केन्या की इस यूनिवर्सिटी के ईसाई छात्र त्योहार से पहले खास प्रार्थना की तैयारियों में लगे थे, इतने में जैसे ही घड़ी की सुइयों ने सुबह के साढ़े पांच बजाए अचानक गोलियों की आवाज से गरिसा यूनिवर्सिटी का कॉलेज कैंपस दहल उठा. सितम देखिए कि जब पहली गोली चली, तो कुछ लोगों ने इसे पटाखे की आवाज समझी और कुछ ने अप्रैल फूल की शरारत. लिहाजा, गोली की आवाज सुन कर जब छात्रों ने एक-दूसरे को आगाह करने की कोशिश की, तो लोगों ने इसे हल्के में लिया. नतीजा ये हुआ कि देखते ही देखते आतंकवादी पूरे कॉलेज के साथ-साथ हॉस्टल कैंपस में भी दाखिल हो गए और चुन-चुन कर छात्रों को निशाना बनाने लगे.
आतंकवादियों ने जब हॉस्टल पर धावा बोला, तो ज्यादातर छात्र सो रहे थे. गोली की आवाज सुनते ही जब छात्रों ने भागने की कोशिश की तो आतंकवादियों ने उनका रास्ता रोक लिया. लेकिन इसके बाद उन्होंने जो कुछ किया, वो अपने-आप में बेहद अजीब था. आतंकवादियों ने एक-एक कर छात्रों ने उनका नाम और धर्म पूछना शुरू किया. इसके बाद उन्होंने मुस्लिम छात्रों को जहां मौके से भाग निकलने की इजाज़त दी, वही चुन-चुन कर ईसाइयों को गोलियों का निशाना बना दिया. हद तो तब हो गई, जब कुछ आतंकवादियों ने पकड़े गए ईसाई छात्रों का उनके ही साथियों के गला रेत दिया.
हमले की खबर मिलते ही केन्याई पुलिस और फौज ने पूरे यूनिवर्सिटी कॉलेज कैंपस को घेर लिया और एक-एक कर छात्रों को बाहर निकाला जाने लगा. लेकिन आतंकवादियों के कमरों में छिपे होने की वजह से इस ऑपरेशन में 13 घंटे से भी ज्यादा का वक्त लगा और इस दौरान 145 छात्रों समेत कुल डेढ़ सौ लोग मारे गए. मरनेवाले बाकी लोगों में, दो पुलिसकर्मी, कॉलेज के दो सुरक्षा गार्ड और एक सैनिक शामिल है. ऑपरेशन पूरा होने के बाद केन्याई ऑथोरिटी ने ये साफ किया आतंकवादियों की कुल तादाद 5 थी, जिनमें से एक को गिरफ्तार कर लिया, जबकि जिस्म में बम बांध कर आए बाकी के चार गोली लगने से उड़ गए और उनके जिस्म से बड़ी तादाद में स्प्लिंटर्स और छर्रे बाहर निकले.
केन्या की राजधानी नैरोबी में साल 1998 में यूएस एंबेसी में हुए आतंकवादी हमले के पूरे 17 साल ये देश का दूसरा सबसे बड़ा आतंकवादी हमला था. अमेरिकी दूतावास में हुए हमले में जहां कुल 200 लोग मारे गए थे, वहीं इस हमले में अब तक डेढ़ सौ जानें गई हैं और बड़ी तादाद में लोग ज़ख्मी हो कर अस्पताल में भर्ती हैं. इत्तेफ़ाक से इस हमले की ज़िम्मेदारी भी उसी सोमालियाई आतंकवादी संगठन अल-शबाब ने ली है, जिसने साल 2013 में केन्या के वेस्ट गेट मॉल में अंजाम दिए गए ख़ौफ़नाक आतंकवादी हमले में 67 लोगों की जान ले ली थी.