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तमाशा-ए-तिहाड़: सुरक्षा इंतजाम को ठेंगा दिखा फरार हुए कैदी

दुनिया का कोई भी कैदी जेल की चारदीवारी में कैद रहना नहीं चाहता. इतिहास गवाह है कि हर दौर में हर शहर में जेल तोड़ कर भाग निकलने की कोशिशें होती रही हैं. कई बार ये कोशिशें कामयाब भी हुई हैं. जेल से भागने के लिए कैदियों ने हमेशा अलग-अलग तरीके अपनाए हैं. मगर इस बार तिहाड़ जेल के दो मामूली कैदियों ने जेल से भागने के लिए जो तरीका अपनाया वो वाकई तमाशा-ए-तिहाड़ ही था.

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तमाशा-ए-तिहाड़
तमाशा-ए-तिहाड़

दुनिया का कोई भी कैदी जेल की चारदीवारी में कैद रहना नहीं चाहता. इतिहास गवाह है कि हर दौर में हर शहर में जेल तोड़ कर भाग निकलने की कोशिशें होती रही हैं. कई बार ये कोशिशें कामयाब भी हुई हैं. जेल से भागने के लिए कैदियों ने हमेशा अलग-अलग तरीके अपनाए हैं. मगर इस बार तिहाड़ जेल के दो मामूली कैदियों ने जेल से भागने के लिए जो तरीका अपनाया वो वाकई तमाशा-ए-तिहाड़ ही था.

देश की सबसे मशहूर और महफूज जेलों में से एक दिल्ली की तिहाड़ जेल है. इसके बारे में पुरानी कहावत है कि यहां परिंदा भी अपनी मर्जी से पर नहीं मार सकता है. उसी जेल के शानदार इतिहास पर दो कैदियों ने एक बदनुमा दाग लगा दिया है. इन दोनों ने जेल की चारदीवारी के अंदर हर उस सुरक्षा इंतजाम को ठेंगा दिखा दिया, जिस पर ये जेल और उसके जेलर आजतक नाज़ करते आ रहे थे.

ऐसे भागे दोनों कैदी
तिहाड़ के जेल नंबर सात में कुल 837 कैदी बंद हैं. इन्हीं में दो कैदी थे फैजान और जावेद . फैजान और जावेद जेल नंबर 7 में बंद थे. दोनों पर आर्म्स एक्ट और लूटपाट की कोशिश के मामले दर्ज हैं. फैजान तो पहली बार 24 जून को तिहाड़ आया था. जावेद दो जून को ही तिहाड़ आ गया था. हालांकि, जावेद इससे पहले भी तिहाड़ में रह चुका था. दोनों दिल्ली के ही रहने वाले हैं.

नाले के पास मिला फैजान
रमज़ान का महीना चल रहा है, इसलिए तिहाड़ में एक रोजा सेल बनाया गया है. इसमें सिर्फ रोजा रखने वाले कैदी ही रहते हैं. 27 जून की शाम को कैदियों की गिनती शुरू हुई तो पता चला कि दो कैदी कम हैं. पूरी रात की तालशी के बाद अगली सुबह दो में से एक कौदी फैजान तिहाड़ के गेट नंबर एक के बाहर नाले के पास से पकड़ा गया. जबकि दूसरा कैदी जावेद फरार होने में कामयाब रहा.

13 फुट ऊंची दीवार फांदी
सूत्रों के मुताबिक, सबसे पहले दोनों ने जेल नंबर सात की 13 फुट ऊंची दीवार फांदी. इसके बाद वो जेल नंबर 7 और 8 के बीच में पहुंच गए. फिर उन्होंने 13 फुट की एक और दीवार फांदी. उसके बाद उनके सामने 16 फुट की एक और दीवार थी , जो 2 फुट चौड़ी थी. इसमें उन्होंने छेद किया और फिर जेल के बाहर निकलने वाले नाले तक पहुंच गए. नाले के पास फैजान पकड़ा गया, जबकि जावेद निकल भागा.

फिल्मी अंदाज में हुए फरार
दोनों कैदियों ने अपने वार्ड के ट्वायलेट की शीट हटाई. वहां कुछ खुदाई की, फिर सीवर लाईन तक पहुंच गए. इसके बाद इसी सीवर लाइन के अंदर से होते हुए जेल नंबर एक के बाहर नाले तक जा पहुंचे. सीवर लाइन जेल के अंदर से होते हुए इसी नाले पर आकर खत्म होता है. वार्ड के अंदर ट्वायलेट से इस नाले तक की दूरी करीब एक किलोमीटर है. सीमेंट की सीवर लाइन इतनी चौड़ी है कि उसमें से रेंगते हुए कोई भी बाहर निकल सकता है.

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