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कोई है जो जानता है कौन है सुनंदा का कातिल!

चार घंटे की मैराथन पूछताछ. एक और पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि‍ थरूर तो दूसरी ओर चार पुलिस अधि‍कारी. एक के बाद सवालों की लंबी लिस्ट. कमाल देखिए एक साल पहले ठीक 19 जनवरी को ही पहली बार शशि थरूर से अपनी बीवी सुनंदा पुष्कर की मौत को लेकर सवाल पूछे गए थे. एक साल बाद फिर उसी 19 जनवरी को शशि थरूर से दोबारा उनकी बीवी की मौत के बारे में सवाल पूछे जाते हैं.

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चार घंटे की मैराथन पूछताछ. एक और पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि‍ थरूर तो दूसरी ओर चार पुलिस अधि‍कारी. एक के बाद सवालों की लंबी लिस्ट. थरूर पूछताछ के बाद बाहर निकले तो चेहरे पर चिंता की रेखाएं थीं. लेकिन क्या वाकई सुनंदा पुष्कर हत्या मामले की गुत्थी इस पूछताछ से सुलझ जाएगी. कमाल देखिए एक साल पहले ठीक 19 जनवरी को ही पहली बार शशि थरूर से अपनी बीवी सुनंदा पुष्कर की मौत को लेकर सवाल पूछे गए थे. एक साल बाद फिर उसी 19 जनवरी को शशि थरूर से दोबारा उनकी बीवी की मौत के बारे में सवाल पूछे जाते हैं. लेकिन 10 ऐसे नाम हैं, जिनसे पता चल सकता है कौन है सुनंदा का कातिल!

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पता नहीं इसे इत्तेफाक कहेंगे या तारीख का फेर. साल के 365 दिन का पहिया यूं घमता है और फिर पूरे साल भर बाद उसी तारीख पर आकर जैसे ही ठहरता है शशि थरूर फिर से सवालों के घेरे में होते हैं. लगभग उन्हीं सवालों के जो ठीक साल भर पहले पूछे गए थे और अब साल भर बाद फिर से पूछे गए. हां, पूछताछ की जगह अलग थी. चेहरे अलग थे. तब एसडीएम ने पूछताछ की थी, अब मामले की जांच के लिए बनाई गई एसआईटी टीम पूछताछ कर रह थी. बाकी जहां तक सुनंदा की मौत का सवाल है तो वो तब भी अंधेरे में था अब भी अंधेरे में है.

साल भर बाद दिल्ली पुलिस ने सुनंदा की मौत का राज पता करने के लिए जब मामले को दफा 302 यानी मर्डर में दर्ज किया और जांच के लिए नई टीम बनाई गई. पूछताछ की रस्म निभानी थी सो 19 जनवरी को वो भी निभा ली गई. क्योंकि हकीकत तो यही है कि साल भर में केस एक इंच भी आगे नहीं खिसका है. साल भर पहले भी शशि थरूर से पाकिस्तानी पत्रकार मेहर तररा के साथ रिश्ते, सुनंदा के साथ झगड़ा, मारपीट, चोट के पंद्रह निशान, बीमारी की गलत जानकारी देना, बिना पर्ची के दवा देना, आईपीएल के साथ तार जोड़ना, 15 से 17 जनवरी की कड़ियां जोड़ना, जैसे सवाल ही पूछे गए थे.

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पूछताछ की टाइमिंग को लेकर सवाल
कानून के जानकार पूछताछ की टाइमिंग को लेकर भी सवाल उठा रहे हैं. सवाल ये कि जब धारा बदलने के अलावा केस में कुछ नया हुआ ही नहीं तो अच्छा होता कि पुलिस पहले उस विसरा रिपोर्ट के आने का इंतजार करती जो जहर की किस्म और जहर की मात्रा का खुलासा करने वाली है. तब शशि थरूर से पूछताछ होती तो नई चीजें सामने आ सकती थी. सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में शशि थरूर ने तकरीबन चार घंटे की मैराथन पूछताछ बेशक कामयाबी से पार कर ली. लेकिन थरूर को अपने सवालों से घेरने वाली स्पेशल इनवेस्टिगेशन टीम यानी एसआईटी के सूत्रों की मानें तो इतनी लंबी पूछताछ के बावजूद उन्हें थरूर से कई ऐसे सवालों के जवाब नहीं मिला, जो वो जानना चाहती थी.

सूत्रों के मुताबिक सवालों के सारे सिरे शशि थरूर और पाकिस्तानी पत्रकार मेहर तरार के रिश्तों और उस रिश्ते को लेकर मियां-बीवी में होने वाली अनबन के इर्द-गिर्द ही खुल रहे थे. यानी पुलिस मान कर चल रही थी कि अगर सुनंदा का कत्ल हुआ है तो फिर इस कत्ल की वजह शशि थरूर और मेहर तरार के रिश्ते ही थे. मगर इसके साथ ही पुलिस आईपीएल को भी इस केस से जोड़ कर देख रही थी लिहाजा दूसरी अहम वजह उसकी निगाह में आईपीएल और मनी लॉंड्रिंग थी.

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चोट का राज
थरूर ने ये तो माना कि उनके और सुनंदा के बीच लड़ाई होती थी. लेकिन उन्होंने इस बात से इनकार कर दिया कि मौत से पहले सुनंदा के साथ उनकी कोई मारपीट हुई थी. जबकि हकीकत यही है कि सुनंदा के जिस्म पर चोट के एक नहीं कुल 15 निशान मौजूद थे. ऐसे में ये सवाल अनसुलझा ही रह गया कि आखि‍र सुनंदा को इतनी चोटें कहां से और कैसे लगीं?

कत्ल का राज
पुलिस सुनंदा की मौत को बेशक कत्ल का मामला मान कर तफ्तीश कर रही है, लेकिन थरूर अब भी ये मानने को तैयार नहीं थे कि किसी ने सुनंदा का कत्ल किया होगा. पुलिस का सवाल था कि क्या मौत से पहले सुनंदा को किसी ने इंजेक्शन दिया था या किसी पर थरूर को शक है? जवाब में थरूर का कहना था कि उन्हें लगता है कि सुनंदा एक आम मौत ही मरी है.

नींद की गोलियों का राज
अब तक सामने आई जानकारी के मुताबिक सुनंदा का इलाज करनेवाले किसी भी डॉक्टर ने उन्हें नींद की गोलियां खाने की सलाह नहीं थी. इसके बावजूद सुनंदा की मौत के बाद होटल में उनके कमरे से अल्प्रेक्स की गोलियों के दो खाली स्ट्रिप बरामद हुए. ये स्ट्रिप सुनंदा के कमरे में कहां से आए, इसका भी कोई साफ जवाब थरूर नहीं दे सके.

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मेहर का राज
थरूर ने ये माना कि पाकिस्तानी पत्रकार मेहर तरार से उनके रिश्तों को लेकर उनकी सुनंदा से अनबन होती थी. लेकिन ये मानने से इनकार कर दिया कि तरार से उनके कोई बहुत करीबी रिश्ते थे. ऐसे में जब पुलिस ने अनबन की वजह पूछी तो थरूर ने बताया कि शायद सोशल मीडिया में दोनों के एक्टिव होने की वजह से सुनंदा को उन्हें लेकर शक होता होगा.

सच छिपाने का राज
थरूर ने सुनंदा की मौत के बाद एसडीएम की ओर से की गई पहली पूछताछ में अपने और सुनंदा के दरम्यान किसी तरह की कोई परेशानी नहीं होने की बात कही थी. लेकिन बाद में खुद थरूर के नौकर ने ये बताया था कि थरूर और सुनंदा के बीच में अक्सर झगड़े होते थे. ऐसे में एसआईटी ने थरूर से एसडीएम को दिए गए जवाब में जब सच छुपाने की वजह पूछी, तो भी थरूर ने कोई साफ जवाब नहीं दे सके.

शशि थरूर को जब पहली बार पता चला कि सुनंदा की मौत हो चुकी है तो उन्होंने सौ नंबर पर फोन करने की बजाए सरोजनी नगर थाने के एसएचओ को फोन करवाया था. पुलिस को ये बात अजीब लगी. इसी तरह पुलिस को ये बात भी अजीब लगी कि जब मामले की जांच चल रही है तो थरूर एम्स के डॉक्टरों के पैनल को मेल क्यों कर रहे थे?

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ई-मेल का राज
थरूर ने एम्स के डॉक्टरों को एक ई-मेल भेज कर सुनंदा को लूपस नाम की बीमारी होने की बात कही थी. जबकि बाद में डॉक्टरों ने बताया कि सुनंदा को ऐसी कोई बीमारी थी ही नहीं. थरूर इस सिलसिले में पूछे गए सवाल का भी कोई बहुत साफ और संतोषजनक जवाब नहीं दे सके.

बाहर होने का राज
एसआईटी के अधिकारियों ने उनसे सुनंदा की मौत के दौरान उनके एआईसीसीसी की मीटिंग में होने को लेकर भी कई सवाल पूछे. मसलन उन्होंने वहां कितना वक्त बिताया, कब उन्हें सुनंदा की तबीयत बिगड़ने की खबर मिली, कब वो वहां से रवाना हुए. और इन्हें लेकर अपने जवाबों के हक में पुलिस ने उनसे कुछ सुबूत भी मांगे.

आईपीएल का राज
थरूर से सुनंदा की किसी से जाती दुश्मनी, आईपीएल या मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर हुई कोई साजिश, सुनंदा की प्रेस कॉन्फ्रेंस करने की खबर होने या नहीं होने, केरल से दिल्ली आते वक्त हवाई जहाज में झगड़ा होने और एक ही होटल में पहले अलग-अलग कमरो में ठहरने जैसी बातों का सबब भी पूछा.

अस्पताल ना ले जाने का राज
एसआईटी ने सुनंदा की तबीयत बिगड़ने की खबर सामने आने के बावजूद उन्हें अस्पताल ना ले जाकर होटल में ही डॉक्टर को बुलाने की वजह भी थरूर से जानने की कोशिश की. साथ ही ये भी पूछा कि आखि‍र वो इंतजार क्यों करते रहे?

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पीसीआर कॉल ना करने का राज
पुलिस ने थरूर से सुनंदा की रहस्यमई हालत में मौत हो जाने पर भी सौ नंबर पर फोन ना करने की वजह पूछी और ये भी पूछा कि आखि‍र उनके स्टाफ ने पुलिस को पर्सनली कॉल क्यों किया? थरूर ने इसके जवाब में भी तब जो समझ में आया, वही किया जैसी बात कही.

हालांकि पूछताछ के दौरान थरूर ने शांत और नॉर्मल दिखने की पूरी कोशिश की. लेकिन इस इंटरोगेशन के बाद फिलहाल एसआईटी ने उन्हें ना तो कोई क्लिन चिट दी है और ना ही उनके साजिश में शामिल होने की तरफ इशारा ही किया है. लेकिन हां, ये जरूर साफ कर दिया कि जरूरत पड़ी तो अभी कई और लोगों से पूछताछ हो सकती है.

पुलिस अब सुनंदा पुष्कर के कत्ल का मकसद और कातिल दोनों तक जल्द से जल्द पहुंचना चाहती है. लेकिन असली कातिल तक पहुंचने से पहले उसे दस ऐसे लोगों से भी मिलना है, जो कातिल का पता बताने में मददगार साबित हो सकते हैं. आखि‍र कौन हैं वो दस चेहरे?

शशि थरूर - सुनंदा पुष्कर के पति
शिव मेनन - सुनंदा का बेटा
आशीष दास - सुनंदा का छोटा भाई
राजेश पुष्कर - सुनंदा का छोटा भाई
नारायण सिंह - सुनंदा और शशि का खास नौकर
बजरंगी - सुनंदा का ड्राइवर
राजेश कुमार शर्मा - शशि थरूर के पीए
शिव कुमार प्रसाद - शशि थरूर के तत्कालीन ओएसडी
डॉक्टर संजय दीवान - केप वर्दे गणराज्य के काउंसल जनरल और सुनंदा के पारिवारिक मित्र
नलिनी सिंह - वरिष्ठ पत्रकार

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ये महज दस नाम नहीं हैं बल्कि दिल्ली पुलिस की स्पेशल इनवेस्टिगेशन टीम के लिए ये दस बेहद अहम किरदार हैं, क्योंकि सुनंदा पुष्कर की हत्या के मामले में पुलिस की तफ्तीश इन्हीं दस नामों के इर्द गिर्द ही टिकी हुई है. इनकी कही गई एक एक बात पुलिस के लिए बेहद जरूरी है, क्योंकि उन्हीं बातों की आड़ में पुलिस को सुनंदा पुष्कर का वो सच ढूंढ निकालना है, जो उनकी रहस्यमई हालात में हुई मौत का असली पता दे सके.

हालांकि पुलिस ने उन लोगों को भी खंगालना शुरू कर दिया है, जिन लोगों के नाम इन लोगों की बातचीत में सामने आ चुके हैं. जिनमें कैटी उर्फ कैथरीन अब्राहम सबसे अहम नाम है, क्योंकि इस नाम का जिक्र अपने बयान में सुनंदा और शशि थरूर के नौकर नारायण ने जिस तरीके से किया, उसको लेकर पुलिस के पास कई सवाल आकर खड़े हो गए और पुलिस बिना उन सवालों के जवाब हासिल किए आगे बढ़ने के मूड में नहीं है.

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