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4 साल की उम्र में ऐसा सितम!

दिल्ली के केशवपुरम इलाके में शुक्रवार को चार साल की बच्ची के उस दर्द की कहानी जो हैवानियत की शिकार हुई. खेलने की उम्र में दरिंदगी की शिकार हुई वह बच्ची उस दिन अपनी मम्मी की मदद करने के लिए गली में आए पानी के टैंकर से पानी भर रही थी. तभी उसे एक शख्स मिला और उसे चाऊमीन खिलाने की बात कही.

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4 साल की उम्र में ऐसा सितम!
4 साल की उम्र में ऐसा सितम!

दिल्ली के केशवपुरम इलाके में शुक्रवार को चार साल की बच्ची के उस दर्द की कहानी जो हैवानियत की शिकार हुई. खेलने की उम्र में दरिंदगी की शिकार हुई वह बच्ची उस दिन अपनी मम्मी की मदद करने के लिए गली में आए पानी के टैंकर से पानी भर रही थी. तभी उसे एक शख्स मिला और उसे चाऊमीन खिलाने की बात कही.

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दरिंदगी के आरोपी उस अंकल को कैसे पता चला कि बच्ची को चाऊमीन बहुत पसंद है. पहले तो बच्ची ने मना किया, लेकिन जब अंकल ने प्रॉमिस किया कि वो चाऊमीन खिला कर उसे वापस उसके घर छोड़ देंगे, तो मासूम ने उन पर भरोसा कर लिया और उनके साथ चली गई. उन्होंने पास वाली दुकान से 10 रुपए का चाऊमीन खरीद कर बच्ची को खिलाया. इसके बाद जब मासूम ने घर जाने की बात कही तो अंकल ने बहाना करना शुरू कर दिया. जब वह रो रही थी तो उन्होंने उसे ब्लेड से काटा. बहुत रोने पर भी दरिंदे अंकल ने उसे नहीं छोड़ा और बच्ची का मुंह दबा दिया. फिर बच्ची को नहीं पता कि उसके साथ और क्या हुआ. मासूम नहीं जानती कि वह सो गई थी या फिर बेहोश हो गई थी.

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बाद में उसके पड़ोस में रहने वाली एक आंटी ने उसे झाड़ियों में देखा और उन्होंने ही उसके घरवालों को खबर दी. बताते हैं कि वो आंटी भी बच्ची की हालत देख कर डर गई. जब 4 साल की मासूम के पापा ने उसे इस हालत में देखा, तो वो भी डर गए और पापा पहचान भी नहीं सके.

अब इतने साल बाद एक बार फिर इस मासूम के बहाने लोग निर्भया और गुड़िया दीदी की बातें करने लगे हैं. पता नहीं क्यों, अब आस-पास के सारे अंकल एक-दूसरे से अपने अंदर झांकने को भी कहने लगे हैं. दिल्ली में रहने वाली इस आम बच्ची को अब आप छुटकी कह लें, गुड़िया कह लें या फिर निर्भया दीदी का नाम दे दें, इससे क्या फर्क पड़ता है?

अब फिर इस मासूम के साथ हुई दरिंदगी की वजह से लोगों में गुस्सा है. कुछ लोग फिर से कैंडल और मोमबत्तियां जलाने निकल पड़ें. लेकिन शायद अब निर्भया और गुड़िया दीदी के साथ हुए हादसे को बहुत दिन गुजर चुके हैं. क्या निर्भया और गुड़िया दीदी जैसे मामले की तरह इस मासूम के लिए भी कैंडल जलाने से बच्ची के घाव भर जाएंगे? क्या फिर कभी कोई गंदे अंकल किसी बच्ची के साथ ऐसा नहीं करेंगे?

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