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ये है लल्लन के टॉप करने की असली कहानी!

परीक्षा बोर्ड दफ्तर की मिलीभगत से प्रैक्टिकल के नाम पर साइंस सब्जेक्ट के छात्रों की कॉपियां पटना स्थित मूल्यांकन केंद्र से वापस विशुन राय कॉलेज मंगवाई गई. फिर छात्रों से नए सिरे से सवाल के जवाब लिखवाए गए.

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साइंस का टॉपर सौरभ और आर्ट्स की टॉपर रूबी
साइंस का टॉपर सौरभ और आर्ट्स की टॉपर रूबी

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बारहवीं के इम्तेहान में पूरे बिहार में टॉप करने वाले लल्लनटॉपर्स उसी इम्तेहान के आसान सवालों के जवाब नहीं दे पाए थे. 'आज तक' की खबर के बाद बिहार परीक्षा बोर्ड ने ऐसे 13 टॉपर्स के दोबारा टेस्ट लिए और उनमें से दो सचमुच लल्लनटॉप निकले.

दो टॉपर्स का रिजल्ट रद्द
घर के बच्चों की कामयाबी से रिशतेदार, दोस्त, और पास-पड़ोसी समेत पूरा का पूरा शहर खुद को गौंरान्वित महसूस कर गया. बधाइयां अभी थमीं भी नहीं थीं और मिठाइयां अभी खत्म भी नहीं हुई थीं कि अचानक पता चल कि टॉपर लल्लन को तो सीधे फेल कर दिया गया. लल्लनटॉप के टॉप करने की असली कहानी अब सामने आ गई है. इसलिए ना सिर्फ ऐसे दो टॉपर का रिजल्ट रद्द कर दिया गया है बल्कि उन्हें टॉपर की लिस्ट से भी बाहर कर दिया.

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टॉपर्स का हुआ दोबारा टेस्ट
जून में जब बिहार परीक्षा बोर्ड ने बिहार के कुल 14 टॉपर को इंटरव्यू और टेस्ट के लिए बुलाया था. ताकि इनका टेस्ट लेकर ये जान सकें कि वाकई ये टॉप करने लायक हैं भी या नहीं? जिन 14 छात्रों को बुलाया गया था वो सभी साइंस और आर्ट्स के टॉपर थे. इनमें साइंस का टॉपर सौरभ और आर्ट्स की टॉपर रूबी भी शामिल थी. रूबी टेस्ट देने नहीं आ सकी लेकिन सौरभ और बाकी के 13 छात्र टेस्ट देने पहुंचे. रूबी का कहना था कि उसकी तबीयत ठीक नहीं है. इम्तेहान में टॉप करने के बाद टॉपर का टेस्ट लिए जाने की ये पहली मिसाल थी.

टॉपर्स की हैंडराइटिंग का कराया मिलान
13 टॉपर एक छत के नीचे एक साथ जमा थे. बारहवीं के इम्तेहान की उनकी कॉपियां पहले ही मंगवा ली गई थीं. टेस्ट के दौरान सवाल-जवाब के अलावा हर टॉपर को एक निबंध यानी लिखने को दिया गया. लिखाने का मकसद यह था कि उनकी हैंडराइटिंग से उस कॉपी की हैंडराइटिंग का मिलान कराया जा सके जिसपर उन्होंने बारहवीं के इम्तेहान के जवाब लिखे थे.

टेस्ट में 13 में से 2 टॉपर हुए फेल
टेस्ट के दौरान 13 में से बाकी के 11 टॉपर तो पास हो गए लेकिन साइंस का टॉपर सौरभ श्रेष्ठ और साइंस का ही दूसरा टॉपर राहुल कुमार फेल हो गया. दरअसल दोनों ऐसे कई सवालों के जवाब नहीं दे पाए जो उन्होंने इम्तेहान की कॉपी में बिल्कुल सही लिखे थे. इत्तेफाक से ये दोनों टॉपर हाजीपुर के उसी विशुन राय कॉलेज से थे जिसपर हेराफेरी की शक की तलवार सबसे ज्यादा लटकी है.

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कॉपियों का हुआ फेरबदल
परीक्षा बोर्ड दफ्तर की मिलीभगत से प्रैक्टिकल के नाम पर साइंस सब्जेक्ट के छात्रों की कॉपियां पटना स्थित मूल्यांकन केंद्र से वापस विशुन राय कॉलेज मंगवाई गई. फिर छात्रों से नए सिरे से सवाल के जवाब लिखवाए गए. यानी पुरानी कापियां बदल दी गईं और नई कापियां वापस भेजी गईं. पुराना दागदार रिकॉर्ड देखते हुए विशुन राय कॉलेज की कापियों का मूल्यांकन पटना में किया जाता है. इस बार कापियां पटना के राजेन्द्र नगर सेंटर पर जांची गई थीं. सूत्रों के मुताबिक कॉपी चैक किए जाने के दौरान विशुन राय कॉलेज के प्रिंसिपल बच्चा राय और परीक्षा बोर्ड के कई अधिकारी लगातार मूल्यांकन केंद्र के बाहर देखे गए. खबर यही है कि कॉपियों में हेराफेरी मूल्यांकन केंद्र पर की गई.

एक बिहार शिक्षा बोर्ड और सरकार की ही आंखें बंद थीं. वरना पूरा बिहार देख रहा था कि कैसे एक कॉलेज टॉपर की फैक्ट्री बना हुआ है.

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