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क्या है मोस्ट वांटेड हयात का रहस्य!

हयात...यानी जिंदगी. पर ज़रा सोचें अगर ज़िंदगी खुद ही मौत बन कर दूसरों को मौत बांटने लग जाए तो क्या हो? पेरिस में हुए हमले की कहानी कुछ ऐसी है क्योंकि इस हमले में जिस हयात पर बेगुनाहों को मौत देने का इल्ज़ाम है, इत्तेफ़ाक से उसका नाम हयात ही है. पर हयात को लेकर मामले में एक नया ट्विस्ट आ गया है. दरअसल फ्रेंच पुलिस का दावा है कि पेरिस हमले के दौरान हयात मौका-ए-वारदात पर मौजूद थी. जबकि पेरिस से तीन हजार किलोमीटर दूर तुर्की पुलिस का कहना है कि तब हयात टर्की में थी. अब एक हयात एक साथ दो जगह कैसे हो सकती है?

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हयात...यानी जिंदगी. पर ज़रा सोचें अगर ज़िंदगी खुद ही मौत बन कर दूसरों को मौत बांटने लग जाए तो क्या हो? पेरिस में हुए हमले की कहानी कुछ ऐसी है क्योंकि इस हमले में जिस हयात पर बेगुनाहों को मौत देने का इल्ज़ाम है, इत्तेफ़ाक से उसका नाम हयात ही है. पर हयात को लेकर मामले में एक नया ट्विस्ट आ गया है. दरअसल फ्रेंच पुलिस का दावा है कि पेरिस हमले के दौरान हयात मौका-ए-वारदात पर मौजूद थी. जबकि पेरिस से तीन हजार किलोमीटर दूर तुर्की पुलिस का कहना है कि तब हयात टर्की में थी. अब एक हयात एक साथ दो जगह कैसे हो सकती है?

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फ्रांस की मोस्ट वांटेड औरत और आतंकी हमलों की मुल्जिम हयात बौऊमेडिनी को लेकर रहस्य की धुंध ऐसी छाई है कि दुनिया की धाकड़ सुरक्षा एजेंसियों की आंखों के सामने धुआं छा गया है. अच्छे-अच्छों को ये समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर एक वक्त पर एक इंसान एक ही साथ दो जगहों पर कैसे हो सकता है? क्योंकि एक तरफ़ तो फ्रांस की पुलिस ये दावा कर रही है कि पेरिस में एक दो पुलिसकर्मियों को निशाना बनाने और हाइपर कैशर नाम के सुपर मार्केट पर हमले के दौरान आतंकवादी एमिडी कॉलीबेली के साथ उसकी पत्नी हयात बौऊमेडिनी भी मौजूद थी.

वहीं दूसरी तरफ़ फ्रांस से साढ़े तीन हज़ार किलोमीटर दूर तुर्की की सरकार ये कर रही है कि हमले के दौरान कॉलीबेली की पत्नी बौऊमेडिनी तो किसी और लड़के के साथ तुर्की में देखी गई और ना सिर्फ़ देखी गई बल्कि तुर्की की एजेंसियों ने लगातार उसका पीछा भी किया. अब सवाल यही है कि अगर हमले के दौरान बौऊमेडिनी तुर्की में थी, तो पेरिस में कॉलीबेली के साथ कौन था? और अगर वो कोई दूसरी औरत थी, तो फिर फ्रांस पुलिस ने हमलों के दौरान बौऊमेडिनी के वहां देखने की बात कैसे कही? और कैसे पुलिस ने बोऊमेडिनी को इस हमले का मोस्ट वांटेड करार दे दिया?

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अगर तुर्की की ये बातें और ये सीसीटीवी फुटेज सही है, तो फिर सवाल ये उठता है कि अगर वो हमले के दौरान यानी 8 और 9 जनवरी को तुर्की और सीरिया में रही, तो फिर फ्रांस पुलिस उसे मौका-ए-वारदात पर देखने का दावा कैसे कर रही है? और अगर वो वाकई हमलों की गुनहगार नहीं है, तो फिर इसी हमले के बाद से अपने घर से रहस्यमयी तरीके से गायब क्यों है? और सबसे अहम ये कि इस वक्त बौऊमेडिनी कहां है? ज़ाहिर है, इन तमाम सवालों ने फिलहाल हर किसी को उलझा दिया है.

तो क्या पेरिस पर हुआ हमला अल-कायदा और आईएसआईएस का एक ज्वाइंट ऑपरेशन था? क्या इसके पीछे साढ़े तीन फुट के जेहादी कमांडर मिस्टर मार्लबोरो का हाथ था? हमले के तुरंत बाद इसकी मोस्ट वांटेड मुल्जिम हयात जिस तरह से सीरिया में गुम हो गई और जिस तरह फ्रांस ने अफ्रीका के रेगिस्तान में मिस्टर मार्लबोरो की तलाश शुरू की है उससे तो कुछ ऐसा ही लगता है.

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