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इस प्रोफेसर के नाम से ISIS भी खाता है खौफ!

कुछ साल पहले तक वह एक यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर था. बच्चों को पढ़ता था. लेकिन फिर कुछ ऐसा हुआ कि उसने अपनी नौकरी छोड़ कर बंदूक उठा ली. उसके बाद जो हुआ वो पूरी दुनिया के लिए नज़ीर बन गया. अखबारों की सुर्खियों के साथ साथ फेसबुक पर उसकी बहादुरी के किस्से दर्ज हो गए. जी हां, इस शख्स का नाम अयूब अज़रेल है. आईएसआईएस के आतंकवादी उसके नाम से ख़ौफ़ खाते हैं.

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वारदात
वारदात

कुछ साल पहले तक वह एक यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर था. बच्चों को पढ़ता था. लेकिन फिर कुछ ऐसा हुआ कि उसने अपनी नौकरी छोड़ कर बंदूक उठा ली. उसके बाद जो हुआ वो पूरी दुनिया के लिए नज़ीर बन गया. अखबारों की सुर्खियों के साथ साथ फेसबुक पर उसकी बहादुरी के किस्से दर्ज हो गए. जी हां, इस शख्स का नाम अयूब अज़रेल है. आईएसआईएस के आतंकवादी उसके नाम से ख़ौफ़ खाते हैं.

सीने पर बुलेटप्रूफ जैकेट, एक हाथ में एसाल्ट राइफल तो दूसरे हाथ में कुल्हाड़ी और निशाने पर आईएसआईएस के आतंकी. बस अबू अज़रेल को कुछ इसी अंदाज़ में इराक के अलग-अलग शहरों में आईएसआईएस के खिलाफ लड़ता हुआ देखा जा सकता है. वह अपनी जीत का जश्न आईएसआईएस के आतंकवादियों से बात कर और उन पर तंज़ करके मनाता है. वह आईएसआईएस के 500 आतंकवादियों को मार चुका है.

कत्ल-ए-आम देख छोड़ी नौकरी
सूत्रों के मुताबिक, 40 साल का अयूब इरान का नागरिक है. वहां कि यूनिवर्सिटी में प्रफेसर था. वह ताइक्वांडो का चैंपियन भी रह चुका है. इराक में आईएसआईएस के शिया मुसलमानों के क़त्ल-ए-आम को देखने के बाद उसने नौकरी छोड़ दी. वह इमाम अली ब्रिगेड में शामिल हो गया. यह ब्रिगेड शिया मिलिशिया ग्रुप है जो इराक में आईएसआईएस के खिलाफ लड़ रही है. जल्द ही अबू इस ग्रुप का कमांडर बन गया.

हिम्मत की कायल है दुनिया
आज अबू की शोहरत का आलम ये है कि दुनियाभर के लोग उसकी हिम्मत के कायल हो चुके हैं. उसके फैन्स ने फेसबुक पर उसके नाम से कई क्लब, कम्यूनिटी और पेज बना रखे हैं. इन पर सिर्फ और सिर्फ अबू अज़रेल के बहादुरी के किस्से दर्ज हैं. उस पर कार्टून और गाने भी बन चुके हैं. वह शादी-शुदा है. उसके पांच बच्चे हैं. वह जंग के बाद परिवार के साथ वक्त बिताना पसंद करता है. जहां भी जाता है लोग उसके ऑटोग्राफ लेने के लिए उमड़ पड़ते हैं.

ISIS के खिलाफ़ महिला ब्रिगेड
सीरिया में आईएसआईएस के जुलमोसितम के खिलाफ़ एक महिला ब्रिगेड ने हथियार थाम लिए हैं. ये ब्रिगेड आईएसआईएस के आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब देगी. ब्रिगेड की मुखिया के मुताबिक उन्होंने अपने ज़मीन, घरबार कि हिफ़ाज़त के लिए आईएसआईएस के खिलाफ़ हथियार उठाए हैं. ये सभी ज़रुरत पड़ने पर उनके खिलाफ़ जंग लड़ने के लिए तैयार हैं. इसमें 45 औरतें हैं. सभी सीरिया के एक शहर अल-शाम की रहने वाली हैं.

इनका नाम सुन हलक में अटक जाती है जान
इस लड़की का नाम भर सुनने से आईएसआईएस से ख़ूंखार आतंकवादियों के पसीने छूटने लगते हैं. जान हलक में अटक जाती है. क्योंकि वो है यू.ए.ई. के एयरफोर्स की पहली महिला पायलट, जो जब आसमान में उड़ती है, तो ऊपर आसमान से आतंकवादियों पर बस मौत बरसाती है. मरियम एफ-16 फेल्कन लड़ाकू विमान में बैठ सीरिया में छिपे आईएसआईएस के आतंकियों पर बम बरसा कर उन्हें और उनके ठिकानों को नेस्तानाबूद कर रही हैं.

साल 2007 में अपनी ग्रेजुएशन पूरी करने के बाद मरियम यूएई की वायुसेना में भर्ती हो गईं. अपनी काबलियत के बूते वो देश की वायुसेना की पहली लड़ाकू विमान उड़ाने वाली महिला बन गई. मरियम के मुताबिक वो हाई स्कूल से ही पायलट बनाना चाहती थीं. लेकिन तब यूएई में महिलाओं के वायुसेना में भर्ती होने पर पाबंदी थी. इसलिए वो स्कूल पूरा होने के बाद आर्मी में शामिल हो गईं.

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