वो अपनी गर्लफ्रेंड को बहुत चाहता था...वो अपनी गर्लफ्रेंड की उलझन को सुलझाना चाहता था. बस इसीलिए उसने एक फोन किया. उस शख्स को, जो उसकी गर्लफ्रेंड को फोन किया करता था. फोन करने के बाद उसने उस लड़के को मुलाकात करने के लिए बुलाया. लेकिन मुलाकात में जो हुआ, उसके अंजाम का गुमान तो उसने सपने में भी नहीं सोचा था...जब वो मुलाकात ख़त्म हुई, तो कमरे में उस लड़की का ब्वॉयफ्रेंड लहूलुहान गिरा हुआ था.
तारीख- 7 फरवरी 2014, वक्त- शाम के 6:30 बजे, जगह- दिल्ली का नेब सराय इलाका. दिल्ली के नेब सराय इलाके की फ्रीडम फाइटर कॉलोनी के गेट नंबर 4 के पास प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करने वाले संजीव सेजवाल अपने ऑफिस में अपने चचरे भाई संदीप, अपने दोस्त परमजीत और अपने नौकर अशोक के साथ बैठे थे. तभी उसके ऑफिस के बाहर एक निसान गाड़ी आकर रुकती है. उसमें से सनी, विजयपाल, राकेश और अमन गोयल उतरते हैं. इनमें से विजयपाल अमन का बॉडीगार्ड है. ये सभी एक मीटिंग के लिए मिलने वाले थे.
दरअसल संदीप सेजवाल ने ये मीटिंग परमजीत और सनी के बीच एक मसले को सुलझाने के लिए बुलाई थी. लेकिन बात सुलझने के बजाए बिगड़ती चली जाती है. दोनों पक्षों के बीच बहस शुरू हो जाती है. इसी दौरान परमजीत सनी को माफी मांगने को कहता है. लेकिन उसकी बात सुनकर सनी माफी मांगने से इनकार कर देता है. इस बात से तिलमिलाया परमजीत सनी को थप्पड़ मार देता है. अपने दोस्त पर हाथ उठता देख विजयपाल भी परमजीत को एक तमाचा जड़ देता है. इसके बाद तो ऑफिस का माहौल बिगड़ जाता है. सनी और विजयपाल अपनी जेब से रिवॉल्वर निकाल लेते हैं.
अभी कोई कुछ समझ पाता, तभी सनी और विजयपाल परमजीत और उसके दोस्तों पर ताबड़तोड़ गोलियों चलानी शुरू कर देते हैं. संजीव यह देखकर वहां से भागकर अपने ऑफिस का शटर बाहर से बंद कर देते हैं. तभी उन्हें ऑफिस के अंदर से परमजीत के चिल्लाने की आवाज़ आती है. लेकिन जब वो ऑफिस के अंदर दोबारा घुसते हैं, तो उन्हें भी गोली लगती है. संदीप को कॉलर बोन और बाजू में गोलियां लगती हैं. परमजीत को पीठ और कंधे में गोलियां लगती हैं. चूंकि गोलियां दोनों तरफ से चली थीं, इसलिए इस क्रॉस फायरिंग में सनी के दोस्त राकेश की छाती में भी गोली लगती है.
गोलियों की आवाज़ सुनकर आसपास के लोग पुलिस को फोन कर देते हैं. इस बीच संदीप के ऑफिस के बाहर लोगों की भीड़ इकट्ठी हो जाती है. लोगों की भीड़ देखकर सनी, विजयपाल और अमन वहां से भागने की कोशिश करते हैं. इसी भागदौड़ में अमन अपनी गाड़ी वहीं छोड़कर मौका-ए-वारदात से भागने में कामयाब हो जाता है. सनी और विजयपाल हवाई फायरिंग करते हुए इग्नू रोड की तरफ दौड़ते हैं. उस रोड पर अपनी इनोवा गाड़ी से जा रहे एक शख्स को रिवाल्वर दिखाकर उसकी गाड़ी छीन ली.
पुलिस भी बिना वक्त गंवाए मौका-ए-वारदात पर पहुंच चुकी थी. लिहाज़ा वहां पहुंचकर पुलिस टीम सनी, विजयपाल और अमन के फरार होने की खबर पीसीआर को देती है. इसी बीच पुलिस से बचने के लिए सनी गाड़ी को सैनिक फार्म की तरफ मोड़ देता है, लेकिन नेब सराय थाने की एक पुलिस टीम की गाड़ी उन्हें बीच में ही रोककर दोनों को गिरफ्तार कर लेती है.
पुलिस सनी और विजयपाल को गिरफ्तार कर चुकी थी. उनका घायल दोस्त राकेश भी उसकी गिरफ्त में था. लेकिन गोलियां लगने की वजह से परमजीत की मौका-ए-वारदात पर ही मौत हो चुकी थी और संदीप सेजवाल की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो जाती है. लेकिन मरने से पहले पुलिस को इस गोलीकांड का जो सच बताता है, उसे सुनकर हर कोई हैरान रह जाता है.
पुलिस सनी और विजयपाल को भागने की कोशिश में पकड़ चुकी थी. उधर अस्पताल में संदीप ने मरने से पहले पुलिस को जो बताया, उससे यह मामला उसके सामने शीशे की तरह साफ हो चुका था. लेकिन क्या आप वो सच्चाई नहीं जानना चाहेंगे, जिसमें दो लोगों की मामूली-सी कहासुनी में बात इतनी बिगड़ी की दो लोगों की जान चली गई.
सनी और विजयपाल के गिरफ्तार होने के बाद जो कहानी पुलिस के सामने आई, वो उसे सुनकर हैरान रह गई. पुलिस के मुताबिक सनी और विजयपाल इंदिरा एन्क्लेव में रहते हैं. सनी सोनीपत और विजयपाल रोहतक का रहने वाला है और दोनों हरियाणा के बाउंसर हैं. लेकिन दिल्ली में प्राइवेट बॉडीगार्ड का काम करते थे. इसी दौरान सनी की एक लड़की से मुलाकात हुई और वो उसे पसंद करने लगा. इतना ही नहीं, उसने उसे फोन करने शुरू कर दिए. लेकिन लड़की सनी को पसंद नहीं करती थी. लड़की ने ये बात अपने दोस्त परमजीत को बताई. इसी बात को लेकर परमजीत ने सनी को उसकी दोस्त को दोबारा फोन करने से मना किया और उसे डांट भी दिया था. लेकिन सनी और विजयपाल को परमजीत का उसे इस तरह से डांटना बुरा लग गया.
दरअसल परमजीत को सनी का उसकी गर्लफ्रेंड को फोन करना बुरा लग गया था. लिहाज़ा उसने खुद सनी को समझाने और दोबारा ऐसा ना करने के मकसद से उसे फोन किया. लेकिन सनी को उसका डांटना बुरा लगा था और वो परमजीत को सबक सिखाना चाहता था. इसी मकसद से उसने ये बात अपने कुछ दोस्तों को बताई.
सनी ने यह बात सोनीपत के रहने वाले अपने एक दोस्त राकेश और दिल्ली के सैनिक फार्म में रहने वाले बिज़नेसमैन अमन गोयल को बताई. उधर परमजीत भी ये बात अपने प्रॉपर्टी डीलर दोस्त संदीप सेजवाल को बता चुका था. संदीप ने परमजीत और सनी के बीच रंजिश को खत्म करने के लिए एक मीटिंग बुलाई. लेकिन मीटिंग के दौरान बात सुलझने के बजाए इतनी बिगड़ गई वहां गोलीबारी शुरू हो गई और इस गोलीबारी में दो लोगों की मौत हो गई.
एक लड़की को फोन करने से मना करने पर बात पहले तो कहासुनी और फिर हाथापाई और उसके बाद इतनी बढ़ गई कि सनी और उसके दोस्त विजयपाल ने परमजीत पर क़ातिलाना हमला कर दिया और इस वारदात में दो लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी. उनके क़त्ल के आरोप में तीन आरोपियों को अब शायद ताउम्र जेल की सलाखों के पीछे काटनी पडे़.
पुलिस इस मामले में तीन आरोपियों सनी, विजयपाल और राकेश मलिक को गिरफ्तार कर चुकी है और उनके चौथे दोस्त अमन की तलाश कर रही है. पुलिस के मुताबिक उसने मामले की एफआईआर दर्ज कर ली है और वो इस पूरे मामले में अमन के रोल की जांच कर रही है. पुलिस सनी का रिवॉल्वर तो बरामद कर चुकी, लेकिन अभी तक उसे विजयपाल का हथियार नहीं मिला है.
फिलहाल पुलिस मामले की फ़रार आरोपी और सनी के दोस्त अमन गोयल की तलाश कर रही है. इसके साथ वो इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस वारदात में आरोपियों के अलावा कोई और तो शामिल नहीं था. लेकिन जब तक इस मामले का चौथा आरोपी उसकी गिरफ्त में नहीं आ जाता, तब तक मामला पूरी तरह से नहीं सुलझ पाएगा.