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शीना से स्वर्णिम तक....

जिस उम्र में उसे मां-बाप का खिलौना होना चाहिए, उस उम्र में ही उसके हाथों में दर्द की डायरी थमा दी गई. वो डायरी जिसमें उसने अपने सारे रिश्ते, सारे जज़्बात, सारी भड़ास, सारे गम उंडेल डाले.

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शीना से स्वर्णिम तक....
शीना से स्वर्णिम तक....

जिस उम्र में उसे मां-बाप का खिलौना होना चाहिए, उस उम्र में ही उसके हाथों में दर्द की डायरी थमा दी गई. वो डायरी जिसमें उसने अपने सारे रिश्ते, सारे जज़्बात, सारी भड़ास, सारे गम उंडेल डाले. तब 14 साल की ही थी शीना जब उसने डायरी लिखनी शुरू की और फिर उस डायरी में वो सब कुछ लिखा जो वो देख रही थी, जो वो सोच रही थी, जो वो झेल रही थी. मां इंद्राणी से नफरत और मोहब्बत की कहानी लिखी, तो बाप सिद्धार्थ दास की बेबसी को कागज पर उकेर दिया. मां की पीटर से शादी का दर्द लिखा तो नाना-नानी की कहानी लिखी.

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शुरूआत में शीना अपनी मां इंद्राणी को बहुत प्यार करती थी. उसे मिस करती थी. उसने डायरी में लिखा है 'मुझे नहीं पता कि मां मुझे याद करती है या नहीं लेकिन वो मेरी मां हैं और मैं उन्हें चाहती हूं.' शीना जब तक जिंदा रही इस रिश्ते के बोझ से घुटती रही. मां की ममता के बजाय उसे मां की नफरत हासिल हुई. 11 फरवरी 2003 को उसने लिखा 'ओह...हैप्पी बर्थडे टू मी...लेकिन मैं खुश नहीं..ऐस लगता है कि मेरी जिंदगी में कुछ भी नहीं. मुझे मेरा भविष्य अंधकार में नजर आता है. मैं चारो तरफ से मायूसी से घिरी हूं. मुझे अपनी जिंदगी से घिन आती है. मैं अपनी मां से नफरत करती हूं. वो मां नहीं बल्कि डायन है.'

इस इबारत से साफ है कि शीना और इंद्राणी के बीच बहुत ज्यादा नफरत थी. शीना मां का प्यार चाहती थी लेकिन मिली नफरत. ये खुलासा शीना की डायरी में दर्ज है. शीना की डायरी ये भी इशारा करती है कि पीटर मुखर्जी और इंद्राणी की शादी से शीना के नाना-नानी काफी खुश थे. जबकि शीना पीटर और इंद्राणी की शादी से नाखुश थी. 12 फरवरी 2003 को शीना ने लिखा कि 'अब जब उसने एक बूढ़े व्यक्ति से शादी कर ली है तो मेरे नाना-नानी बेहद सम्मानित महसूस कर रहे हैं. लेकिन मैं ऐसा नहीं मानती, मैं उससे नफरत करती हूं. भगवान करे कि उसे नर्क में जगह न मिले, मेरी बहुत शिकायतें हैं. मैं रोना चाहती हूं. लेकिन कब कहां और किसके सामने पता नहीं.'

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इंद्राणी शीना से इस हद तक नफरत करती थी कि लंबे समय तक दोनों के बीच बातचीत नहीं होती थी. शीना ने अपनी डायरी में इस बात का जिक्र किया है कि उसे नहीं लगता कि उसकी उसे याद भी करती होगी. 4 जुलाई 2002 को शीना ने लिखा कि 'मैं ये अच्छी तरह जानती हूं कि आपसे प्यार करने के चलते नाना-नानी मुझे पसंद नहीं करते और मम्मी के बारे में क्या कहूं मुझे पता नहीं कि वो मुझे याद भी करती है या नही. मैं उसे मां के तौर पर याद भी नहीं रखना चाहती. मैंने अभी मां शब्द कहा और मैं इसे अपनी बदनसीबी समझती हूं.

एक बच्चा मां शब्द बोलना भी अपनी बदनसीबी समझे तो दर्द की इंतेहा ही समझिए. शीना की डायरी उसके मन में धधकते गुस्से और बेबसी का इजहार है. शीना का हरेक हर्फ यही कहता है कि इंद्राणी और उसका रिश्ता मां-बेटी का नहीं नफरत का था. मां इंद्राणी से भले शीना नफरत करती थी, मगर उसे अपने पिता सिद्धार्थ दास से बेहद प्यार था. शीना की डायरी पढ़ कर लगता है कि शीना और सिद्धार्थ दास के रिश्ते काफी अच्छे थे. हालांकि कहीं-कहीं डायरी में शीना ने सिद्धार्थ दास से भी नाराज़गी दिखाई है. और ना मिलने आने के लिए शिकायत भी की है. अपने पिता से दूरी का अहसास शीना को कैसे तड़पाता था ये उसकी डायरी पढ़ कर पता चलता है.

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शीना ने लिखा है कि 'प्यारे डैडी, मैं आपको खत भेजना चाहती हूं. पर मेरे पास ख़त भेजने के लिए लिफाफे नहीं हैं और मुझे तो ये भी नहीं मालूम कि ये लिफाफे कहां मिलते हैं. मैं उनको लिफाफे लाने के लिए भी नहीं कह सकती क्योंकि वो नहीं चाहते कि मैं आपको खत लिखूं. पर मुझे आपको ढ़ेर सारी बाते लिखनी हैं क्योंकि मैं आपको बहुत मिस करती हूं. मैं आपको बहुत प्यार करती हूं. डैडी मैं जानती हूं कि आप भी मुझे बहुत प्यार करते हो.

शीना हमेशा ये चाहती थी कि उसके पिता उसके पास गुवाहाटी आकर रहें. स्कूल की छुट्टियों में उसके साथ हों. ये तो डायरी के वो चंद पन्नें हैं जो सामने आए हैं. पूरी डायरी में शीना के ना जाने कितने ही गम सयाही से सूखे पड़े हैं.

बेटी शीना बोरा की हत्या के आरोप में इंद्राणी मुखर्जी लॉक अप में बंद है. उसकी एक बेटी तो मां के प्यार के लिए तरसती रही लेकिन दूसरी बेटी विधि से मिलने के लिए इंद्राणी तड़प रही है. विधि ब्रिटेन के ब्रिस्टल में एक संगीत कॉलेज में पियानो बजाना सीख रही है. उसे अपनी पढ़ाई के लिए विदेश जाना है लेकिन उससे पहले इंद्राणी हर मुमकिन कोशिश में लगी है कि वो अपनी बेटी से मिल ले. आजतक को मिली जानकारी के मुताबिक इंद्राणी ने अपने वकीलों से कहा है कि 'आप हर मुमकिन कोशिश करो कि विधि के विदेश जाने से पहले मैं उससे मिल लूं.'

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अपनी संगीत क्लासेज अटेंड करने के लिए विधि को बुधवार को ब्रिस्टल जाना था लेकिन उसने अपनी मां से मिलने के लिए विदेश जाना टाल दिया. अब इंद्राणी के वकीलों ने मुंबई पुलिस के सामने दरखास्त लगाई है कि वो इंद्राणी और विधि को अकेले में मुलाकात करने की इजाजत दें.

उधर इंद्राणी अपनी दूसरी बेटी विधि से मिलने के लिए तड़प रही है तो पीटर मुखर्जी दूसरे दिन भी लंबी पूछताछ के दौर से गुजरे. मुंबई में गुरुवार की सुबह करीब साढ़े ग्यारह बजे पीटर मुखर्जी खार पुलिस स्टेशन पहुंचे. पूछताछ के दूसरे दिन पीटर मुखर्जी घंटों सवाल किए गए. पीटर मुखर्जी से देर शाम तक पूछताछ होती रही. पुलिस ने पीटर से संपत्ति और हत्या की वजह से जुड़े सवाल पूछे. पीटर से पुलिस ने पूछा कि हत्या की वजह क्या हो सकती है तो पीटर ने जवाब दिया कि वो समझ नहीं पा रहे हैं कि हत्या की वजह आखिर है क्या है. किसी भी प्रोपर्टी में शीना का शेयर नहीं था जबकि इंद्राणी शीना का खर्च खुद उठाती थी. इसलिए वो नहीं जानते कि हत्या का मकसद क्या हो सकता है. पुलिस ने इंद्राणी और पीटर से एक जैसे सवाल पूछे हैं लेकिन कुछ सवालों के जवाब अलग-अलग हैं इसलिए पुलिस पीटर को भी घेरकर सच जानने की कोशिश में जुटी है.

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