साल भर तक आईएसआईएस ने दहशत फैलाई. मगर अब पिछले दो महीनों से जिस तरह से उसे मुंह तोड़ जवाब दिया जा रहा है. उसे देखते हुए कहा जा सकता है कि शायद आईएसआईएस का दि एंड जल्द ही हो जाएगा. पिछले दो महीने में पहली बार आईएसआईएस के सारे ठिकाने एक-एक कर नेस्त-नो-नाबूद हो रहे हैं. ISIS के बहुत से आंतकवादी तो मौत के डर से खुद ही भागते और छुपते फिर रहे हैं.
निहत्थे बेगुनाहों को मौत के घाट उतार कर तस्वीरें खिंचवाने वाले कायरों को अब जाकर ये पता चला है कि मौत का असली खौफ क्या होता है. यही वजह है कि पूरे सीरियाई सरजमीन पर जहां अब आईएसआईएस के आतंकवादी चूहों की तरह भागते फिर रहे हैं, वहीं कल तक सड़कों पर हथियार लहरा कर लोगों को डराने वाले बहुत से स्वयंभू कमांडर अब बिलों में जा छिपे हैं. पिछले 30 सितंबर से शुरू हुए हवाई हमले में सीरिया में आईएसआईएस के दसियों ठिकाने पूरी तरह तबाह हो चुके और सैकड़ों आतंकवादी मौत के घाट उतारे जा चुके हैं.
रुसी फाइटर जेट्स सीरिया के आतंकी ठिकानों पर एक दिन में जितने हमले कर रही है, अमेरिका और उसके मित्र देश आमतौर पर उतने महीने भर में करते हैं. पिछले 24 घंटों में रुस ने सीरिया के आतंकी ठिकानों पर जहां 32 हवाई हमले किए हैं, वहीं एक दिन पहले उसने 86 हवाई हमले किए थे. आईएसआईएस के आतंकवादियों के लिए मुसीबत सिर्फ आसमानी नहीं है. बल्कि जमीन पर अब तक अकेले आतंकवादियों से टकरा रही सीरियाई फौज को भी रुसी सैनिकों का साथ मिलने से हालात बदल गए हैं. पिछले चंद दिनों में रूस ने जिस तरह से आईएसआईएस को चारों ओर से जकड़ा है, उसे देख कर अब दोस्त तो दोस्त रुस के दुश्मन मुल्कों की आंखें भी चौंधिया गई हैं.
हाल के कुछ सालों में दुनिया के किसी दूसरे मैदान-ए-जंग में तकनीक और परफेक्शन का ऐसा मंजर देखने को नहीं मिला, जैसा रूस के इस ऑपरेशन में नजर आया. चाहे वो सुखोई एसयू-34 फाइटर जेट्स का इस्तेमाल, कॉमबैट प्लेन्स और हैलीकॉप्टर्स का या फिर केलिबर क्रूज मिसाइल का इस्तेमाल हो. रूस ने जिस तरीके से अपने इन संसाधनों का इस्तेमाल किया उससे आतंकवादी अब पनाह मांगने लगे हैं.
लेकिन इस पूरे ऑपरेशन का सबसे चौंकाने वाला रुसी फौज का सीरियाई जमीन पर वो बेड़ा है, जिसे उन्होंने रिकॉर्ड वक्त में पूरा किया है. अभी इस ऑपरेशन को शुरू हुए तकरीबन 20 दिनों का वक्त भी नहीं गुजरा और सीरिया के उत्तर पश्चिमी हिस्से पर रुस ने तकरीबन दो हजार फौजियों का अच्छा-खासा बेड़ा तैयार कर लिया है.1970 में मिस्र में हुए रुसी तैनाती के बाद ये पहला मौका है, जब मास्को ने पश्चिम एशिया के किसी मुल्क में इतनी बड़ी तैनाती की है. रूस ने विदेशी जमीन पर अपने फौजियों के मनोरंजन के लिए सिंगर्स और डांसर्स का एक बड़ा ट्रूप भी सीरिया में तैनात कर दिया है. जिसे देख कर ये लगने लगा कि रूस अब शायद सीरिया को आईएसआईएस मुक्त करने के बाद ही यहां से वापस लौटेगा.
आईएस ने जब आतंक की हद कर दी और कई मुल्कों के लोगों को मार डाला तब कहीं जाकर अमेरिका ने आईएस के ठिकानों पर हवाई हमले शुरू किए. मगर उन हमलों का कोई ज्यादा असर नहीं हुआ. अब जब से रूस ने आईएस के खिलाफ मोर्चा खोला है तस्वीर ही बदल गई है. रूस ने तमाम आधुनिक हथियारों के साथ आईएस के खिलाफ जो जंग शुरू की है उससे पहली बार खुद आईएस भी डर गया है. ये हैं रूस के आधुनिक हथियार...
सुखोई एसयू- 34 फाइटर बॉम्बर
सीरिया में बिजली की तेजी से बम बरसा कर हवा में गुम हो जाने वाले इस जेट की खुबियां ऐसी हैं कि जब तक दुश्मनों को इसके आस-पास होने का पता चलता है तो उससे पहले ये आसमान से मौत बरसा कर आगे निकल चुका होता है.
गाइडेड मिसाइल क्रूजर मोस्कवा
काला सागर में रुसी बेड़े की शान इस युद्धपोत को रुस ने अब सीरिया के शहर लताकिया के करीब समंदर में तैनात कर दिया है. जिससे खौफनाक फाइटर जेट्स उड़ान भर सकते हैं. ये मीलों दूर के ठिकानों पर गाइडेड मिसाइल से हमला करता है.
टी-90 टैंक
अमेरिका के एम वन अब्राम्स की तरह रुस की सबसे भरोसेमंद टी-90 टैंक्स की कई खेप अब सीरिया की सरजमीन पर तैनात हो चुकी है. ये अपने दुश्मनों को अपने बेड़े के आस-पास भी फटकने नहीं देता. इसलिए रुस ने सीरिया में ऐसे नौ टी-90 टैंक तैनात कर दिए हैं.
सुखोई एसयू -30
बेहद छोटी उड़ान से बमों की बारिश करने में काबिल ऐसे दो दर्जन फाइटर प्लेन का बेड़ा रुस ने लताकिया में तैनात कर दिया है. सीरिया में अगर आईएसआईएस को सबसे ज्यादा नुकसान रुस के किसी हथियार से हुआ है, तो वो यही सुखोई एसयू 30 है.
सुखोई एसयू -25
रुस ने इस हवाई जहाज का भी एक अच्छा-खासा बेड़ा सीरिया में तैनात कर दिया है. एसयू 25 नाम के इस जहाज का इस्तेमाल क्लोज एयर सपोर्ट सिसस्टम के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है. ठीक इसी तरह एसयू 24 जेट्स भी सीरिया में रुसी ऑपरेशन को सपोर्ट कर रहे हैं.
एमआई 24 हेलीकॉप्टर
पिछले चालीस सालों से दुनिया में कहर बरपाने वाले ऐसे 14 खौफनाक हेलीकॉप्टर अब सीरिया में भी आईएसआईएस के लिए मौत बनने हैं.
एसए -22 टैंक
SA-22 नाम का वो टैंक जो जमीन से आसमान में मिसाइल के हमले कर सकता है. नेटो मुल्कों ने इसे ग्रेहाउंड का नाम दे रखा है. इसके साथ कई और खौफनाक टैंक जहां आईएसआईएस के लिए जमीन पर मौत का सबब बन रहे हैं, वहीं आसमान में ड्रोन के जरिए वो आतंकवादियों को चुन-चुन कर निशाना बना रही है.