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आतंक की ऐसी तस्वीरें जिन्हें देखकर कांप जाए कलेजा

दुनिया के दहशतगर्दों में जैसे नफरत की हदों से आगे निकलने की रेस लगी है. तभी रोजाना सामने आते आईएसआईएस के टेरर वीडियोज से दो कदम आगे बढ़ कर अब तालिबान और अल-कायदा जैसे आतंकवादी संगठनों ने जिन करतूतों का वीडियो जारी किया है, उन्हें देख कर दुनिया दांतों तले उंगली दबाने को मजबूर हो गई है.

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दुनिया के दहशतगर्दों में जैसे नफरत की हदों से आगे निकलने की रेस लगी है. तभी रोजाना सामने आते आईएसआईएस के टेरर वीडियोज से दो कदम आगे बढ़ कर अब तालिबान और अल-कायदा जैसे आतंकवादी संगठनों ने जिन करतूतों का वीडियो जारी किया है, उन्हें देख कर दुनिया दांतों तले उंगली दबाने को मजबूर हो गई है. इन वीडियो में सरेआम किसी का हाथ काट देने से लेकर पत्थरों से कुचल कर लड़की को मार डालने तक की तस्वीरें कैद हैं.

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अफगानिस्तान से लेकर नाईजीरिया और नाईजीरिया से लेकर केन्या तक नफरत और दहशत की दुकान सजाए इन आतंकवादियों की ये तस्वीरें देख कर यकीन करना मुश्किल होता है कि ये भी आपकी और हमारी तरह इसी दुनिया के बाशिंदे हैं. ये यकीन करना मुश्किल होता है कि इनके भी सीने में इंसान का दिल धड़कता है? और ये यकीन करना मुश्किल होता है कि ये भी आपकी और हमारी तरह ही इंसान हैं.

इसी दुनिया में रह कर और इसी हवा में सांस लेकर भी इन आतंकवादियों की जेहनियत हमसे इतनी अलग है कि उसमें रहम और इंसानियत जैसे अल्फाजों के लिए शायद कोई जगह नहीं है. तभी तो ये आतंकवादी कहीं किसी लड़की को फकत शादी से पहले किसी लड़के से रिश्ते रखने के इल्जाम में पत्थरों से मार-मार कर मौत के घाट उतार देते हैं, तो कहीं किसी जोड़े के हाथ सिर्फ इसलिए काट कर अलग कर देते हैं कि उन पर चोरी का इल्जाम है और ऐसी वहशियाना हरकतों को अंजाम देने से पहले इन आतंकवादियों की जो ट्रेनिंग होती है, उसमें वो बेजुबान जानवरों को दौड़ा-दौड़ा कर मारते और घसीटते हुए नजर आते हैं.

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वैसे तो इन आतंकवादियों की बदौलत दुनिया पहले ही बहुत बेरहमी देख चुकी है लेकिन फिर भी तीन अलग-अलग मुल्कों से सामने आई दरिंदगी की इन तीन तस्वीरों ने लोगों के रोंगटे फिर से खड़े कर दिए हैं. ऊपर से तुर्रा ये है कि नफरत और वहशत की ये तस्वीरें खुद इन्हीं आतंकवादियों ने वीडियो की सूरत में सोशल मीडिया पर जारी किए हैं.

दहशत की तीन अलग-अलग कहानियां
घोर, सेंट्रल प्रोविंस, अफगानिस्तान

एक सुनसान पथरीली जगह पर आतंकवादियों ने पहले से ही एक गड्ढा खोद कर रखा था और उस गड्ढे में वो लड़की भी मौजूद थी, जिसे नाजायज रिश्तों के इल्जाम में पत्थरों से मार-मार कर मौत के घाट उतारा जाना था. लड़की के हाथ-पैर इस तरह से बंधे थे कि वो चाह कर भी ना तो खुद को आजाद कर सकती थी और ना ही यहां से भाग सकती थी. तालिबान के लोकल एरिया कमांडर ने पहले वहां मौजूद दूसरे दहशतगर्दों को ऊंची आवाज में लड़की के गुनाह के बारे में बताया और फिर संगसार कर यानी पत्थरों से कुचल कर मौत के घाट उतारने का हुक्म दे दिया. इसके बाद वहां मौजूद सभी के सभी लोग जो करते हैं, उसे देख पाना भी मुश्किल है.

लोग पत्थरों से गड्ढे में पड़ी लड़की पर ताबड़तोड़ हमला करते हैं. देखते ही देखते उस पर चारों ओर से पत्थरों की बारिश होने लगती है. पहले तो वो चीखती है, तड़पती है. आतंकवादियों और वहां मौजूद तमाम लोगों से रहम की भीख मांगती है लेकिन इन आतंकवादियों की डिक्शनरी में शायद रहम जैसा कोई लफ्ज ही नहीं है. लिहाजा, उसकी तमाम चीख और रहम की फरियाद अनसुनी कर दी जाती है और उस पर तब तक पत्थर बरसाए जाते हैं, जब तक एक-एक चोट से लहूलुहान हो कर वो बेहोश नहीं हो जाती और फिर उसकी जान नहीं चली जाती. लेकिन इसमें भी एक हैरानी की बात ये है कि जिस लडकी को इस गुनाह में मौत की ऐसी भयानक सजा दी गई, उसके मंगेतर को उसी गुनाह में आतंकवादियों ने सिर्फ डांट-फटकार कर छोड़ दिया.

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बोको-हराम ने पार की दरिंदगी की हद
नाईजीरिया में आईएसआईएस के नए सहयोगी यानी बोको-हराम ने जो किया है, वो और भी खतरनाक है. यहां आतंकवादियों ने बाकायदा एक अदालत लगाई, बगैर सुनवाई किए मुल्जिम को मुजरिम करार दिया और बगैर देर किए उनके हाथ काट डाले. इस अदालत में इस वक्त स्वयंभू जज बने आतंकवादियों के सामने एक ऐसे जोड़े को पेश किया गया है, जिस पर चोरी का इल्जाम है और जिन्हें इसी इल्जाम में इस वक्त ना सिर्फ सजा सुनाई जानी है. बल्कि सबके सामने सजा दी भी जानी है. सजा है एक ही झटके में उस हाथ को काट कर अलग कर देना, जिस हाथ से कोई चीज चुराने का इल्जाम है. चोरी की ऐसी सजा के बारे में सुन कर यकीन करना भी मुश्किल होता है लेकिन क्या करें? ये आतंकवादी और इनका कानून कुछ ऐसा ही है.

दोनों मुल्जिमों को सबके सामने बांध कर जमीन पर बिठाते ही आईएसआईएस का लोकल कमांडर माइक थाम लेता है और फिर मजहबी कायदे-कानूनों का हवाला देते हुए उनके गुनाहों की फेहरिस्त सुनाने लगता है. चूंकि इस वक्त इस अदालत में आतंकवादियों के साथ आस-पास की एक बड़ी आबादी भी मौजूद है, कंधे पर बंदूक टांगे ये आतंकवादी लगे हाथ मजहब, जेहाद और गुनाह जैसे मसलों पर लेक्चर देना भी नहीं भूलता. उधर, चूंकि इस इलाके के लोगों को भी ये खबर है कि आनेवाले वक्त में इस अदालत में जो कुछ होने वाला है, वो बेहद अजीब और चौंकानेवाला है. तमाम लोग फैसला और अंजाम देखने के लिए अपनी-अपनी जगह अच्छी तरह जम जाते हैं.

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पहले सजा मुकर्रर फिर काट दिए हाथ...
अब आतंकवादी पहले गुनाह बताता है और फिर लगे हाथ सजा भी मुकर्रर करता है. इसके बाद वो दूसरे आतंकवादियों को सजा अमल में लाने का हुक्म देता है और फिर देखते ही देखते जोड़े में एक यानी चोरी के इल्जाम में पकड़े गए मर्द को आतंकवादी जकड़ लेते हैं. चूंकि इस अदालत में सजा पहले से ही तय है, सजा देने का इंतजाम भी यहां पहले से मौजूद है. और ये है एक तेजधार कुल्हाड़ी और हाथ काटने के लिए रखा गया पेड़ का एक तना. आतंकवादी अपने शिकार शख्स का हाथ पकड़ कर उसी तने के ऊपर रख देते हैं और फिर इशारा मिलते ही कुल्हाड़ी थामे एक आतंकवादी जो कुछ करता है, उसे देखते हुए लोग सिहरन से अपनी आंखें बंद कर लेते हैं.

आईएसआईएस की ओर से जारी इस वीडियो में आतंकवादियों ने इसके आगे की तस्वीरें रिलीज नहीं की हैं. लेकिन ये समझना मुश्किल नहीं है कि इसके आगे का मंजर कितना भयानक और दर्दनाक है. दरअसल, आतंकवादी हाथ तने के ऊपर रख कर एक ही झटके में कुल्हाड़ी से उसे काट कर पंजा अलग कर देते हैं और फिर कुछ देर तक उसे सबके सामने तड़पने के लिए छोड़ दिया जाता है. इसी इल्जाम में पकड़ी गई महिला के लिए तो ये सजा जैसे और भी ज्यादा खौफनाक है क्योंकि वो पहले तो अपने साथी को मिलने वाली सजा खुद अपनी आंखों से देखती है और थोड़ी ही देर बाद खुद उसे भी उसी सजा से गुजरना पड़ता है.

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कैसी होती है आतंकवादियों की पिकनिक?
इंसानों का खून बहानेवाले दहशतगर्द आखिर पिकनिक कैसे मनाते हैं? जवाब सीधा सा है...बेजुबानों का खून बहाकर. अल-कायदा के रंगरूटों का नया वीडियो कुछ ऐसा ही है. इसमें पुराने आतंकवादी नए रंगरूटों को ना सिर्फ जेहाद के लिए उकसा रहे हैं, बल्कि अफ्रीका के जंगलों में उन्हें शिकार की खुली छूट देकर बेजुबान जानवरों के लिए भी मौत की वजह बन रहे हैं. कहीं खुलेआम जिराफ को दौड़ा कर गोली मारने की आजादी, कहीं जंगली भैंसों को निशाना बनाने की छूट और कहीं शिकार के इस सिलसिले के बाद दावत की तैयारी.

अफ्रीकी मुल्क सोमालिया में अल-कायदा के आतंकवादी अपने रंगरूटों को जेहाद से जुड़ने और दहशत के रास्ते पर चलने का कुछ ऐसा ही इनाम देने और दिलाने का ख्वाब दिखा रहे हैं. अल-कायदा की सोमालियाई इकाई यानी हरकत अल शबाब की इन तस्वीरों ने जहां पूरी दुनिया को जानवरों से साथ होते इस बर्बर सलूक की वजह से चौंका दिया है, वहीं ये बात भी साबित कर दी है कि आतंकवादियों किस तरह अब नौजवानों को अपने साथ मिलाने के लिए उन्हें लालच देने की शुरुआत कर दी है.

जंगलों में आतंकियों की हैवानियत
वीडियो में एक आतंकवादी केन्या और सोमालिया के जंगलों में शिकार के इस छूट को जेहादियों को हक बताते हुए ये कहता है कि अल्लाह की दी हुई हर चीज जेहादियों का पूरा हक है और यहां उन्हें शिकार करने और जानवरों को मारने से कोई नहीं रोक सकता. खुद अल शबाब की ओर से जारी इस वीडियो में जहां पुराने आतंकवादी इसी तरह नए रंगरूटों को मोटिवेट करते नजर आ रहे हैं, वहीं उन आतंकवादियों से हमदर्दी भी जता रहे हैं, जो फौजी कार्रवाई में मारे गए.

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बस साल भर पहले की बात है. जब पहली बार दुनिया ने आईएसआईएस की दरिंदगी देखी थी. तब आईएसईआईएस अपने दुश्मनों का सिर कलम उनके वीडियो जारी करता था. फिर कुछ दिन बाद लोगों को पिंजरे में बंद कर जिंदा जला कर मारने लगा. आलम ये है कि हर गुजरते दिन के साथ अब वो पहले से भी ज्यादा क्रूर होता जा रहा है.

कब तक चलेगा ये सिलसिला?
इराक और सीरिया में 21 अगस्त 2014 से बंधकों को मारने का जो सिलसिला जारी हुआ है वो आज तक बदस्तूर जारी है. इन दोनों देशों मेंम पिछले 10 महीनों से कत्लेआम चल रहा है. लाशों की सही गिनती का किसी को पता नहीं और कोई ये भी नहीं बता सकता कि बगदादी के बेलाग हो चुके आतंकवादी आखिर कब रुकेंगे. दोनों देशों के रेगिस्तानी इलाकों की तपती रेत पर इंसानों की लाशें मिलना रोजमर्रा की बात हो चली है. सवाल अब भी वही है कि आखिर ये वीडियो और बेगुनाह लोगों को मारने का सिलसला कब तक यूं ही चलता रहेगा और आखिर कब तक आईएसआईएस के आतंकवादी दुनिया को यू हीं दहलाते रहेंगे.

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