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गिफ्ट में मिले बम से तबाही मचाना चाहता है ये तानाशाह

दुनिया के सबसे ताकतवर मुल्क यानी अमेरिका से दक्षिण कोरिया की दोस्ती उसके पड़ोसी उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन को कुछ इतनी नागवार गुजर रही है कि उसने इसके खिलाफ वो परमाणु युद्ध छेड़ने तक की धमकी दे डाली है.

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शुरुआत से लेकर आज तक इस दुनिया में इंसानों ने तरक्की के नामालूम कैसे-कैसे मुकाम हासिल किए लेकिन इसी तरक्की के दौड़ में उसने अपने इर्द-गिर्द परमाणु बम और हाईड्रोजन बम जैसे मौत के सामान भी जुटा लिए. अब यही मौत के सामान पूरी दुनिया के लिए सबसे बड़ा खतरा बन चुके हैं क्योंकि एक तानाशाह ने अब जो नई धमकी दी है, यकीन मानिए अगर वो अमल में लाई गई, तो पूरी दुनिया तबाह हो जाएगी.

दुनिया के सबसे ताकतवर मुल्क यानी अमेरिका से दक्षिण कोरिया की दोस्ती उसके पड़ोसी उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन को कुछ इतनी नागवार गुजर रही है कि उसने इसके खिलाफ वो परमाणु युद्ध छेड़ने तक की धमकी दे डाली है. अगर ये धमकी और कुछ रोज पहले दी गई होती, तो शायद दुनिया इसे हल्के में भी ले लेती लेकिन इसी साल छह जनवरी को उत्तर कोरिया ने जिस तरह से परमाणु परीक्षण कर आधी दुनिया में जलजला पैदा कर दिया, उसके बाद अब किम जोंग उन की धमकी ने सिर्फ अमेरिका और दक्षिण कोरिया ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया को सकते में डाल दिया है.

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फितरत से दुनिया पहले ही वाकिफ
वैसे भी बात-बात पर अपने दुश्मनों को गोली मारने, जंगली कुत्तों और मगरमच्छों के आगे डलवाने वाले किम जोंग उन की फितरत से दुनिया पहले ही वाकिफ है और ऐसे में अगर वाकई ये तानाशाह अपनी धमकी पर अमल करता है तो इसका कब, कहां, कितना और कैसा असर होगा, इसका गुमान खुद किम जोंग उन को भी नहीं होगा.

किम जोंग उन की त्योरियां क्यों चढ़ीं?
दरअसल, अमेरिका और दक्षिण कोरिया ने की-रिजॉल्व यानी आखिरी फैसला और फोल ईगल यानी नन्हा बाज के नाम दो सैन्य अभ्यास की शुरुआत की है. की-रिजॉल्व के तहत जहां दोनों मुल्कों के फौजी साइबर वर्ल्ड में मौजूदा जंग के खतरे और उससे निपटने के तौर-तरीकों से वाकिफ हो रहे हैं, वहीं फोल-ईगल के तहत उनका जोर मैदान-ए जंग में आमने-सामने की लड़ाई और व्यूह रचना पर है. अमेरिका की ओर से इस अभ्यास में जहां 17 हजार से ज्यादा फौजी हिस्सा ले रहे हैं, वहीं दक्षिण कोरिया ने अपने 30 हजार फौजियों को इस काम में लगा रखा है और बस, इन्हीं तैयारियों को देख कर उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन की त्योरियां चढ़ी हुई हैं.

हालांकि तानाशाह किम जोंग उन के इस धमकी भरे बयानबाजी पर दक्षिण कोरिया भी खामोश नहीं है. बल्कि दक्षिण कोरिया के एक प्रवक्ता ने साफ कर दिया है कि अगर उत्तर कोरिया ने कोई भी गैर जिम्मेदारी हरकत की, तो उसे उसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी. दक्षिण कोरिया ने तो यहां तक दिया है कि उनकी फौज उत्तर कोरिया में बिल्कुल सटीक और असरदार हमले करने के लिए पूरी तरह तैयार है और वो ये बता देना चाहते हैं कि इस जंग में फिर किसी तरह के रहम की कोई गुंजाइश नहीं है. हालांकि एक-दूसरे को डराने धमकाने के सिलसिले का यही अंत नहीं है. बल्कि अब तो जापान ने भी उत्तर कोरिया को ऐसी किसी हरकत से बचने की दो टूक चेतावनी दे दी है.

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गिफ्ट में मिला हाइड्रोजन बम
किसी सनकी तानाशाह के हाथ में दुनिया के सबसे ताकतवर और सबसे खतरनाक बम का होना एक फिक्र की बात है. और वो भी एक ऐसा बम, जो किसी भी बड़े शहर का नामोनिशान बस मिनटों में मिटा दे. हाल ही में उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन के बर्थडे पर उसके वैज्ञानिकों ने उसे ऐसा ही खतरनाक हाइड्रोजन बम गिफ्ट में दिया है.

6 और 9 अगस्त 1945 को जापान के दो शहरों हरोशीमा और नागासाकी पर हुए परमाणु बमों के ये धमाके आज भी इतिहास के वो स्याह पन्ने हैं, जिन्हें याद करने भर से रौंगटे खड़े हो जाते हैं. तब महज दो परमाणु बमों ने जापान के इन दो शहरों में सवा दो लाख से ज्यादा लोगों की जान ले ली थी. अब जरा सोचिए, उस हाईड्रोजन बम की जो इन दो शहरों पर गिराए गए ऐसे किसी भी परमाणु बम से सौ गुना ज्यादा शक्तिशाली है. अगर ऐसा कोई बम किसी शहर पर गिरा दिया जाए, तो अंजाम क्या होगा? बस, इतना समझ लीजिए कि एक हाईड्रोजन बम करोड़-डेढ़ करोड़ की आबादी वाले किसी भी शहर को मिनटों में पूरी तरह से मटियामेट कर सकता है. और यही वजह है कि इस वक्त अगर दुनिया में तबाही का कोई सबसे बड़ा सामान मौजूद है, तो वो हाईड्रोजन बम ही है.

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हालांकि पिछले साल सितंबर में ही वॉशिंगटन स्थित 'इंस्टीट्यूट फॉर साइंस एंड इंटरनेशनल सिक्योरिटी ने नॉर्थ कोरिया के यांगयोन न्यूक्लियर कॉम्प्लेक्स में खतरनाक वेपन डेवलप करने का शक जाहिर कर दिया था. थिंक टैंक ने सैटेलाइट इमेजेस के आधार पर बताया था कि नॉर्थ कोरिया ने हाइड्रोजन बम बनाने की तकनीक बना ली है. और 6 जनवरी को सचमुच नार्थ कोरिया ने हाइड्रोजन बम का परीक्षण कर लिया.

एक्सिस ऑफ इविल्स यानी शैतान की धुरी
अमेरिका ने किम के देश पर कई तरह की पाबंदियां लगा रखी हैं. अमेरिकी सरकार उत्तर कोरिया को एक्सिस ऑफ इविल्स यानी शैतान की धुरी कहती है, लेकिन किम जोंग-उन की सेहत पर शायद ही इसका कभी असर पड़ा हो. वह अपनी चाल चलता है. अपने मन की करता है.

उत्तर कोरिया की जनता का भविष्य ये तानाशाह खुद तय करता है. दक्षिण कोरिया और अमेरिका के साथ लगातार तनाव के चलते यहां हमेशा युद्ध जैसे हालात बने रहते हैं. इसलिए अपनी सैन्य ताकत बढ़ाने के लिए ये तानाशाह हर घर से लोगों को जबरदस्ती सेना में शामिल करवाने का आदेश देता है. इतना ही नहीं, सेना की ताकत बढ़ाने के लिए लड़कियों को भी जबरदस्ती सैनिक बनाता है.

उत्तर कोरिया तो इस तानाशाह का दंश झेल ही रहा है. लेकिन अब ये बाकी दुनिया को भी गीदड़भभकी दे रहा है. कभी जापान को तो कभी अमेरिका को परमाणु हमले की चेतावनी देता रहता है और अब तो ये हाइड्रोजन बम से भी लैस है. जाहिर है इसे जल्दी नहीं रोका गया तो पूरी दुनिया के लिए खतरा बन सकता है.

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