दुनिया भर में मौत और खौफ बांटने वाला अगर खुद मौत से खौफ खाने लगे तो इसका मतलब है कि उसे भी डर तो लगता है. एक अकेला शख्स पूरे आईएस को डरा रहा है. आखिर कौन है ये शख्स और क्यों पूरी दुनिया को दहला देने वाला सबसे खतरनाक आतंकवादी संगठन आईएस अचानक उसके नाम से डरने लगा है?
अबू अजरेल वो नाम हैं जो अयूब फलेह के चाहने वालों ने उसे दिया है. आईएसआईएस के आतंकवादी उसे मौत का फरिश्ता कह कर बुलाते हैं. भले ही आईएसआईएस के आतंकवादी इराक और सीरिया के कई इलाकों और शहरों में कहर बरपा रहे हो लेकिन अबू अजरेल उन्हें बिलकुल ठीक उन्हीं के अंदाज मे जवाब दे रहा है. वह आईएसआईएस के आतंकवादियों के लिए चलती-फिरती मौत से कम नहीं है. शायद इसीलिए आईएसआईएस के आतंकी उससे डरते हैं. वह इराक में आईएसआईएस के लिए दहशत का दूसरा नाम बन चुका है.
सीने पर बुलेटप्रूफ जैकेट, एक हाथ में एसाल्ट राइफल तो दूसरे हाथ में कुल्हाड़ी और निशाने पर आईएसआईएस के आतंकी . अबू अजरेल को कुछ इसी अंदाज में इराक के अलग-अलग शहरों में आईएसआईएस के खिलाफ लड़ता हुआ देखा जा सकता है.
दरअसल सूत्रों के मुताबिक 40 साल का अयूब फलेह इरान का नागरिक है. वह वहां कि यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर था. इतना ही नहीं खबरों के मुताबिक अबू अजरेल अपने देश इरान में ताइक्वांडो का चैंपियन भी रह चुका है. दरअसल इराक में आईएसआईएस के शिया मुसलमानों के कत्ल-ए-आम को देखने के बाद उसने नौकरी छोड़ दी और वो इमाम अली ब्रिगेड में शामिल हो गया. इमाम अली ब्रिगेड शिया मिलिशिया ग्रुप है जो इराक में आईएसआईएस के खिलाफ लड़ रही है. अबू अजरेल इस ग्रुप का कमांडर बन गया. लोगों का दावा है कि वो अकेले आईएसआईएस के 500 आतंकवादियों को मार चुका है.
अबू अजरेल एक नारा बुलंद करता है. 'इल्लाह ताहीन' मतलब धूल के अलावा कुछ नहीं बचेगा. उसने कमस खाई है कि जब तक वो इराक से आईएसआईएस के आतंकवादियों को खदेड़कर बाहर नहीं करेगा तब तक वो आईएसआईएस के खिलाफ लड़ता रहेगा.
इराक में ही नहीं बल्कि दुनियाभर के लोग अबू अजरेल की हिम्मत के कायल हो चुके हैं. अबू अजरेल के फैन्स ने फेसबुक पर उसके नाम से कई क्लब, कम्यूनिटी और पेज बना रखे हैं. जिन पर अबू अजरेल के बहादुरी के किस्से दर्ज हैं. अबू अजरेल सिर्फ खाड़ी के देशों में ही नहीं बल्कि इंग्लैंड, फ्रांस और अमेरिकी अखबारों में भी सुर्खियों में है.