scorecardresearch
 

आखिर कैसे हवा में ही टुकड़े-टुकड़े हो गया रूस का विमान? बड़ी खौफनाक है कहानी

मुसाफिरों से खचाखच भरी किसी फ्लाइट के नीचे आ गिरने की सोच भर से ही रोंगटे खड़े हो जाते हैं लेकिन जब ऐसे किसी वाकये के पीछे किसी साजिश की बात सामने आती है, तो मामला और भी खौफनाक हो जाता है.

Advertisement
X

मुसाफिरों से खचाखच भरी किसी फ्लाइट के नीचे आ गिरने की सोच भर से ही रोंगटे खड़े हो जाते हैं लेकिन जब ऐसे किसी वाकये के पीछे किसी साजिश की बात सामने आती है, तो मामला और भी खौफनाक हो जाता है. मिस्र में गिरे रशियन प्लेन की कहानी अब जैसे-जैसे सामने आ रही है खौफ के कुछ ऐसे ही रहस्य खुल रहे हैं. वो रहस्य, जिनकी साजिश बेशक जमीन पर रची गई, लेकिन अंजाम आसमान में दिखा.

मिस्र के शर्म-अल-शेख हवाई अड्डे से उड़ान भरने के महज 23 मिनट बाद 30 हजार फीट की ऊंचाई पर टूट कर बिखरने वाले रशियन हवाई जहाज एयरबस ए-321 का रहस्य अब धीरे-धीरे खुलने लगा है. इस फ्लाइट के रूट से लेकर क्रैश साइट यानी हादसे वाली जगह तक, चप्पा-चप्पा छानने वाले जांच अधिकारियों को कुछ ऐसे सुराग हाथ हैं, जिनसे ये शक और पुख्ता होने लगा है कि हो ना हो इस हादसे के पीछे कोई साजिश ही वजह है. ये बात तब और अहम हो जाती है जब हादसे के फौरन बाद इसकी जिम्मेदारी लेनेवाला आतंकवादी संगठन आईएसआईएस दोबारा अपनी बात दोहराता है और ये कहता है कि वो वक्त आने पर दुनिया को बताएगा कि आखिर उन्होंने रशियन एयरबस में बम कैसे प्लांट किया था.

आतंकवादियों के ही दिमाग की उपज है हादसा?
31 अक्टूबर की सुबह मिस्र से रूस के सेंट पीट्सबर्ग के लिए चले इस हवाई जहाज के क्रैश होने से 7 क्रू मेंबर्स समेत कुल 224 लोग बेमौत मारे गए थे. चूंकि हवाई जहाज में ज्यादातर रशियन मुसाफिर सवार थे और हादसा आईएसआईएस के दबदबे वाली एक जगह पर हुआ था, लोगों को शक हो चला था कि इसके पीछे आईएसआईएस का हाथ हो सकता है. लेकिन चंद घंटे गुजरते ही आईएसआईएस ने इस हादसे की जिम्मेदारी ले ली और दुनिया को यकीन होने लगा कि शायद ये हादसा इन आतंकवादियों के ही दिमाग की उपज है. हालांकि शुरुआती जांच में ज्यादातर एजेंसियों और कई मुल्कों ने आईएसआईएस के इस दावे को खारिज कर दिया था. दरअसल, तब उनका कहना था कि आईएसआईएस के पास 30 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ रहे किसी हवाई जहाज को मार गिराने जैसे खौफनाक हथियार या मिसाइल है ही नहीं.

मामले की तफ्तीश के दौरान तमाम जांच एजेंसियों को जो सुराग हाथ लगे हैं, उससे लगने लगा है कि आईएसआईएस का ये दावा शायद झूठा नहीं था क्योंकि इन सुरागों पर जाएं तो आईएसआईएस से प्लेन नीचे से मार नहीं गिराया बल्कि उड़ने से पहले ही उसमें बम प्लांट कर दिया. जांच अधिकारियों की मानें तो तस्वीरें अपने-आप में इस हादसे की साजिश और उसकी पूरी कहानी बयान करते हैं. पहली तस्वीर प्लेन के छलनी हुए पड़े एक इमरजेंसी डोर की है. यानी इस दरवाजे पर छोटे बड़े कई छेद हैं जो आम तौर पर नीचे से होने वाले किसी मिसाइल अटैक या फिर तकनीकी खराबी से गिरनेवाले किसी फ्लाइट में मुमकिन नहीं हैं बल्कि दरवाजे में ये छेद इस बात के सुबूत हैं कि बम धमाके से निकले स्प्लिंटर्स यानी छर्रों की चोट से ही ये निशान बने हैं.

रशियन प्लेन क्रैश की अब तक की तफ्तीश से एक बात तो साफ है कि ये जहाज आसमान में हुए बम धमाके की वजह से ही नीचे आ गिरा. ये भी साफ है कि बम मिस्र के शर्म अल शेख एयरपोर्ट पर ही रखा गया लेकिन इतनी कड़ी सुरक्षा के बीच बम किसने रखा, कैसे रखा और कब रखा. पूरी तफ्तीश अब, बस इन्हीं सवालों के इर्द-गिर्द घूम रही है.

फ्लाइट मेट्रोजेट को धराशाई किए जाने की कहानी जैसे-जैसे सामने आ रही है, आतंकवादियों के इस नए दांव का तोड़ तलाशने के साथ-साथ दुनिया के कई मुल्कों ने अपने-अपने मुसाफिरों के हिफाजत के लिए रणनीति बनाने की शुरुआत कर दी है. ब्रिटेन ने जहां लाल सागर का नजारा देखने गए अपने तमाम शहरियों को मिस्र से वापस बुलाने की शुरुआत कर दी है, वहीं यूएस की टॉप सिक्योरिटी यूनिट यानी पेंटागन ने भी अपने शहरियों को सलाह दी है कि वो फिलहाल सिनाई और आस-पास के इलाकों का रुख ना करें.

ये हालात तब है, जब अब तक का इनवेस्टिगेशन इस बात की तरफ इशारा करने लगा है कि इस रशियन फ्लाइट के नीचे आ गिरने के पीछे कोई तकनीकी खराबी नहीं, बल्कि हवा में हुआ धमाका ही जिम्मेदार है. दूसरे तमाम सुबूतों के साथ-साथ ब्लैक बॉक्स में भी धमाके की आवाज रिकॉर्ड हुई है और इस खुलासे ने अब तक आईएसआईएस के खिलाफ मोर्चा खोल रहे तमाम मुल्कों के हाथ-पांव फुला दिए हैं. लेकिन बात सिर्फ सिर्फ इतनी सी नहीं है. आईएसआईएस के कुछ आतंकवादियों ने सोशल मीडिया पर जारी अपने एक नए वीडियो में इस हमले को अंजाम देने की बात कहते हुए इसके लिए सिनाई ब्रदर्स यानी सिनाई में कोहराम मचा रहे आतंकवादियों को मुबारकबाद दी है, वहीं ये भी कहा है कि आने वाले दिनों में वो साफ करेंगे कि ये हमला आखिर कैसे किया गया.

Advertisement

 

इस वीडियो में चाकू लहराते आईएसआईएस के आतंकवादी अरबी के साथ-साथ रशियन लैंग्वेज में भी बात कर रहे हैं. और बता रहे हैं कि अगर रूस ने सीरिया में अपने हमलों का सिलसिला बंद नहीं किया, तो आनेवाले दिनों ऐसे और भी हमले होंगे. उधर, अब तक की तफ्तीश के बाद जांच अधिकारियों ने ये बात तकरीबन साफ कर दी है कि आतंकवादियों ने ये बम शर्म अल शेख एयरपोर्ट पर ही किसी सूरत से फ्लाइट के लगैट में या फिर प्लेन के किसी दूसरे हिस्से में फिट कर दिया था. लेकिन ये कैसे मुमकिन हुआ, अब इसका पता करने के लिए पुलिस एयरपोर्ट के तमाम सीसीटीवी फुटेज के साथ-साथ फ्लाइट में सवार होनेवाले मुसाफिरों के साथ-साथ एयरपोर्ट पर काम करनेवाले मुलाजिमों का बैकग्राउंड भी चेक कर रही है. दरअसल, सुरक्षा एजेंसियां अब ये जानना चाहती है कि आखिर फ्लाइट में बम रखनेवाला था कौन और सिक्योरिटी लेयर को भेदने की उसकी तरकीब थी क्या? जाहिर है, एजेंसियों के लिए अब ये पता करना भी एक बड़ी चुनौती है कि आखिर हवा में धमाका किसी आत्मघाती हमलावर ने किया फिर प्लांटर बम नीचे ही प्लांट कर चुपके से निकल भागने में कामयाब हो गया.

हवा में ही धमाका हुआ?
रूस से आईएसआईएस की दुश्मनी नई नहीं है, लेकिन जिस तरह से उसने सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल असद के कहने पर सीरिया में 30 सितंबर से लगातार बम बारी कर रही है, उसने आईएसआईएस और रूस को बिल्कुल आमने-सामने लाकर खड़ा कर दिया है. और ये हालत इस रूसी हवाई जहाज के यूं धमाके के साथ नीचे आ गिरने में आईएसआईएस का हाथ होने के दावे पर यकीन करने को मजबूर करती है. विमान के मलबे की जब एक्सपर्ट ने जांच की तो कुछ चीजें बड़ी चौंकाने वाली मिलीं. जैसे विमान के पिछले हिस्से की बॉडी अंदर से बाहर की तरफ निकल रही थी. ऐसा तभी होता है जब कोई ताकतवर बम फटे. जबकि जमीन पर गिरने के बाद विमान की बॉडी को अंदर की तरफ धंसा होना चाहिए. एक्सपर्ट की मानना है कि इससे साफ लगता है कि प्लेन के अंदर हवा में ही धमाका हुआ था.

जिस जगह विमान का मलबा मिला है वहां गए चश्मदीदों की मानें तो विमान दो टुकड़ों में जमीन पर गिरा था और ऐसा तभी संभव है जब विमान आसमान में ही फट पड़ा हो. वो भी किसी बम से. जबकि कुछ लोगों का कहना है कि विमान के दो टुकड़े आसमान में तो हुए पर वो टुकड़े जमीन से दागे गए मिसाइल की वजह से हुए लेकिन जमीन से आसमान में मिसाइल की मार 23000 फीट तक ही मुमकिन है. इससे ऊंचाई पर नहीं. जबकि हादसे के वक्त विमान 30 हजार फीट की ऊंचाई पर था. जहां तक तकनीकी खराबी की बात है तो कहा जा रहा है कि उड़ान भरने के बाद पायलट ने तकनीकी खऱाबी के चलते इमरजेंसी लैंडिंग की बात कही थी. मगर फिर फौरन ही उससे संपर्क टूट गया. जबकि मलबे से मिले विमान के ब्लैक बॉक्स की शुरूआती जांच बता रही है कि विमान में कोई अंदरूनी तकनीकी खराबी नहीं थी.

विमान हादसे का सच क्या है?
अब ऐसे में सवाल उठता है कि फिर इस विमान हादसे का सच है क्या? आईएसआईएस ने ये दावा किया था कि उसने ही हवाई जहाज को गिराया है, लेकिन जानकारों की मानें तो ऐसा मुमकिन नहीं है. क्योंकि जब हवाई जहाज हादसे का शिकार हुआ वो करीब 30 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ रहा था और अब तक आईएसआईएस के पास ऐसा कोई एंटी एयरक्राफ्ट गन या सरफेस टू एयर मिसाईल नहीं है, जो इतनी ऊंचाई पर उड़ रहे किसी प्लेन को अपना निशाना बना सके.

ऐसे में आईएसआईएस का ये दावा सिवाय दुनिया को भरमाने के और कुछ भी नहीं लगता. लेकिन इसके बावजूद एक्सपर्ट्स ने इस हादसे के पीछे किसी साजिश से इनकार नहीं किया है. बल्कि मलबे की शुरुआती जांच के बाद तो उनका यही कहना है कि बहुत मुमकिन है कि इस हादसे के पीछे हवा में ही बम धमाके जैसी कोई साजिश हो. यानी शक इस बात का है कि हवाई जहाज में पहले से ही बम रखा हुआ था. ऐसा इसलिए भी कहा जा रहा है, क्योंकि सिनाई के रेगिस्तान में हवाई जहाज का जो पिछला हिस्सा मिला है, उसके कुछ टुकड़े अंदर से बाहर की ओर मुड़े हुए हैं. और ऐसा तभी मुमकिन है जब अंदर से कोई ताकतवर तेजी से बाहर की ओर निकले. और आम तौर पर ऐसा बम धमाके में होता है.

इस वारदात के बाद दुनिया में आईएसआईएस का खौफ कितना बढ़ा है, इसका अंदाजा सिर्फ इसी बात से लगाया जा सकता है कि ब्रिटेन समेत कई मुल्कों ने मिस्र में फंसे अपने शहरियों को वहां से निकाल लाने के लिए बाकायदा हेल्पलाइन नंबर तक जारी कर दिए हैं. और ऐसे में इस हमले से मिस्र के पर्यटन उद्योग को एक जोरदार झटका तो लगा ही है.

Advertisement
Advertisement