क्या पैसे पेड़ पर उगते हैं? यकीनन नहीं. लेकिन अगर कोई आपसे ये कहे कि वो कागज के टुकड़ों को डॉलर में बदल सकता है तो आपका जवाब क्या होगा? ब्लैक डॉलर के धंधेबाजों के पास वो जादुई तकरीब मौजूद है, जो देखते ही देखते आंखों के सामने कागज के टुकड़ों को चमचमाते अमेरिकी डॉलर में तब्दील कर देती है. लेकिन इस तरकीब पर जो भी यकीन करता है, उसकी किस्मत नहीं खुलती, बल्कि वो कंगाल हो जाता है.
आपने जादूगरों को नामुमकिन चीजों को मुमकिन करते तो कई बार देखा होगा लेकिन क्या कभी ऐसा भी कोई जादू देखा है, जिसकी बदौलत कोरे कागज के टुकड़े भी हरे-हरे नोटों में तब्दील हो जाएं. कागज के टुकड़ों को डॉलर में तब्दील करने वाला शख्स पूरी तैयारी के साथ बैठा है. उसके पास एक प्लेट में पानी जैसा कोई लिक्विड रखा है, जबकि दो बोतलों में दो और अलग-अलग रंग के केमिकल हैं. इसके साथ ही एक डिब्बे में सफेद रंग का वो जादुई पाउडर भी है, जिसे कागज के टुकड़ों पर लगाते ही टुकड़े नोट में बदलने लगते हैं. इसके बाद जैसे ही इशारा होता है, दस्तानों में लिपटे दो हाथ वो करिश्मा शुरू कर देते हैं, जिसे देखना भी अपने-आप में एक अलग किस्म का तजुर्बा है.
आखिर कैसे चलता है ये काला जादू?
गौर से देखने पर पता चलता है कि सबसे पहले ये जादूगर पॉलिथीन के पाऊच से कागज का एक काला टुकड़ा निकालता है. इसके बाद इस टुकड़े पर सफ़ेद रंग का जादूई पाउडर छिड़कता है और फिर उसे कागज पर अच्छी तरह लगाने के बाद उसे प्लेट में रखे केमिकल में छोड़ देता है. ये टुकड़ा अब भी बिल्कुल काला है. अब वो पाऊच से दूसरा टुकड़ा निकालता है और उसे भी उसी तरीके से पाउडर में लपेटने के बाद केमिकल वाले प्लेट में छोड़ देता है. इसके बाद तीसरे काले टुकड़े के साथ भी वो वही तरीका दोहराता है लेकिन केमिकल में डूबे कागज के ये टुकड़े अब भी जस के तस हैं. यानी इन टुकड़ों को इस वक्त भी देख कर ये यकीन करना मुश्किल है कि अगले चंद मिनटों में ये टुकड़े नोट में तब्दील होनेवाले हैं. लेकिन होता ठीक वैसा ही है, जैसी उम्मीद लगाए आप और हम ये सारा मंजर देख रहे होते हैं.
जादूगर दो बड़े बोतलों में से एक में रखे केमिकल को सीरिंज के सहारे बाहर निकालता है और फिर उसे उसी प्लेट में डाल देता है, जिस पर काले कागज के टुकड़े रखे हैं और फिर आती है वो घड़ी, जब ये टुकड़े वाकई डॉलर बन जाते हैं. वो एक टिश्यू पेपर से इन टुकड़ों को हौले-हौले रगड़ता है और देखते ही देखते आंखों के सामने कागज के टुकड़े करंसी में तब्दील होने लगते हैं. 50-50 यूरो की दो, जबकि 100 डॉलर की एक करंसी. और वो भी बिल्कुल असली. अब जरा सोचिए कि अगर कमरे में बैठे-बिठाए कोई शख्स इतनी आसानी से कागज के टुकड़ों को नोट में बदल सकता है, तो उसके लिए खुद अमीर बनना या किसी को अमीर बनाना कितना आसान है?
ब्लैक डॉलर की अजीब कहानी
लोग ये मैजिक ट्रिक देख कर यकीन कर लेते हैं कि वाकई इस तरीके से नोट भी छापे जा सकते हैं और अमीर भी बना जा सकता है और फिर यहीं वो गलती हो जाती है, जिसके बाद इंसान संभलने लायक भी नहीं रहता, क्योंकि काले डॉलर के इस काले जादू की तिलस्मी कहानी पर यकीन कर वो पूरी तरह लुट चुका होता है, बर्बाद हो चुका होता है.लेकिन आख़िर क्या है, ब्लैक डॉलर की ये अजीब कहानी?
एक शख्स को विदेश से आए एक ई-मेल में करीब 21 करोड़ रुपए दिए जाने की बात क्या कही गई, उसने इस पर फौरन यकीन कर लिय़ा. लेकिन इसके बाद जो कुछ हुआ, उस पर यकीन करना उसके लिए मुश्किल हो रहा है. आंध्र प्रदेश का एक गरीब किसान वेंकट धोखे में आकर 6 लाख रुपये गंवा बैठा. लेकिन इसके बाद भी जब करोड़ों रुपए मिलने का उसका ख्वाब पूरा नहीं हुआ, तो उसने दिल्ली आकर सीधे पुलिस से शिकायत की और नतीजा ये हुआ कि जिस शख्स ने उसे करोड़ों रुपए देने का झांसा दे कर उससे 6 लाख रुपए झटक लिए थे, वो आखिरकार पुलिस के हत्थे चढ़ गया. अगर वेंकटरमण को रिएक्ट करने में और जरा भी देर हुई होती, तो लाखों रुपए लूट कर ये विदेशी नागरिक जल्द ही नौ दो ग्यारह हो चुका होता.
यहां से शुरू हुई थी इस ठगी की शुरुआत
वेंकट एक रोज अपने ई-मेल्स चेक कर रहा था. इसी दौरान उसकी निगाह एक ऐसे ई-मेल पर पड़ी, जिसे देख कर उसके होश ही उड़ गए. उसे ये मेल अमेरिका की रहने वाली किसी महिला ने लिखा था. महिला का कहना था कि उसके पति की मौत हो चुकी है और वो खुद भी कैंसर के लास्ट स्टेज से गुजर रही है लेकिन मरने से पहले वो अपने पास जमा कुल 8.5 मिलियन डॉलर की रकम से हिंदुस्तान में गरीब बच्चों के लिए स्कूल और अस्पताल खोलना चाहती है. अगर वो हिंदुस्तान में इस काम का बीड़ा उठा ले, तो वो अपनी इस जमा पूंजी का 40 फ़ीसदी हिस्सा उसके हवाले कर देगी. ये मेल पढ़ते ही वेंकट ख्वाबों की दुनिया में खो गया क्योंकि 8.5 मिलियन डॉलर मतलब है तकरीबन 52 करोड़ 70 लाख रुपए और इसके 40 फ़ीसदी मतलब 21 करोड़ 8 लाख रुपए. वेंकट को लगा कि उसकी तो दुनिया ही बदल जाएगी. लेकिन इसके बाद जो कुछ हुआ, उसने वेंकट के पैरों तले जमीन खिसका दी, उसे बर्बाद कर दिया.
महिला की बातों में आकर ट्रांसफर कर दिए रुपये
उस महिला ने उसे डॉलर ट्रांसफर करने के लिए प्रोसेसिंग फीस और लीगल फीस के तौर पर रुपयों की मांग की, तो उसे कुछ भी अटपटा नहीं लगा... और इस तरह उसने उस महिला के दिल्ली के अकाउंट में अलग-अलग फीस के नाम पर तकरीबन 6 लाख रुपए ट्रांसफर कर दिए लेकिन इसके बाद भी जब महिला ने उससे रुपये मांगने का सिलसिला जारी रखा, तो उसे कुछ शक हुआऔर वो सीधे दिल्ली पहुंचा. लेकिन यहां एक होटल में उसे अफ्रीकी मूल का एक ऐसा शख्स मिला, जिसने खुद को उस महिला का एजेंट बताया. वो वेंकट को आगे भी झांसे में रखने के लिए ब्लैक डॉलर की एक भरी तिजोरी लेकर पहुंचा था. लेकिन इससे पहले कि तिजोरी का पूरा तिलिस्म खुलता, काले कागज डॉलर में बदलते, वेंकट का शक गहरा गया और वो सीधे पुलिस के पास जा पहुंचा. अब पुलिस ने होटल में छापेमारी की और उस विदेशी को तकरीबन 5 करोड़ के नकली यानी ब्लैक डॉलर के गिरफ्तार लिया और इसी के साथ ठगी की पूरी कहानी सामने आ गई. ये वो विदेशी ही था, जो झूठे ई-मेल भेज कर दिल्ली में बैठे-बैठे वेंकट को लूट रहा था और अब फरार होने के फिराक में था.