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पति, पत्नी और उलझन

पहली बार इंद्राणी के पूर्व और मौजूदा पति दोनों आमने सामने थे और साथ में थी खुद इंद्राणी. पूरे आठ दिन बाद पीटर मुखर्जी का पहली बार अपनी पत्नी इंद्राणी से आमना-सामन हुआ. पर इन आठ दिनों ने इन दोनों में ऐसा फर्क ला दिया जिसका अहसास इंद्राणी को बुधवार को पहली बार हुआ. पीटर मखर्जी के घर की दूरी खार पुलिस स्टेशन से मुश्किल से आठ किलोमीटर रही होगी, मगर इस मामूली सी दूरी तय करने में उन्हें पूरे आठ दिन लग गए.

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वारदात: पति, पत्नी और उलझन
वारदात: पति, पत्नी और उलझन

पहली बार इंद्राणी के पूर्व और मौजूदा पति दोनों आमने सामने थे और साथ में थी खुद इंद्राणी. पूरे आठ दिन बाद पीटर मुखर्जी का पहली बार अपनी पत्नी इंद्राणी से आमना-सामन हुआ. पर इन आठ दिनों ने इन दोनों में ऐसा फर्क ला दिया जिसका अहसास इंद्राणी को बुधवार को पहली बार हुआ. पीटर मखर्जी के घर की दूरी खार पुलिस स्टेशन से मुश्किल से आठ किलोमीटर रही होगी, मगर इस मामूली सी दूरी तय करने में उन्हें पूरे आठ दिन लग गए.

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बीच में एक बार वो यहां आए जरूर थे. पर बीस मिनट में ही लौट गए थे. क्योंकि पीटर नहीं चाहते थे कि पत्नी इंद्राणी से उनका आमना-सामना हो. ये मुलाकात इसलिए हुई ताकि दोनों के रिश्तों और उस रिश्ते के पीछे की कहानी दोनों एक साथ सुनाएं और पुलिस उस कहनी को सुने. कहानी को सुने ताकि तय कर सके कि शीना सचमुच इंद्राणी की बेटी थी या बहन.

पीटर के आने के ठीक पंद्रह मिनट बाद इंद्राणी का पहला पति संजीव खन्ना थाने लाया गया. हालांकि थाने में उसे दूसरे कमरे में बिठाया गया. इंद्राणी के यहां पहुंचते ही अब डीसीपी सत्यानरायण अपनी टीम के साथ कमर कस लेते हैं और सवालों की फेहरिस्त के बीच सबसे पहले पीटर मुखर्जी और इंद्राणी को आमने-सामने बिठाया जाता है.

पुलिस सूत्रों के मुताबिक पीटर को देखते ही इंद्राणी बुरी तरह भावुक हो गई. उसे शायद ये भी लगा कि पीटर आगे बढ़ कर उसे गले लगाएंगे, दिलासा देंगे। मगर ऐसा नहीं हुआ। पीटर ने एक खास दूरी बनाते हुए इंद्राणी से पूछा हाउ आर यू फिर बिना जवाब सुने ही इंद्राणी से नजरें चुरानी शुरू कर दीं. इस पल भर में ही इंद्राणी को अहसास हो चुका था कि शायद जिस रिश्ते को बचाने के लिए बाकी रिश्तों के बारे में उसने झूठ बोला था. अब वो रिश्ता भी टूट गया है.

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रिश्तों के जो राज इंद्राणी ने अपने पति पीटर से सालों तक छुपाए रखा, उन्हीं रिश्तों को पुलिस उन्हीं पीटर के सामने सवालों के जरिए तार-तार कर रही थी. एक पति के सामने उसकी पत्नी से पूछा जा रहा था कि शीना और मिखाइल उसके बच्चे हैं या भाई-बहन? एक पति के सामने पत्नी से पूछा जा रहा था कि सिद्धार्थ दास के साथ कैसा लिवइन रिलेशनशिप था उसका? एक पति के सामने पूछा जा रहा था कि क्या सिद्धार्थ दास, संजीव खन्ना और पीटर के अलावा भी किसी और से रिश्ता रहा है? और पति था कि बस सिर झुकाए सुन रहा था. जिस पत्नी के साथ पूरे 13 साल उसने एक ही छत के नीचे बिताए उस पत्नी के सीने में कैसे-कैसे राज दफन हैं.

सूत्रों के मुताबिक पुलिस ने पीटर से अकेले में, पीटर से इंद्राणी के साथ और पीटर से इंद्राणी और संजीव खन्ना के साथ भी पूछताछ की. सारे सवाल रिश्तों पर थे तो कुछ सवाल सीधे शीना के कत्ल से जुड़े थे. पुलिस सूत्रों के मुताबिक पीटर का कहना था कि इंद्राणी के सिद्धार्थ दास के साथ रिलेशनशिप के बारे में पहली बार जानकारी अभी 25 अगस्त के बाद तब मिली जब इंद्राणी गिरफ्तार हुई थी. इसी के बाद उन्होंने उसके अतीत के बारे में पता करना शुरू किया तब सारे रिश्तों की खबर लगी. पीटर ने माना कि उन्हें इंद्राणी ने ये जरूर बताया था कि संजीव खन्ना से उसकी पहली शादी हुई थी और उससे एक बेटी है विधि.

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सूत्रों के मुताबिक पूरी पूछताछ के दौरान पुलिस को कई बार लगा कि पीटर मुखर्जी अगर पूरी तरह झूठ नहीं भी बोल रहे तो कुछ सच छुपा भी रहे हैं. पूछताछ के दौरान पुलिस ने कई सवाल शीना और पीटर के बतौर जीजा-साली के रिश्तों के बारे में भी तफसील से पूछा.

कोलकाता के सिद्धार्थ दास टीवी अखबार में छाए तो अचानक खुद सामने आ गए और चेहरा छुपा कर बोल गए कि शीना और मिखाइल के बाप यही हैं और मां इंद्राणी. यहां तक कि ये भी सच बोल गए इंद्राणी से शादी नहीं की थी बल्कि दोनों बच्चे लिवइन रिलेशनशिप में हो गए थे. लगा चलिए अब कम से कम रिश्ते की ये पहेली तो सुलझ गई कि शीना का असली बाप कौन है? मगर इतनी आसानी से रिश्तों का पेंच कहां सुधरने वाला. कोलकाता से दूर मुंबई के खार पलिस थाने में जब इंद्राणी की वकील गुंजन मंगला बुधवार सुबह उनसे मिलने पहुंचीं, केस की तैयारी के सिलसिले में तो उन्हें कहानी कुछ और ही बताई गई. गुंजन के मुताबिक इंद्राणी ने उनसे कहा कि मिखाइल उनका गोद लिया बेटा है.

हालांकि शीना के कत्ल के खुलासे से पहले तक यही इंद्राणी मिखाइल को पीटर से अपना भाई बता कर मिलवाती रही थी. इंद्राणी की वकील गुजंन ने ये भी खुलासा किया कि पिछले आठ दिनों की पुलिस हिरासत के दौरान इंद्राणी ने एक बार भी शीना के कत्ल की बात कबूल नहीं की है. बल्कि वो लगातार यही कह रही है कि जब उसने शीना का कत्ल किया ही नहीं है तो फिर जुर्म क्यों कबूल करेगी?

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हालांकि इंद्राणी की वकील ने शिकायत की कि कोर्ट के आदेश के बावजूद पुलिस उन्हें इंद्राणी से अकेले में बातचीत नहीं करने दे रही. बुधवार सुबह भी पांच पुलिसवाले लगातार वहीं खड़े थे जब वकील इंद्राणी से केस के बारे में बात कर रही थीं. इंद्राणी की वकील पुलिस के इस रवैए के खिलाफ बॉम्बे हाईट कोर्ट जाने की सोच रही हैं ताकि उन्हें उनके मुवक्किल से अकेले में बात करने का मौका दिया जाए. इंद्राणी की वकील का ये भी कहना था कि मिखाइल को जान से मारने की कोशिश का इलजाम सरासर गलत है. अगर मिखाइल को सचमुच अपनी जान का डर था तो वो तीन साल तक खामोश क्यों रहा था? गुंजन ने इंद्राणी की मर्जी के खिलाफ उसका नारको टेस्ट कराने के किसी फैसले का भी विरोध किया.

 

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