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जुए और जिस्मफरोशी का गोरखधंधा...

बीच शहर में खड़ा एक आलीशान होटल, होटल के बाहर खड़ी लक्जरी कारों की लंबी कतार, लोगों की आमोदरफ्त और इसी आमोदरफ्त के बीच अचानक होटल में वर्दीवालों की दबिश.

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बीच शहर में खड़ा एक आलीशान होटल, होटल के बाहर खड़ी लक्जरी कारों की लंबी कतार, लोगों की आमोदरफ्त और इसी आमोदरफ्त के बीच अचानक होटल में वर्दीवालों की दबिश. इसके बाद तो इस होटल से जो कहानी निकल कर सामने आती है वो सिर्फ इस होटल के आस-पास रहनेवाले लोगों को ही नहीं, बल्कि पूरे शहर को हैरान कर जाती है. गरज ये कि होटल, एक होटल कम, बल्कि जिस्मफरोशी और जुएबाजी का अड्डा ज्यादा निकलता है.

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जाहिर है, ये मंजर जहां का भी है, कुछ ठीक नहीं है. और यही वजह है कि कोई अपने हाथों से अपना चेहरा छिपाने की कोशिश कर रहा है, तो कोई पकड़े जाने पर अपना सिर खुजा रहा है. वहीं लड़कियों ने अपने दुपट्टों को ही अपना नकाब बना लिया है. लेकिन सवाल ये है कि आखिर ये माजरा क्या है, आखिर ये लोग कौन हैं. दरअसल, ये दिल्ली से सटे गाजियाबाद का वो ठिकाना है, जहां का सच नजदीक से देखने के बाद खुद वर्दीवालों की आंखें भी कुछ देर के लिए चौंधिया सी गई. क्योंकि शहर के बीचों-बीच एक होटल की चारदिवारी के अंदर यहां अय्याशी के जो साजो-सामान मौजूद थे, वो कई दफा बड़े से बड़े रईसों के फार्म हाउस और ऐशगाहों में भी नहीं मिलते.

कहने का मतलब ये कि यहां एक होटल में लोगों के रहने ठहरने का इंतजाम कम, बल्कि कायदे-कानून की निगाहों से बच कर मौज-मस्ती का इंतजाम ज्यादा था. और इसी इंतजाम की बदौलत इस होटल में सिर्फ इस शहर यानी गाजियाबाद के ही नहीं, बल्कि दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों और शहरों के रंगीन मिजाज लोग भी अक्सर खिंचे चले आते थे. लेकिन 11 फरवरी की शाम को इस होटल में जो कुछ हुआ, उसके बारे में ना तो इस होटल के मालिक ने और ना ही यहां आनेवाले रंगीन मिज़ाज लोगों ने कभी सोचा था. एक मुखबिर की इत्तिला पर गाजियाबाद पुलिस पूरे लवाजमे के साथ इस होटल में पहुंची और इससे पहले कि यहां जुएबाज़ी और जिस्मफरोशी का ये खेल रात ढलने के साथ रोज की तरह और परवान चढ़ता, सब के सब हिरासत में ले लिए गए.

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होटल के जिस हॉल में कैसिनो का काला खेल चल रहा था, वहां जब पुलिसवालों के कदम पड़े तो ताश के पत्तों से दौलत बटोरने का ख्वाब देख रहे लोगों के ख्वाब भी ताश के घर के मानिंद ही हवा में बिखर गए. अलग-अलग कमरों में पड़ी पुलिस की दबिश में कई लोग लड़कियों के साथ आपत्तिजनक हालत में पकड़े गए और साथ ही कंडोम और शराब की बोतलें जैसी अनगिनत ऐसी चीज़ें मिलीं, जो आम तौर पर ऐसे ठिकानों से अक्सर बरामद हुआ करती हैं. इसके बाद तो पकड़े गए लोगों का मुंह छिपाना लाजिमी था.

पुलिस एक-एक कर लोगों को कमरों और गुप्त ठिकानों से पकड़ पकड़ कर ला रही थी. और सबके सब मुंह छिपाते हुए लॉबी में आकर फर्श पर बैठ रहे थे. इसके बाद देर तक गिनती चलती रही और पुलिस ने औपचारिक तौर पर साठ लोगों और सात लड़कियों को जुएबाज़ी और जिस्मफ़रोशी के इल्जाम में गिरफ्तार कर लिया.

हाल के दिनों में ये कोई पहला और इकलौता मामला नहीं था. चंद रोज पहले ही गुड़गांव के डीएलएफ फेस-2 में नाजायज तरीके से चल रहे एक कैसिनों पर छापा मारकर पुलिस ने पांच लड़कियों समेत 43 लोगों को गिरफ्तार किया था. जबकि 20 लाख रुपए से से ज्यादा की रकद नगद बरामद की थी. ये लड़कियां कैसिनो में आने वाले ग्राहकों को खेलने में मदद करती थीं. पुलिस ने वहां से कैसिनों में खेलने के लिए इस्तेमाल होने वाले टोकन, ताश की गड्डियां और डायरी समेत कई दूसरे सामान भी बरामद की थी. लेकिन हैरानी की बात ये थी कि गुड़गांव का ये कैसिनो अमृतसर का रहनेवाला एक शख्स चला रहा था.

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