चार महीने और पांचवां सिर. 21 अगस्त 2014 को जब आतंकवादी संगठन आईएसआईएस ने अमेरिकी पत्रकार जेम्स फोले का सिर कलम करने का वीडियो जारी किया तो पूरी दुनिया सन्न रह गई थी. किसी बेगुनाह को यूं मौत देने की आईएसआईएस की ये पहली तस्वीर थी. इसके बाद दूसरी तस्वीर आई. फिर तीसरी और चौथी. और अब वो पांचवीं तस्वीर भी आ ही गई, जिसे लेकर हर कोई सहमा हुआ था. इस पांचवें और नए वीडियो में यूएस एड के एक कार्यकर्ता पीटर कैसिंग का सिर कलम करते दिखाया गया है.
इंसानियत के गले में छुरी चलाने का ये सिलसिला कब और कहां जाकर खत्म होगा, फिलहाल ये कोई नहीं जानता. आतंकवादियों ने आखिरकार अपनी उस धमकी को सही साबित कर दिया, जो 3 अक्टूबर को ब्रिटिश बंधक ऐलन हैनिंग का सिर कलम किए जाने के दौरान दी थी. इससे पहले हुई सिर कलम करने की तमाम वारदातों की तरह ही इस बार भी काले कपड़े में एक नकाबपोश आतंकवादी को कैसिंग को पकड़ा दिखाया जाता है. कैसिंग नारंगी कपड़ों में घुटने के बल बैठा है, जबकि हाथ में चाकू लिया आतंकवादी पीछे खड़ा नजर आता है. ये आतंकवादी पहले तो ब्रिटिश लहजे में अंग्रेजी बोल कर इराक में आईएसआईएस पर किए जा रहे हमलों का विरोध करता है और फिर अमेरिका और ब्रिटेन को चेतावनी देते हुए कैसिंग का सिर धड़ से अलग कर देता है. हालांकि इस बार अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई ने नकाबपोश आंतकवादी को पहचान लेने का दावा किया है, वहीं भी माना जा रहा है कि ये वारदात उत्तरी सीरिया के दबिक इलाके में अंजाम दी गई.
वीडियो में कैसिंग अकेला नहीं
इस बार इस वीडियो में कैसिंग अकेला नहीं है बल्कि उससे पहले आतंकवादियों को तकरीबन 12 इराकी फौजियों का सिर कलम करते हुए दिखाया गया है. मौत के इस नंगा नाच से पहले भी आतंकवादी अमेरिका और ब्रिटेन को चेताते हैं और अमेरिकी फौजियों को भी इसी तरीके से मौत के घाट उतारने की धमकी देते हुए फौजियों का सिर उतारने में लग जाते हैं.
अंतर्राष्ट्रीय समुदाय जहां आईएसआईएस की ओर से जारी किए गए इस ताजा वीडियो की नए सिरे से तस्दीक करने में जुटा है, वहीं अब तक जारी किए गए वीडियो और कत्ल के सिलसिले को देखते हुए तकरीबन पूरी दुनिया ही ये मान कर चल रही है कि पीटर कैसिंग अब इस दुनिया में नहीं है. अमेरिका के इंडियाना पोलिस इलाके के रहनेवाले 26 साल के पीटर कैसिंग को आईएसआईएस के आतंकवादियों ने पिछले साल तब अगवा कर लिया था, जब वो यूएस एड की तरफ से तुर्की में सीरियाई विस्थापितों की मदद कर रहा था. इसके बाद दूसरे बंधकों की तरह कैसिंग के घरवालों ने भी अपने बेटे को बख्श देने की गुहार लगाई थी.
क्या है जिहादी जॉन का सच
अमेरिकी पत्रकार जेम्स फोले से लेकर यूएस एड कार्यकर्ता पीटर कैसिंग तक. आईएसआईएस के गुमनाम ठिकानों में जो हाथ एक के बाद एक बेगुनाहों का सिर कलम करते रहे. आखिर वो हाथ किसके हैं? कौन है वो नकाबपोश जो हाथ में खंजर लिए कैमरे के सामने सिर कलम करता जा रहा है? सूत्रों की मानें तो उसका नाम जिहादी जॉन है. लेकिन अब खबर ये आ रही है कि पिछले दिनों एक हवाई हमले में जॉन बुरी तरह जख्मी हो गया है और मौत की कगार पर है. दुनिया को हिला देने वाली इन तस्वीरों में कटने वाला सिर हर बार बेशक किसी नए इंसान का था, लेकिन काटनेवाले ये हाथ हर बार एक ही शख्स के रहे.
अपने सिर कलम करने की सनक के चलते दुनिया भर में बदनाम जिहादी जॉन की असलियत तब पहली बार जमाने के सामने आई, जब आईएसआईएस ने बेगुनाहों को मारकर अमेरिका और ब्रिटेन को चेताने के सिलसिले में 21 अगस्त को पहली बार पत्रकार जेम्स फोले का सिर कलम किए जाने का वीडियो जारी किया. दरअसल, इस वीडियो से पहले जिहादी जॉन ने आईएसआईएस पर किए जा रहे हमलों का विरोध किया. लेकिन अपने चेहरे पर नकाब लगाए रखने के बावजूद सुरक्षा एजेंसियों ने उसे उसकी आवाज और अंग्रेजी बोलने के अंदाज से पहचान लिया.
कैमरून की जिंदा पकड़ने की चाहत
जिहादी जॉन के जख्मी होने की खबरों के बीच ब्रिटिश प्रधान मंत्री डेविड कैमरून में जॉन को जिंदा पकड़ने की अपनी ख्वाहिश का एक बार फिर से इजहार किया है. कैमरून ने कहा है कि जिहादी जॉन जिस तरह बेगुनाहों को मौत के घाट उतारता रहा है, उसे देखते हुए उसे मारने की बजाय पकड़ कर कानून की अदालत में पेश किया जाना ज्यादा जरूरी है. ताकि उसे उसके हर गुनाह की सही तरीके से सजा मिल सके. कैमरून का ये बयान तब आया है, जब ब्रिटेन से बड़ी तादाद में कट्टर जेहनियत वाले नौजवानों के आईएसआईएस में शामिल होने के लिए देश छोड़कर इराक का रुख करने की खबरें सामने आई हैं.
हालांकि खुद ब्रिटेन की सरकार ने इस बात की पुष्टि की है और कहा है कि अब तक तकरीबन 500 ब्रिटिश नौजवान आईएसआईएस में शामिल होने के लिए चोरी छिपे इराक और सीरिया के लिए रवाना हो चुके हैं. प्रधानमंत्री कैमरून ने ऐसे नौजवानों समेत आतंकवादी बनने के ख्वाहिशमंद लड़कों को आगाह करते हुए कहा है कि ऐसा करने का अंजाम यकीनन बुरा ही होगा. कैमरे पर सिर कलम करने वाले हाथ बेशक जिहादी जॉन के हों, लेकिन खंजर उठाने का हुक्म हमेशा बगदादी ही देता है. बगदादी यानी दुनिया के सबसे अमीर आतंकवादी संगठन का सरगना. अलकायदा के चीफ अल जवाहरी के बाद दुनिया का मोस्ट वांटेड आतंकवादी.
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बगदादी का असल मकसद
अलकायदा के चीफ अल जवाहरी के बाद दुनिया के इस मोस्ट वांटेड आतंकवादी की जो सबसे बड़ी पहचान है, वो यही कि उसे पोशीदा रहना ही पसंद है. लेकिन नकाब के पीछे रहकर भी इस शख्स ने अब तक जो कत्ल-ओ-गारत मचाई है, उसके बारे में सुन कर रौंगटे खड़े हो जाते हैं. 16 मई 2010 को आईएसआईएस के मुखिया के तौर पर दुनिया के इस सबसे अमीर आतंकवादी संगठन की कमान संभालनेवाला बगदादी पहले से अलकायदा के कमांडर ओसमा बिन लादेन का मुरीद रहा है. वो अल-कायदा के आका की मौत का बदला लेना चाहता है.
बगदादी का पहला मकसद
बगदादी अपने खतरनाक मंसूबे में कामयाबी पाने के लिए पहले तो इराक और सीरिया पर कब्जा करना चाहता है और सच ये है कि वो अपने इस मकसद में काफी हद तक कामयाब भी हो चुका है. उसके लड़ाकों ने सीरिया के कुछ हिस्सों पर कब्जा कर रखा है और इसके साथ ही इराक के कई शहरों पर भी आईएसआईएस के आतंकवादी कब्जा जमाए बैठे हैं.
बगदादी का दूसरा मकसद
बगदादी का दूसरा मकसद सिर्फ और सिर्फ इराक और सीरिया को जीतना नहीं है बल्कि वो तो तमाम लेवेंट मुल्कों यानी साइप्रस, इजरायल, जॉर्डन, लेबनान, सीरिया, फिलिस्तीन और टर्की को मिलाकर एक इस्लामिक अमीरात बनाना चाहता है.
बगदादी का तीसरा मकसद
बगदादी का सपना यहीं तक महदूद नहीं रहता. वो इन मुल्कों पर कब्जा करने के बाद पाकिस्तान और अफगानिस्तान पर कब्जा और फिर अपना साम्राज्य हिंदुस्तान में गुजरात समेत उत्तर पश्चमी राज्यों तक फैलाना चाहता है. जानकारों की मानें तो बगदादी द इस्लामिक स्टेट ऑफ खोरासान बनना चाहता है और अगर अबू बकर अल बगदादी अपने मकसद में कामयाब हो गया तो यकीनन ही दुनिया का नक्शा बदल जाएगा. लेकिन चौंकाने वाली बात ये है कि भारत के काफी आतंकवादी आईएसआईएस में शामिल हो चुके हैं. कुछ महीने पहले सीरिया के राजदूत इस बात का खुलासा भी कर चुके हैं कि हिंदुस्तान के जेहादी उनके देश मे बशर सरकार के खिलाफ जंग में शामिल हो चुके हैं और अगर ये बात सच है तो एक बात तो तय है कि आने वालो वक्त में आईएसआईएस भारत के लिए भी एक बड़ा खतरा बन सकता है.
ये अबु बकर अल बगदादी ही है, जिसकी अगुवाई में आईएसआईएस के आतंकवादियों ने ना सिर्फ इराक के दूसरे बड़े शहर मोसुल को अपने कब्जे में कर लिया, बल्कि इसी सिलसिले में मोसुल के सेंट्रल बैंक को लूट कर इस दुनिया की सबड़े बड़ी बैंक लूट का इतिहास भी अपने नाम कर लिया. इस लूट में बगदादी और उसके गुर्गों ने 500 बिलियन इराकी दीनार यानी तकरीबन 25 सौ करोड़ रुपये बटोरे. यूएस स्टेट डिपार्टमैंट ने अबू बकर अल बगदादी के सिर पर या उसका पता देने वाले को 10 मिलियन यूएस डॉलर के इनाम का ऐलान कर रखा है. ये रकम अल कायदा के नए चीफ अल जवाहरी के सिर पर रखे गए 25 मिलियन यूएस डॉलर के इनाम के बाद दूसरी सबसे बड़ी रकम है.