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हां...मैंने मारा है ओसामा बिन लादेन को!

ओसामा बिन लादेन की मौत के साढ़े तीन साल बाद तक पूरी दुनिया उन लोगों के बारे में जानने को बेताब रही जिन्होंने दुनिया के सबसे खतरनाक और सबसे बड़े आतंकी को मौत के घाट उतारा और वो भी उसके सिर पर गोली मारकर. वो कौन लोग हैं, कैसे दिखते हैं और ऐसे खतरनाक ऑपरेशन को कैसे अंजाम देते हैं. तो अब ये बातें राज नहीं रहेंगी क्योंकि अब उस शख्स ने अपना मुंह खोलने का इरादा किया है जिसने ऑपरेशन नेप्च्यून स्पियर में पहली गोली चलाई. पहली बार दुनिया किसी अमेरिकी फौजी के मुंह से सुनने जा रही है जो कह रहा है कि हां, मैंने मारा है ओसामा बिन लादेन को.

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Symbolic Image
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ओसामा बिन लादेन की मौत के साढ़े तीन साल बाद तक पूरी दुनिया उन लोगों के बारे में जानने को बेताब रही जिन्होंने दुनिया के सबसे खतरनाक और सबसे बड़े आतंकी को मौत के घाट उतारा और वो भी उसके सिर पर गोली मारकर. वो कौन लोग हैं, कैसे दिखते हैं और ऐसे खतरनाक ऑपरेशन को कैसे अंजाम देते हैं. तो अब ये बातें राज नहीं रहेंगी क्योंकि अब उस शख्स ने अपना मुंह खोलने का इरादा किया है जिसने ऑपरेशन नेप्च्यून स्पियर में पहली गोली चलाई. पहली बार दुनिया किसी अमेरिकी फौजी के मुंह से सुनने जा रही है जो कह रहा है कि हां, मैंने मारा है ओसामा बिन लादेन को.

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यानी पूरे साढ़े तीन साल पहले जब ओसामा की मौत की तस्वीरें सारी दुनिया के टीवी स्क्रीन पर उभरी थीं तो तमाम लोग दम साधकर एक एक हरकत को गौर से देख रहे थे. कोई भी इन तस्वीरों का एक फ्रेम भी जाया नहीं जाने देना चाहता था क्योंकि न जाने तस्वीर के किस हिस्से में उन्हें वो नजर आ जाए जिसे देखने के लिए तमाम दुनिया की निगाहें हर वक्त टीवी स्क्रीन पर लगी रहती थीं. और इस ऑपरेशन के मुकम्मल होते ही दुनिया भर के तमाम अमन पसंद लोगों के चेहरे खुशी से खिल उठे थे.

ऑपरेशन नेप्च्यून स्पियर की कामयाबी के बाद अमेरिका ने न सिर्फ बड़े ही गुपचुप तरीके से दुनिया के सबसे बड़े आतंकी ओसामा की लाश को ठिकाने लगाया था बल्कि इस बात का खासतौर पर ख्याल रखा गया था कि जैसे भी हो इस ऑपरेशन में शामिल मरीन और ऑपरेशन को डिजाइन करने वाले सेना के बड़े अधिकारियों में से किसी की पहचान का कोई खुलासा न होने पाए.

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लेकिन इस सच के सामने आते ही पूरी दुनिया अब उस सच को जानने के लिए बेताब है जो इस अमेरिकी मरीन के सीने में दफ्न है. सारी दुनिया के सामने आकर रॉबर्ट ओ नील ने दावा किया है कि उसे अब किसी से डर नहीं लगता. उसने ही दुनिया के सबसे बड़े आतंक को मार गिराया था. पाकिस्तान के एबटाबाद के एक मकान में लादेन को आखिरी बार देखने वाले शख्स ओ नील ही थे. उन्होंने करीब से लादेन के सिर में तीन गोलियां मारी थीं.

अमेरिकी सरकार ने अब तक इस कमांडो की पहचान छुपाकर रखी थी। लेकिन अपनी तंगहाली और सरकारी अनदेखी का हवाला देते हुए कमांडो रॉबर्ट ओ नील ने खुद एक चैनल को इंटरव्यू देने का खुलासा कर दिया है. और अब तक सामने आई जानकारी के मुताबिक 38 साल के रॉबर्ट अगले हफ्ते पहली बार अमेरिकी टीवी चैनल फॉक्स टीवी न्यूज के दो एपीसोड के इंटरव्यू में दुनिया से रूबरू होंगे.

सेना से रिटायरमेंट ले चुके नेवी सील कमांडो के दुनिया के सामने आने के इस फैसले से अमेरिकी रक्षा महकमें में अच्छी खासी हलचल और बेचैनी है. जिस रॉबर्ट ओ नील ने दुनिया के सबसे बड़े आतंक का खात्मा किया आखिर वो दुनिया को वो सारी बातें क्यों बता रहा है. ये राज भी अब करीब करीब फाश हो चुका है. दुनिया जान चुकी है कि अपने हालात से लड़ते लड़ते वो सख्तजान फौजी अब कमजोर पड़ रहा है.

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गौरतलब है कि 2 मई 2011 को दुनिया के मोस्ट वॉन्टेड टेररिस्ट ओसामा बिन लादेन का खात्मा हुआ था और इसके साथ ही दस साल बाद अमेरिका ने 9/11 का बदला लिया था. अब तक के सबसे बड़े और ख़तरनाक ऑपरेशन में अमेरिका ने पाकिस्तान में घुसकर ओसामा को मारा था. सिर्फ 38 मिनट के ऑपरेशन में ओसामा-बिन-लादेन खत्म हो गया. लेकिन आप ये जानकार हैरान रह जाएंगे कि इस 38 मिनट की तैयारी 9 साल से चल रही थी.

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