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दुनिया की जानी-मानी हसीनाएं ले रही हैं ISIS से लोहा

आतंकवादी संगठन आईएसआईएस से जहां एक तरफ लोग कांप रहे हैं वहीं दूसरी ओर जानी-मानी हसीनाएं इनसे सीधे तौर पर लोहा ले रही हैं. तीन महिलाएं ऐसी हैं जिन्होंने अपनी ऐशो-आराम की जिंदगी छोड़कर आईएसआईएस की हर चाल का मुंहतोड़ जवाब देने का रास्ता चुना है.

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आईएसआईएस का सीधा सामना कर रही हैं ये महिलाएं
आईएसआईएस का सीधा सामना कर रही हैं ये महिलाएं

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इन दिनों आतंकवादी संगठन आईएसआईएस से तीन हसीनाएं सीधे तौर पर लोहा ले रही हैं. दुनिया के अलग-अलग मुल्कों से आनेवाली बेहद ख़ूबसूरत और दिलकश इन हसीनाओं का ताल्लुक भी वैसे तो अलग-अलग पेशे से है, लेकिन फिर भी इन लड़कियों में एक बात ऐसी ज़रूर है, जो इनका ज़िक्र एक साथ करने की वजह बनती है, और वो है आईएसआईएस की ज़्यादतियों को लेकर इनके सीने में उठती तड़प. इसी तड़प की बदौलत ही तीनों ने ना सिर्फ़ अपने शानदार करियर की कुर्बानी दे दी, बल्कि खुद अपनी ज़िंदगी तक दांव पर लगा कर सीधे दुनिया के सबसे ख़ौफ़नाक आतंकवादियों से दो-दो हाथ करने निकल पड़ी. किसी ने साइबर वर्ल्ड में आईएसआईएस की हर चाल को मुंह तोड़ जवाब देने के लिए हैकिंग का रास्ता चुना, तो किसी ने आईएसआईएस की मांद में घुस कर उन जल्लादों के होश ठिकाने लगाने का फ़ैसला किया...

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इन लड़कियों में सबसे पहले नाम आता है जॉर्डन की ब्यूटी क्वीन लारा अब्देलात का. मध्य एशियाई मुल्क जॉर्डन की रहनेवाली लारा अब्देलात ने जब साल 2010 मिस जॉर्डन और 2011 में मिस अरब वर्ल्ड का खिताब जीता था, तो दूर-दूर तक उसके दिमाग़ में ये बात नहीं थी कि उसकी आनेवाली ज़िंदगी कभी आतंकवादियों से लोहा लेते हुए गुज़रेगी... लेकिन इसके तक़दीर का लिखा कहिए या फिर दूसरों के लिए कुछ कर गुज़रने की ख्वाहिश.लारा ने मॉडलिंग या फिल्मों जैसे चकाचौंध भरे करियर के बदले एक हैकर के तौर पर आईएसआईएस को सबक सिखाने का रास्ता चुना और बन गई हैक्टिविस्ट. अपनी अदाओं से लाखों दिलों पर राज करनेवाली 33 साल लारा अब्देलात आज काउंटर टेररिज़्म का काम करनेवाले घोस्ट सिक्योरिटी नाम के एक ग्रुप की इंटेलिजेंस टीम की मेंबर है, और ये ग्रुप इंटरनेट की दुनिया में आईएसआईएस के तमाम साइट्स और नेटवर्क को नेस्तनाबूत करने का काम करता है. फिर चाहे वो आतंकवादियों की प्रोपेगैंडा साइट हो या फिर रिक्रूटमेंट के लिए नौजवानों को बरगलाने का कोई चैनल.

वैसे इस जंग में लारा अकेली नहीं है. बल्कि लारा से भी कहीं आगे बढ़ कर सीधे आईएसआईएस के गढ़ में घुस कर उन्हें चुनौती देनेवाली हसीनाओं की कहानी भी रोमांच से भर देती है. कनाडा में जन्मी जिल रोज़ेनबर्ग दुनिया की पहली ऐसी विदेशी लड़की है जो कुर्दिश फ़ौजों के साथ मिलकर मध्य पूर्व के देशों में आईएसआईएस के साथ आमने-सामने की जंग लड़ चुकी है. जिल होश संभालते ही इज़ारयली फ़ौज के साथ काम करने के लिए इज़रायल पहुंच गई थी. वहां उसने इज़रायली आर्मी में बतौर फ़ौजी के तौर पर काम तो किया ही, हर तरह की ट्रेनिंग भी हासिल की लेकिन जैसे ही आईएसआईएस के जल्लादों ने दुनिया में सिर उठाना शुरू किया, उनकी करतूतों की कहानी सुन कर जिल का दिल रो पड़ा. जिल के लिए ये बात नाकाबिले बर्दाश्त थी कि कोई किसी बेगुनाह की जान ले, औरतों और बच्चों को मारे और लड़कियों को यौन ग़ुलाम यानी सेक्स स्लेव बना कर रखे. लिहाज़ा, वो एक जांबाज़ लड़ाके की तरह सीधे सीरिया जा पहुंची और वहां उसने कुर्दिश लड़ाकों के साथ मिलकर आईएसआईएस का मुकबला करना शुरू कर दिया. जिल को जाननेवाले बताते हैं कि वो जब तक वो मैदान ए जंग में रही, आतंकवादियों की आंखों में आंखें डाल कर उनसे लड़ती रही, मौत के घाट उतारती रही.

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कनाडा की सुपर मॉडल रही टाइगर सन की कहानी तो सबसे अलग है. टाइगर सन अपने मुल्क में एक शानदार और ऐशो आराम भरी ज़िंदगी जी सकती थी. लेकिन इसके बावजूद उसने आईएसआईएस से भिड़ने का रास्ता चुना. दरअसल, टाइगर ने एक रोज़ एक ऐसा वीडियो देखा जिसमें आईएसआईएस के आतंकवादियों ने एक मासूम बच्ची के जिस्म में बम बांध कर उसे उड़ा दिया. ऐसी और भी वहशियाना तस्वीरों ने टाइगर सन को अंदर से झकझोर दिया और सीधे जा पहुंची सीरिया. जहां उसने कुर्दिश लड़ाकों की पीपल्स प्रोटेक्शन यूनिट्स यानी वाईपीजी के साथ आईएसआईएस के आतंकवादियों से सीधे-सीधे लड़ना शुरू किया. टाइगर क़रीब चार महीने तक मैदान ए जंग में डटी रही और इस दौरान उसने अनगिनत आतंकवादियों के दांत खट्टे किए और कई बेगुनाहों की जान बचाई. लेकिन मैदान ए जंग में अपने पांव ज़ख्मी होने जाने के बाद आख़िरकार उसे अपने घर लौटना पड़ा. टाइगर बेशक अब भी कनाडा में हो, लेकिन उसके दिल में वाईपीजी के लिए अब भी उतनी ही जगह है और सीरिया और इराक़ के बेगुनाह लोगों के लिए दिल आज भी तड़पता है.

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