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इलाहाबाद पुलिस आशिक-मार पुलिस क्यों बन गई?

जिस शहर की पुलिस चोर-बदमाशों का पीछा छोड़ कर आशिकों के पीछे डंडा लेकर भागने लगे, तो फिर उस शहर का ऊपरवाला ही मालिक है. इलाहाबाद की हालत कुछ ऐसी ही है. यहां पुलिस ना सिर्फ आशिकों का पीछा कर रही है, बल्कि उन्हें उस गुनाह की सजा दे रही है, जो उन्होंने किया ही नहीं.

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Symbolic Image
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जिस शहर की पुलिस चोर-बदमाशों का पीछा छोड़ कर आशिकों के पीछे डंडा लेकर भागने लगे, तो फिर उस शहर का ऊपरवाला ही मालिक है. इलाहाबाद की हालत कुछ ऐसी ही है. यहां पुलिस ना सिर्फ आशिकों का पीछा कर रही है, बल्कि उन्हें उस गुनाह की सजा दे रही है, जो उन्होंने किया ही नहीं.

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इलाहाबाद के कंपनी बाग में पुलिस छेड़छाड़ रोकने के इरादे से अभियान चला रही है. लेडी पुलिस ने पार्टी सीओ ट्रैफिक अलका भटनागर की अगुवाई में अचानक कंपनी बाग में धावा बोला. यहां घूमने-फिरने और एक-दूसरे के साथ सुकून के दो पल गुजारने के लिए पहुंचे लोग आने वाले वक्त से बेखबर थे. यहां पहुंचते ही पुलिस अपने असली रंग में आ गई और वहां जमा जवां जोड़ों की पिटाई करने लगी. पुलिस ने एक-एक करके सभी लड़के-लड़कियों को अपनी जगह से उठा कर एक जगह इकट्ठा किया और फिर ज्ञान बांटने के साथ-साथ खुद ही सबको सजा देने लगी.

पुलिस ने सबसे पहले लड़कों को मुर्गा बनाया और फिर इसी हाल में लेडी कांस्टेबल ने सीओ के हुक्म पर लड़कों की पिटाई की. लड़के-लड़कियों से कहा गया कि अगर आइंदा उन्हें यहां देखा गया, तो ना सिर्फ कड़ी कार्रवाई होगी, बल्कि घरवालों को खबर दे दी जाएगी. घबराए लड़के गिड़गिड़ाने लगे और लड़कियां रोने लगीं. छेड़खानी रोकने के लिए मनचलों के खिलाफ पुलिस का यह अजीबोगरीब अभियान जारी रहा.

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लॉ एंड ऑर्डर, प्रिवेंशन और क्राइम डिटेक्शन जैसे गंभीर और बड़े मसलों को छोड़ कर पुलिस अब लड़कियों को उनके पहनावे-ओढ़ावे पर सबक देने लगी है. खुद सीओ अलका भटनागर किसी लड़की को कलरफुल नेल पेंट ना लगाने की नसीहत देती हैं, कभी जात पूछती हैं, तो कभी यह कहकर आगाह करती हैं कि कल को उसका यह ब्वॉयफ्रैंड उसे छोड़ कर जरूर चला जाएगा.

किसी भी मामले में इंसाफ के लिए कायदे-कानून हैं, तो अदालतें भी हैं. लेकिन अगर अदालत तक पहुंचने से पहले ही वर्दीवाले खुद अपने हाथों से किसी का इंसाफ करने लगें, किसी को सजा देने लगे, तो फिर हालत क्या होगी? इलाहाबाद पुलिस को शहर के स्कूल-कॉलेजों और सार्वजनिक जगहों पर लड़कियों को छेड़छाड़ से बचाने के लिए मजनुंओं पर शिकंजा कसना कुछ इस तरह है जैसे इन दिनों ऑपरेशन शिष्टाचार के जरिए दिल्ली पुलिस कर रही है.

पुलिस अगर ऐसी जगहों पर पहुंच कर नौजवानों को समझा-बुझा कर छोड़ भी देती, तो भी गनीमत थी, लेकिन नैतिकता की घुट्टी पिलाने से शुरू हुई ये कवायद जात पूछने और उठक-बैठक कराने से लेकर पिटाई करने तक जा पहुंची, तो मामला बिगड़ गया. जो लोग मजनुओं को रोकने की पुलिस की कोशिशों के हक में थे, वो भी पुलिस के रवैये को लेकर उनके खिलाफ हो गए.

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दिल दहलाने वाली हुई एक ऐसी वारदात जिसकी तस्वीरें सीसीटीवी में कैद हुईं. मुंबई की एक दुकान में अचानक घुसे गुंडे ने दुकानदार पर एक के बाद एक तलवार से दो ताबड़तोड़ वार किए, लेकिन खुशकिस्मती से दोनों ही वार खाली गए. दिल दहला देनेवाली वारदात की तस्वीरें सीसीटीवी में कैद हो गईं.

मुंबई के चेंबूर इलाके में मौजूद एक दुकान में एक दुकानदार काउंटर पर खड़े अपने ग्राहक से कुछ बात कर रहा था. चंद सेकेंड्स गुजरते ही दुकान में अचानक काले रंग की शर्ट पहने एक शख्स अंदर घुस आया और आते ही सीधे दुकानदार पर टूट पड़ा. दुकानदार ने खुद को बचाने की कोशिश की और इसी कोशिश में उसका बायां हाथ जख्मी हो गया. इससे पहले कि दुकानदार और उसके सामने खड़ा ग्राहक कुछ समझ पाते, हमलावर दोबारा तेजी से आए और दूसरा वार किया. खुशकिस्मती से इस बार दुकानदार अपनी कुर्सी पर बैठे-बैठे तलवार के वार से बचने में कामयाब हो गया.

सामने खड़ा ग्राहक हरकत में आया और हमलावर को दबोचने की कोशिश करने लगा. इस कोशिश में हमलावर के साथ-साथ वह भी दुकान से बाहर निकल गया लेकिन अगले ही पल हमलावर उसके चंगुल से छूट कर भाग निकलने में कामयाब हो गए. अचानक हुए इस हमले से घबराया दुकानदार ने ना सिर्फ चिल्ला कर आस-पास के लोगों से मदद की गुहार लगाई बल्कि फोन करके कुछ और लोगों को मदद के लिए अपने पास बुलाया.

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