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क्या प्लेन को बम से उड़ाया गया?

मिस्र में शनिवार को रूस का विमान क्रैश हुआ. 224 मुसाफिरों के साथ मिस्र के शर्मल शेख इंनरनेशनल एयरपोर्ट से रूस के सेंट पीटरबर्ग जाने के लिए उड़े रशियन एयरलाइन मेट्रोजेट की उड़ान संख्या KGL 9268 में क्या बम रखा हुआ था?

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रूसी प्लेन क्रैश हुआ
रूसी प्लेन क्रैश हुआ

मिस्र में शनिवार को रूस का विमान क्रैश हुआ. 224 मुसाफिरों के साथ मिस्र के शर्मल शेख इंनरनेशनल एयरपोर्ट से रूस के सेंट पीटरबर्ग जाने के लिए उड़े रशियन एयरलाइन मेट्रोजेट की उड़ान संख्या KGL 9268 में क्या बम रखा हुआ था? या फिर विमान को जमीन से हवा में मार करने वाले एंटी एयरक्राफ्ट गन से मार गिराया गया? ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि विमान के ब्लैक बॉक्स की शुरुआती जांच में पता चला है कि हादसा किसी तकनीकी खराबी की वजह से नहीं हुआ है.

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लाल सागर के किनारे मौजूद खूबसूरत एयरपोर्ट से रशियन एयरलाइन मेट्रोजेट की उड़ान संख्या KGL9268 टेकऑफ की तैयारी कर रही थी. प्लेन में 217 मुसाफिर और 7 क्रू मेम्बर्स समेत कुल 224 लोग सवार थे. इनमें 63 पुरुष 138 महिलाएं और 17 बच्चे शामिल थे. मिस्र के इस शहर से इस प्लेन को रूस के सेंट पीट्सबर्ग पहुंचना था. टेकऑफ की शुरुआती औपचारिकताएं पूरी होने और एटीसी से रनवे पर आगे बढ़ने का सिग्नल मिलते ही हवाई जहाज पूरी रफ्तार से रन-वे पर दौड़ने लगा और देखते ही देखते हवा से बातें करने लगा.

टेकऑफ के साथ हवाई जहाज अगले चंद मिनटों में ही करीब 30 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ने लगा. मौसम साफ होने की वजह से उड़ान में भी किसी तरह की कोई या दुश्वारी नहीं हुई. ठीक 23 मिनट बाद अचानक प्लेन का संपर्क एयर ट्रैफिक कंट्रोल यानी एटीसी से टूट गया. विमान का आखिरी संपर्क तुर्की एटीसी से हुआ था. उसके बाद इसे साइप्रस के एटीसी के संपर्क मे होना था लेकिन ऐसा नहीं हुआ. इस दौरान विमान के रूट और उससे लगे तमाम एटीसी को खंगाला गया मगर विमान का कोई सुराग नहीं मिला. विमान का तुर्की और साइप्रस की हवाई सीमा के आसपास ही एटीसी से संपर्क टूटने के बाद उन इलाकों की सेना को भी अलर्ट कर दिया गया.

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दूसरी तरफ रूसी प्लेन एटीसी से संपर्क खोने के बाद ठीक इसी वक्त सिनाई की पहाड़ियों में जा गिरा. आसपास की आबादी को इस प्लेन क्रैश का जैसे ही पता चला तो उन्होंने इसकी खबर सरकारी अधिकारियों को दी. मौके पर पहुंचे बचाव दल के सदस्य हवाई जहाज का मलबा देखकर हैरान रह गए क्योंकि मलबा पूरे नौ किलोमीटर के इलाके में बिखरा पड़ा था. ऐसा तभी मुम्किन है जब विमान हवा में ही हादसे का शिकार हो हुआ हो. तो क्या विमान में कोई धमाका हुआ या विमान के ऊंचाई पर ही टुकड़े हो गए थे?

सिनाई पेनीसुला के जिस इलाके में ये हवाई जहाज हवा में गुम हुआ उसके आसपास के एक बड़े इलाके पर इस्लामिक स्टेट यानी आईएसआईएस के आतंकवादियों का कब्जा है. तो क्या प्लेन का क्रैश किसी आतंकवादी साजिश का नतीजा था? ये सवाल इसलिए क्योंकि पिछले महीने भर से रूस लगातार आईएस के ठिकाने पर हमला कर रहा है. लेकिन दूसरा सवाल ये भी उठता है कि क्या आईएस के पास इतनी ऊंचाई पर किसी यात्री विमान को मार गिराने के हथियार हैं?

हालांकि विमान हादसे के कुछ घंटे बाद ही आईएस ने दावा किया कि रूस के यात्री विमान को उसी ने मार गिराया है. लेकिन रूस फिलहाल इसे पूरी तरह मानने को तैयार नहीं है. रूसी एजेंसियों का मामना है कि विमान तकनीकी खराबी के चलते क्रैश हुआ है. हालांकि इसी के साथ रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने एक इमरजेंसी टीन बना कर मामले की जांच के आदेश भी दे दिए हैं. जब एक्सपर्ट ने जांच की तो कुछ चीजें बड़ी चौंकाने वाली मिलीं. विमान के पिछले हिस्से की बॉडी अंदर से बाहर की तरफ निकल रही थी. ऐसा तभी होता है जब कोई ताकतवर बम फटे. जबकि जमीन पर गिरने के बाद विमान की बॉडी को अंदर की तरफ धंसा होना चाहिए. एक्सपर्ट का मानना है कि के अंदर हवा में ही धमाका हुआ था.

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कुछ लोगों का कहना है कि विमान के दो टुकड़े आसमान में तो हुए पर वो टुकड़े जमीन से दागे गए मिसाइल की वजह से हुए. लेकिन जमीन से आसमान में मिसाइल की मार 23000 फीट तक ही मुम्किन है. जबकि हादसे के वक्त विमान 30 हजार फीट की ऊंचाई पर था.

उड़ान भरने के बाद पायलट ने तकनीकी खराबी के चलते इमरजेंसी लैंडिंग की बात कही और फौरन ही उससे संपर्क टूट गया. जबकि मलबे से मिले विमान के ब्लैक बॉक्स की शुरुआती जांच बता रही है कि विमान में कोई अंदुरुनी तकनीकी खराबी नहीं थी.

एक्सपर्ट्स ने इस हादसे की शुरुआती जांच के बाद कहा बहुत मुमकिन है कि इस हादसे के पीछे हवा में ही बम धमाके जैसी कोई साजिश हो. क्योंकि सिनाई के रेगिस्तान में हवाई जहाज का जो पिछला हिस्सा मिला है, उसके कुछ टुकड़े अंदर से बाहर की ओर मुड़े हुए हैं. इशारा इस बात की तरफ है कि बम हवाई जहाज के अंदर ही पिछले हिस्से में रखा गया था. लेकिन फिर सवाल ये है कि आखिर इतनी कड़ी सुरक्षा के बावजूद ये कैसे संभव हुआ? हादसे के पीछे बम प्लांट करने जैसी साजिश है तो अब जांच एजेंसियों के लिए ये पता करना जरूरी है कि जिसने प्लेन में बम रखा वो कौन था? क्या वो खुद भी सुसाइड बॉम्बर की तरह हवाई जहाज़ में सवार हुआ था या फिर बम रख कर चुपचाप उतर गया?

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