझे लगता है कि ये एक बड़ी गलती है. उन्होंने ये भी कहा कि इजरायल गाजा में बड़ी संख्या में आम नागरिकों की मौत होने के कारण अंतरराष्ट्रीय सहयोग भी खो सकता है.
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बताते चलें कि इजरायली सेना गाजा पट्टी में चुन-चुनकर हमास के ठिकानों को तबाह कर रही है. इसकी वजह से गाजा के कई इलाके भूख से बेहाल हैं. गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक गाजा में भोजन और पानी न मिलने से बड़ी संख्या में बुजुर्गों और बच्चों की मौत हो चुकी है. लोगों बेहाल हैं.
गाजा में सबसे सुरक्षित माने जाने वाला इलाका राफा भी भुखमरी की कगार पर है. यहां भी लोग खाने के लिए दर-दर भटक रहे हैं. किसी को सिर्फ रोटी नसीब हो रही है तो किसी को सिर्फ दाल. लोगों की सबसे बड़ी चिंता ये है कि अगर ये युद्ध जारी रहा तो वो भूखे मर जाएंगे. भूख के खिलाफ जंग लड़ी जा रही है.
7 अक्टूबर से चल रही इस जंग में अब तक 31 हजार से ज्यादा फिलिस्तीनियों की मौत हो गई है. हजारों की संख्या में लोग घायल हैं. लेकिन जंग के खत्म होने के कोई आसार नहीं दिख रहे हैं. मिस्र की राजधानी काहिर में हुई अरब लीग की बैठक में गाजा में सीजफायर का मुद्दा उठाया गया था.
इस बैठक में इजरायल से गाजा पर तुरंत हमला रोकने और गाजा में और ज्यादा मानवीय मदद भेजने की अपील की गई थी. अमेरिका, कतर और मिस्र ने एक समझौते के तहत हमास से 6 सप्ताह के संघर्ष विराम के बदले 40 बंधकों को रिहा करने की मांग रखी थी. लेकिन उम्मीदों पर पानी फिर गया.
मिस्र और कतर में हुई बैठक बेनतीजा रही. इसके बाद इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सार्वजनिक रूप से हमास के पूर्ण युद्धविराम की मांग को खारिज कर दिया. इसके साथ ही हमास को पूरी तरह से खत्म करने और सभी बंधकों के रिहा होने तक युद्ध को जारी रखने का बयान जारी किया.