scorecardresearch
 

आखिर क्या है जगेंद्र सिंह की मौत का सच?

पहले उसे धमकाया गया फिर उसे पिटवाया गया और जब इससे भी बात नहीं बनी तो फिर उसके घर में घुस कर, उसके बेटे के सामने उस पर पेट्रोल डाल कर उसे जिंदा जला दिया गया.

Advertisement
X

पहले उसे धमकाया गया फिर उसे पिटवाया गया और जब इससे भी बात नहीं बनी तो फिर उसके घर में घुस कर, उसके बेटे के सामने उस पर पेट्रोल डाल कर उसे जिंदा जला दिया गया. वो सात दिन तक जिंदगी की जंग लड़ता रहा लेकिन आखिर में वो मौत के आगोश में सो गया. मरने से पहले भी उसने हिम्मत नहीं हारी और उसने कैमरे पर आखि‍री गवाही दी.

Advertisement

पत्रकार जगेंद्र सिंह को जिंदा जला कर मारने की कोशिश की गई और अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. उनकी मौत का इल्जाम उन कानून के मुहाफिजों पर लगा जिनका फर्ज़ उनकी हिफाजत करना था. इतना ही नहीं, उनके खून के छीटें उत्तर प्रदेश सरकार के एक मंत्री के दामन पर भी लगे हैं.

मंत्री राममूर्ति वर्मा पर जगेंद्र सिंह की हत्या और हत्या की साजि‍श रचने का केस दर्ज हो चुका है. लेकिन मंत्री जी का कहीं कोई अता-पता ही नहीं है. वो हैं कहां हैं किसी को मालूम नहीं है.

जगेंद्र सिंह एक लंबे वक्त से पत्रकारिता कर रहे थे. अपने पत्रकारिता के करियर में उन्होंने कई हिंदी अखबारों के लिए काम भी किया. लेकिन पिछले एक साल से उन्होंने फेसबुक पर शाहजहांपुर समाचार के नाम से एक अकाउंट बनाया था. इस पेज पर वो खबरें लिखा करते थे. दरअसल इलाके में उनकी छवि एक निर्भीक और निडर पत्रकार की थी.

Advertisement
Advertisement