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बदलेगी मायानगरी की नाइट लाइफ, गुलजार होंगे डांस बार

सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि भीख मांगने से अच्छा है कि महिलाएं डांस बार में काम करें. सुप्रीम कोर्ट ने हुक्म दिया कि डेढ़ सौ डांस बारों में से कम से कम 8 डांस बार अगले एक हफ्ते के अंदर चालू हो जाने चाहिए.

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डांस बार के हक में सुप्रीम कोर्ट का फैसला
डांस बार के हक में सुप्रीम कोर्ट का फैसला

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पांच महीने पहले जब सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई में डांस बार को फिर से चालू करने का हुक्म दिया, तो लगा कि जल्द ही मायानगरी की नाइट लाइफ फिर से बदल जाएगी.

बंद पड़े डांस बार पर कानूनी पेचीदियों का ताला कुछ ऐसा पड़ा है कि सुप्रीम कोर्ट के खोले भी नहीं खुल रहा था. लिहाजा इस बार सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को फटकार लगाते हुए कहा है कि भीख मांगने से अच्छा है कि महिलाएं डांस बार में काम करें. इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने हुक्म दिया कि डेढ़ सौ डांस बारों में से कम से कम 8 डांस बार अगले एक हफ्ते के अंदर चालू हो जाने चाहिए.

साल 2005 के पहले तक डांस बार मुंबई की जिंदगी का हिस्सा हुआ करते थे. लेकिन इसी साल महाराष्ट्र विधान सभा ने डांस बारों के खिलाफ कानून क्या पास किया, अचानक ही तमाम डांस बारों के शटर गिर गए. लेकिन अब फिर डांस बारों को फिर से गुलजार करने की कोशिश चल रही है. देश की सबसे ऊंची अदालत यानी सुप्रीम कोर्ट को मुंबई में डांस बारों को फिर से चालू करने का हुक्म दिए पांच महीने गुजर गए है.

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महाराष्ट्र सरकार ने रखी थीं शर्ते
डांस बार मालिकों की एक फरियाद पर सुनवाई करते हुए 26 नवंबर 2015 को ही सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से फिर से डांस बारों को खोलने की इजाजत देने का हुक्म दिया था. लेकिन इसके बाद ये मामला कानूनी पेचीदगियों में कुछ ऐसा उलझा कि अब तक एक भी डांस बार का शटर नहीं उठ सका. दरअसल सुप्रीम कोर्ट के इस हुक्म के बाद महाराष्ट्र विधान सभा डांस बार को लेकर 18 अप्रैल को 26 शर्तों वाले एक नए कानून के साथ सामने आई. जिससे डांस बार के खुलने का रास्ता जैसे फिर से बंद हो गया.

डांस बार चलाने के लिए बना नया कानून
नए कानून के तहत सरकार ने किसी भी स्कूल-कॉलेज या मंदिर के 1 किलोमीटर के दायरे में डांस बार खोलने पर पाबंदी लगा दी. ठीक इसी तरह सरकार ने डांस बार के तमाम एंट्री एक्जिट प्वाइंट के साथ-साथ किचन-कोरिडोर जैसी जगहों पर सीसीवीटी कैमरे लगाने और डांस बार में काम करने वाले तमाम मुलाजिमों का पुराना ट्रैक रिकॉर्ड वैरीफाई करने जैसी शर्तें भी रखी. डांस बार के लिए नए सिरे से फायर सेफ्टी और दूसरे लाइंसेंस हासिल करने को भी जरूरी बताया गया. यहां तक कि पहले तो डांस बार में शराब परोसने पर भी रोक लगा दी गई.

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शर्तें के खिलाफ याचिका दर्ज हुई
कोर्ट की शर्तों के खिलाफ डांस बार मालिकों ने फिर से सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे पर दस्तक दी. सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने फिर से इन्हीं मसलों पर महाराष्ट्र सरकार को नए सिरे से ताकीद की. कोर्ट ने इस कानून के कई पहलुओं को अव्यवहारिक बताते हुए अब तक आए लाइसेंसों के 154 आवेदनों में से शॉर्ट लिस्ट किए गए 39 आवेदनों में से कम से कम 8 को टेस्ट केस के तौर पर हफ्ते भर में लाइसेंस जारी करने का हुक्म दिया.

सड़क पर भीख मांगने से बेहतर डांस बार में काम करना
कोर्ट ने सरकार के रवैये पर टिप्पणी करते हुए कहा, 'सड़क पर भीख मांगने और दूसरे गलत तरीकों से पैसे कमाने से बेहतर है कि कोई महिला डांस बार में काम कर ले. डांस बार में काम करके अगर कोई महिला पैसे कमाती है तो ये उसका संवैधानिक हक है.'

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