यूपी के मंत्री रहे समाजवादी पार्टी के नेता अमरमणि त्रिपाठी के बेटे अमनमणि त्रिपाठी और उसकी पत्नी सारा एक ही कार में थे. कार का एक्सीडेंट हो गया. पत्नी की जान चली गई, लेकिन पति का बाल भी बांका न हुआ. तो क्या ये महज इत्तेफाक है? होने को कुछ भी हो सकता है, लेकिन शक तब गहराता है जब पता चलता है कि दोनों के रिश्ते ठीक नहीं थे.
एक ऐसा सड़क हादसा जिसमें कार में बैठी एक लड़की की मौके पर ही मौत हो जाती है, जबकि दूसरे शख्स को खरोंच तक नहीं आती. ये कार ना तो किसी दूसरी गाड़ी से टकराती है, ना किसी डिवाइडर से और ना ही इसका ब्रेक फेल होता है. इसके बावजूद बीच सड़क पर अचानक ही ये कार पलट जाती है और इसमें सवार दो लोगों में से एक की जान रहस्यमई तरीके से चली जाती है.
यूपी के पूर्व मंत्री और समाजवादी पार्टी के नेता अमरमणि त्रिपाठी नौजवान कवियित्री मधुमिता शुक्ला के कत्ल के मामले में मुजरिम करार दिए जाने के बाद इन दिनों उम्र कैद की सजा काट रहे हैं. जबकि अमरमणि के साहबजादे अमनमणि अब तक अपहरण के मामले में यूपी पुलिस की नजर में फरार चल रहे हैं.
बताया जाता है कि अमनमणि और सारा की शादी 2013 में हुई थी. लेकिन दोनों काफी दिनों से अलग रह रहे थे. इससे भी अजीब बात ये है कि इस हादसे से महज 15 दिन पहले ही अमनमणि ने अपनी पत्नी सारा की तरफ एक बार फिर से सुलह का हाथ बढ़ाया था और दोनों साथ रहने लगे थे, लेकिन इससे पहले कि दोनों की जिंदगी की गाड़ी और आगे बढ़ती, उनकी गाड़ी का एक्सीडेंट हो गया.
कैसे हुआ हादसा
बीच हाईवे में यह एक्सीडेंट एक गाड़ी को ओवरटेक करने और एक महिला को बचाने के चक्कर में हुआ, लेकिन कई दिन गुजरने के बाद भी ना तो पुलिस को उस गाड़ी का पता चला, जिसका ओवरटेक हो रहा था और न ही वो महिला मिली, जिसे बचाने के चक्कर में एक्सीडेंट हुआ. पुलिस को बीच सड़क पर हुए इस एक्सीडेंट का एक अदद चश्मदीद तक नहीं मिला. आलम यह है कि रोड एक्सीडेंट पर जितने लोगों को यकीन है, उससे कहीं ज्यादा लोगों को इस पर शक है.
कब हुआ एक्सीडेंट
खबरों के मुताबिक, गुरुवार तकरीबन डेढ़ बजे इस कार का एक्सीडेंट होता है. इस एक्सीडेंट की जो थ्योरी बताई गई और उसके बाद तफ्तीश में जो बातें सामने आईं उसने जैसे मामले को अचानक से उलझा कर रख दिया. अमनमणि ने बताया कि फिरोजाबाद के सिरसागंज इलाके में किसी गाड़ी को ओवरटेक करने के दौरान उनकी कार पलट गई. अमन के मुताबिक, ओवरटेक करने के बाद उसकी कार के सामने एक महिला आ गई थी और उसे बचाने के चक्कर में कार बेकाबू होकर पलटती हुई सड़क के नीचे खाई में जा गिरी.
जानकारों की मानें तो आम तौर पर किसी भी गाड़ी के अचानक पलटने या कलाबाजी खाने की सूरत में कार की छत सबसे ज्यादा डैमेज होती है क्योंकि अक्सर गाड़ियों की छत लोहे की हल्की चादर से बनी होती है. लेकिन यहां इस गाड़ी के खाई में गिरने से एक लड़की की जान चली गई, उस गाड़ी की छत को कोई नुकसान ही नहीं हुआ. सूत्रों की मानें तो जिस जगह पर ये हादसा होने की बात कही गई, उसके आस-पास कोई आबादी तक नहीं है. ऐसे में अचानक महिला सामने आ जाने की थ्योरी भी सवालों के घेरे में है.
सवालों के घेरे में दूरी
एक सवाल यह भी कि कोई 322 किलोमीटर का फासला जल्दी पूरा कर सकता है या फिर 593 किलोमीटर का? जवाब यकीनन 322 किलोमीटर होगा, लेकिन फिरोजाबाद में अमनमणि और उसकी पत्नी सारा के साथ हुए रोड एक्सीडेंट के बाद लखनऊ से चले सारा के घरवाले तो बाद में पहुंचे, गोरखपुर से अमनमणि के हमदर्द पहले पहुंच गए. तो क्या ये भी एक इत्तेफाक है? लखनऊ से फिरोजाबाद की दूरी तकरीबन 322 किलोमीटर है, जबकि सड़क के रास्ते सफर का वक्त तकरीबन 5.30 घंटे. गोरखपुर से फिरोजाबाद की दूरी तकरीबन 593 किलोमीटर है और सड़क के रास्ते सफर का वक्त करीब 9.11 घंटे.
क्या कहते हैं सारा के घरवाले
सारा के घरवालों की मानें तो फिरोजाबाद में उनके पहुंचने से पहले गोरखपुर नंबर यानी यूपी 53 गाड़ियों का एक अच्छा-खासा काफिला अमनमणि के पास पहुंच चुका था. ऐसा तभी हो सकता है, जब हादसे की खबर किसी को वक्त से पहले मिल जाए और यकीनन ये हकीकत शक तो पैदा करता ही है.
अमनमणि और सारा ने लव मैरिज की थी. शुरू में दोनों के ही घरवाले इससे नाराज थे, लेकिन सारा के घरवालों को तब दूसरा झटका लगा जब उन्हें पता चला कि उनकी जिंदगी में सबकुछ ठीक नहीं है. सारा अब तलाक चाहती थी, लेकिन इस बीच उसने अपने रिश्ते को एक और चांस देने का फैसला किया. मगर, इत्तेफाक से यही चांस जानलेवा साबित हुआ.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में क्या
सारा की पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी शक पैदा करती है. अब तक की जानकारी के मुताबिक सारा की मौत की वजह हैमरेज यानी रक्तस्राव और फेफड़ों पर चोट की वजह से हुई है. लेकिन घरवालों समेत बहुत से लोगों को लगता है कि एक्सीडेंट में फेफड़ों में चोट जैसी बात गले नहीं उतरती. जाहिर है, सच जो भी है, सवालों के घेरे में है.