मौत और जिंदगी का रिश्ता सिर्फ सांसों से ही नहीं जुड़ा है. कई बार जिंदगी जीते जी मौत बन जाती है और कई बार मौत मर कर भी जिंदा हो जाती है. इस अजीब सी पहेली की सबसे जिंदा मिसाल दिल्ली की 18 साल की एक लड़की और उसके ख्वाब की मौत है. इस लड़की की मौत ने दो साल पहले की निर्भया की कहानी को फिर से जिंदा कर दिया है.
16 दिसंबर की वो बदनसीब मेडिकल स्टूडेंट थी और 27 नवंबर की ये मासूम फैशन डिजाइनर बनने जा रही थी. मजदूर बाप के सपनों में रंग भरने के लिए झुग्गी में रहने के बावजूद. पर उसकी ये चाहत, ये सपने, ये उम्मीदें, ये हसरत सब अधूरे रह गए.
गरीबी के अंधेरे से निकल कर अपनी जिंदगी में एक नई सुबह का उसका इंतजार भी अधूरा रह गया. उस जंग को जीतने का उसका माद्दा भी अधूरा रह गया जो उसने अपने गरीब मां-बाप के लिए संजोए थे. सब कुछ तो अधूरा रह गया. ठीक वैसे ही जैसे उसके हाथ से बनाए कागज के टुकड़ों पर ये डिजाइन अधूरा रह गया.
सपनों और जिंदगी.. सबको घंटों रौंदा
देश की राजधानी दिल्ली में उसके तन, मन, सपनों और जिंदगी सबको घंटों रौंदा गया. फिर रौंदते-रौदते ही उसकी सांसों की डोर तोड़ दी गई. लेकिन उसके बाद भी उसे छोड़ा नहीं. बल्कि अब उसकी लाश को रौंदा गया. बस उस एक रात के लिए ही ये मां-बाप घर से दूर गए थे. अपनी चांद को घर छोड़ कर. और बस वो एक रात में ही इनकी दुनिया उजड़ गई. किसी सितारे को टूटते देखा है कभी? आसमान के उस आंचल को पलट कर देखना जहां से वो सितारा टूटा है. उस टूटे सितारे की जगह झट से कोई दूसरा तारा ले लेता है. जगमगाने लगता है उस खला में जहां से टूटा था कोई तारा. मगर चांद को गायब होते देखा कभी? उसकी जगह आमावत ही आती है बस. अमावस तो खत्म भी हो जाती है एक दिन. मगर इनके लिए ये अमावस तो खत्म होने से रही.
अचानक सारे सपने चकनाचूर
निर्भया की तरह ही ये कहानी भी दिल्ली की एक लड़की की है. एक गरीब लड़की जो दिल्ली की झुग्गी में रह कर अपने मजदूर बाप के सपनों में रंग भरने के लिए फैशन डिजाइनिंग का कोर्स कर रही थी. गरीब मां-बाप के सारे सपने उसी से जुड़े थे. पर 27-28 नवंबर की रात अचानक सारे सपने चकनाचूर हो जाते हैं. क्योंकि उस रात दो वहशी उसके घर में घुस आए थे. दिल्ली के नरेला इंडस्ट्रियल एरिया के इर्द-गिर्द बसे इस घनी आबादीवाले रिहायशी कॉलोनी में आम तौर पर रात देर से होती है. उस रात अंधेरे में एक शख्स ने दो लोगों को किसी तीसरे शख्स को कंधे पर उठा कर ले जाते हुए देखा. लेकिन नींद के झोंके में उसे लगा कि शायद किसी बीमार को इलाज के लिए उठा कर ले जा रहे हैं. लेकिन सुबह होते-होते जब साए की शक्ल में दिखी उन तस्वीरों का सच सामने आया, तो उसे देखने वाले के साथ-साथ पूरी कॉलोनी के पैरों तले जमीन खिसक गई.
कॉलोनी की एक लड़की गायब थी. और फिक्र की बात ये थी कि जो लड़की अपने घर से गायब थी, उसके घरवाले भी कहीं काम से बाहर गए थे. किसी अनहोनी से घबराए फौरन पूरी कॉलोनी ने लड़की को ढूंढ़ना शुरू किया. जब लड़की कहीं नहीं मिली, तो शाम होते-होते लोगों ने पास ही के जंगल का रुख किया. और जंगल में जो कुछ दिखा, उसने सबको अंदर तक हिला दिया. 18 साल की जो लड़की अपने घर से गायब थी, जंगल में उसकी लाश पड़ी थी. और वो भी बगैर कपड़ों के. साफ था कि का कत्ल हुआ था और कत्ल से पहले किसी ने उसके साथ ज्यादती भी की थी.
सीसीटीवी फुटेज में नजर आया सुराग
ये खबर दहलानेवाली थी. तो क्या उस रात अपने घर में अकेली सो रही लड़की को किसी ने अगवा कर लिया था. और साए के शक्ल में नजर आए वो दो लोग ही क्या कंधे पर उसी लड़की को उठा कर ले जा रहे थे? इस सवाल ने वो मंजर देखनेवाले पड़ोसी को बेचैन कर दिया. और उसने तफ्सील से पुलिस को सारी बात बताई. अब तक इस मामले में बेसुराग बनी पुलिस को इस चश्मदीद की सूरत में पहला सुराग मिल चुका था. अब पुलिस ने छानबीन तेज की और इसी सिलसिले में उसने गली में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज भी खंगाली. फुटेज खंगालते ही उसे दूसरा सुराग नजर आया.
कहानी सुनकर पुलिस के भी होश उड़े
दरअसल, रात के अंधेरे में कंधे पर किसी को उठा कर ले जानेवाला मंजर देखनेवाले शख्स ने पुलिस को बताया था कि तब कोई तीन बज रहे होंगे. और इत्तेफाक से सीसीटीवी फुटेज भी रात के तीन बजे पुलिस ने एक चैंपियन टेंपों को वहां से जाते हुए देखा.अब पुलिस की सारी तफ्तीश इस चैंपियन गाड़ी पर ही जाकर टिक गई. पूछने पर पता चला कि उसी लड़की के पड़ोस में रहनेवाला एक लड़का भी चैंपियन चलाता है और इत्तेफाक से वो भी इस वारदात के बाद से ही अपने घर से गायब था. इन हालात में पुलिस के साथ-साथ तमाम लोगों की शक की सुई भी उसी लड़के पर जा कर टिक गई. जल्द ही पुलिस की कोशिश रंग लाई और उस लड़के को पकड़ लिया गया. ये एक नाबालिग था, जिसने पहले तो पुलिस को छकाने की कोशिश की. लेकिन जब पुलिस ने उससे कायदे से पूछताछ की, तो उसने जो कहानी सुनाई उसे सुन कर पुलिस भी हैरत में पड़ गई.
इस लड़के ने ये तो माना कि उसने 27 और 28 की दरम्यानी रात को अपने एक दोस्त के साथ मिल कर पड़ोस की रहनेवाली लड़की के साथ रेप किया और उसका कत्ल कर दिया. लेकिन इस वारदात को अंजाम देने का उसने जो तरीका बताया, वो रौंगटे खड़े करनेवाला था. ये सोचना भी मुश्किल था कि आखिर कोई इंसान अपने ही जैसे किसी दूसरे इंसान के साथ ऐसा कैसे कर सकता है? मगर, अफसोस उसकी कहानी एक बेगुनाह लड़की के कत्ल की शक्ल में सबके सामने थी.
एक बार फिर...खौफनाक वारदात में नाबालिग का हाथ
निर्भया मामले में भी एक नाबालिग शामिल था. वही नाबालिग जिसे बालिग ना होने की वजह से सिर्फ तीन साल की सजा हुई और अभी इसी महीने वो बाहर भी आने वाला है. नई निर्भया के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ. दरअसल लड़की के मां-बाप कुछ जरूरी काम से उस रात बाहर गए थे. और ये बात पड़ोस में रहने वाले नबालिग लड़के को पता थी. बस वहीं से उसके दिमाग में शैतान घुस गया. एक मासूम लड़की के साथ गैंगरेप, उसका कत्ल और कत्ल के बाद फिर लाश के साथ गैंगरेप की ये कहानी शुरू हुई एक पार्टी से. वो पार्टी जो उस रात इस लड़की के पड़ोस में रहनेवाले नाबालिग लड़के ने अपने दोस्त को दी थी. दोनों के बीच देर रात तक पीने-पिलाने का सिलसिला चलता रहा. इनमें एक तो वही लड़का था, जो नाबालिग होने के बावजूद टेंपो ड्राइवर था और दूसरा था उसका दोस्त अभिमन्यु, जो पास ही के फ्रूट मंडी का लोडर का काम करता था.
पार्टी करने तक तो सबकुछ ठीक था. लेकिन पार्टी खत्म होने के बाद शराब के नशे में दोनों ने जो प्लान बनाया, उसने एक ही झटके में कई ख्वाब कुचल दिए. ये प्लान बेहद खौफनाक था. दरअसल, पड़ोस में रहने की वजह से नाबालिग लड़के को ये पता था कि बगल में रहनेवाला परिवार अपनी जवान बेटी को अकेला छोड़ कर बाहर गया है. और बस इसी बात ने उस अकेली लड़की को इन दोनों दोस्तों के लिए एक सॉफ्ट टार्गेट बना दिया.
पोल खुलने के डर से लड़की को मार डाला
रात के अंधेरे में शराब के नशे में धुत्त पहले तो दोनों छत के रास्ते से लड़की के घर में दाखिल हुए और घर में अकेली सो रही लड़की के साथ ज्यादती करने की कोशिश शुरू कर दी. लेकिन जब लड़की ने विरोध किया को बात ज्यादती के साथ-साथ मारपीट तक पहुंच गई. और फिर दोनों ने आधी रात लड़की के साथ कुछ इतनी जोर-जबरदस्ती की कि वो बेहोश हो गई. अब दोनों को ये लगने लगा कि कहीं सुबह होते-होते ये लड़की जमाने के सामने उनका राज फाश ना कर दे. और बस इसी एक डर ने दोनों लड़कों के दिमाग में वो साजिश पैदा कर दी, जिसने इस लड़की का कत्ल करवा दिया. लेकिन कत्ल के बाद इन दोनों ने लड़की की लाश के साथ जो कुछ किया, वो तो कोई सोच भी नहीं सकता. ऐसे लोगों को हम जेहनी बीमार भी कह सकते हैं. वर्ना लाश के साथ भी हवस की भूख कोई कैसे मिटा सकता है? इस नई निर्भया के जिंदा रहते उसकी आबरू लूटी. फिर उसका कत्ल किया. और जब वो मर गई तब उसकी लाश को भी नहीं छोड़ा. ऐसे लोगों को कोई कैसे इंसान कह सकता है?
रात भर लाश के साथ करते रहे गैंगरेप
राज फाश होने के डर से रात के अंधेरे में दोनों लड़की को तो उसके घर से तो उठा लाए, लेकिन अब दोनों के सामने सवाल ये था कि आखिर वो उसे लेकर जाए तो कहां जाए. इसके बाद दोनों ने लड़की को अपने चैंपियन टेंपो में लिटाया और फिर सीधे पास के जंगल में ले गए. शराब का नशा अब भी दोनों के सिर चढ़ कर बोल रहा था. लिहाजा, सुबूत छिपाने के इरादे से पहले तो नशे की हालत में ही दोनों ने उसका गला घोंट कर कत्ल कर दिया. लेकिन इसके बाद दोनों ने जो कुछ किया वैसा कोई सोच भी नहीं सकता. क्या आप यकीन करेंगे कि इसके दोनों ने लड़की की लाश के साथ भी ज्यादती की. और फिर सुबह होने से पहले ही दोनों फरार हो गए. दरअसल, दोनों को लग रहा था कि कत्ल किए जाने से लड़की के साथ ही उनके राज भी हमेशा-हमेशा के लिए दफ्न हो जाएंगे.
लड़की के गायब होने से कॉलोनी में मची हलचल
उधर, कॉलोनी में लड़की के गायब होने की वजह से भूचाल आ चुका था. और अगले दिन शाम होते-होते उसकी लाश भी मिल चुकी थी. चूंकि पहले-पहल इस मामले में पुलिस के पास कातिलों का कोई सुराग नहीं था तो पुलिस ने लड़की के मोबाइल फोन के कॉल डिटेल से मामले की तफ्तीश शुरू की. लेकिन कॉल डिटेल की एनालिसिस से ये बात साफ हो गई कि उस रात लड़की ने किसी अजबनी या फिर किसी लड़के से कोई बात नहीं की थी. यानी उस रात लड़की को उसे उठा कर ले जानेवाले भी उसके घर में जबरन घुसे थे. और फिर जैसे-जैसे तफ्तीश आगे बढ़ी, रात के अंधेरे में लड़की को उठा कर ले जाते हुए देखनेवाले शख्स की गवाही सामने आ गई. और चैंपियन टेंपो का सुराग भी मिल गया. और इस तरह चंद घंटों में ही लड़की का नाबालिग गुनहगार पुलिस की गिरफ्त में आ चुका था. मुमकिन है, कल को गुनहगारों को उनकी सजा भी मिल जाए, लेकिन शराब और सनक ने जिस तरह एक परिवार के तमाम ख्वाब कुचल दिए, वो ख्वाब अब कभी जिंदा नहीं हो सकेंगे.